वाशिंगटन । अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा का स्वागत किया है और कहा है कि इससे रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में सहायता मिल सकती है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भारत एक मजबूत साझेदार है, और प्रधानमंत्री का कीव जाना और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत करना, संघर्ष को समाप्त करने में सहायक हो सकता है। यह राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के न्यायपूर्ण शांति के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
उन्होंने कहा, यदि कोई अन्य देश यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए मदद करने को तैयार है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन मदद करने से हमारा मतलब है कि इसमें यूक्रेन के लोगों के साथ बातचीत शामिल होनी चाहिए, और इसकी शुरुआत इस बात को समझने से होनी चाहिए कि राष्ट्रपति जेलेंस्की इस मामले में क्या सोचते हैं।
शुक्रवार को जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत और कूटनीति से रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की सैद्धांतिक स्थिति और प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने क्षेत्र में शांति की शीघ्र वापसी के लिए सभी संभव तरीकों से योगदान करने के लिए भारत की तत्परता को भी दोहराया।
कीव में द्विपक्षीय चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक थी। मैं भारत-यूक्रेन मित्रता को गहरा करने के उद्देश्य से इस महान राष्ट्र में आया हूं। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी सार्थक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति हमेशा बनी रहनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और लोगों को स्वागत करने के लिए धन्यवाद देता हूं।
फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के कुछ सप्ताह बाद भारतीय छात्रों को देश से सुरक्षित निकालने में सहायता और समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की और यूक्रेनी अधिकारियों को धन्यवाद दिया।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने सभी पक्षों के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक जुड़ाव की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि ऐसे समाधान विकसित किए जा सकें जिन्हें व्यापक रूप से स्वीकार किया जाएगा और जो शांति की शीघ्र बहाली में योगदान देंगे।
इसमें यह भी कहा गया कि दोनों नेता भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक साझेदारी से रणनीतिक साझेदारी में ले जाने पर काम करेंगे।
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