देहरादून, प्रदेश मेे मातृ मृत्यु अनुपात एवं शिशु मत्यु दर को कम करना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ‘शीर्ष प्राथमिकता है। यह बात डा0 सरोज नैथानी निदेशक एन0 एच0 एम0 द्वारा कही गयी।
इस कार्यक्रम के लागू होने से गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच, प्रसव सम्बंधी सेवाओ एवं प्रसव के उपरांत होने वाले जटिलताओं आदि को कम करने में सहायक सिद्ध होगा।
डा0 नैथानी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने गुणवत्ता देखभाल मेें सुधार लाने और गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की सम्मानजन देखभाल सुनिश्चित करने हेतु उच्च डिलीवरी लोड सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में मिडवाइफ के नेतृत्व वाली देखभाल इकाइयों (एम0एल0सी0यू0) के माध्यम से परिकल्पित मिडवाइफ सेवाए प्रदान की जानी है।
डा0 नैथानी ने बताया प्रदेश में मौजूदा नर्स मिडवाइफरी जो चयन प्रक्रिया को पूरा करती है, उन्हें 18 महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजर कर मिडवाइफरी (एन0पी0एम0) में नर्स प्रैक्टिशनर के रूपमें तैयार किया जायेगा। एन0पी0एम0 हाई केस लॉड पब्लिक हेल्थ फैसिलिट्स में मिडवाइफ के नेतृत्व वाली देखभाल इकाइयों के माध्यम से देखभाल प्रदान करने में शामिल होंगे।
मिडवाइफरी एजुकेटर्स मास्टर ट्रेनर्स का पूल है, जिसे भारत मेें मिडवाइफरी पै्रक्टिस के लिये एन0पी0एम0 को प्रशिक्षित करने के लिये विकसित किया जायेगा।
डा0 नैथानी ने बताया वर्तमान मंें राज्य से 06 मिडवाइफरी एजुकेटरका चयन किया गया है। जिन्हें 06 माह का प्रशिक्षण नर्स मिडवाइफरी प्रशिक्षण संस्थान नर्सिग कॉलेज, मेरठमें प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण उपरान्त 06 चयनित मिडवाइफरी एजुकेटर को State मिडवाइफरी प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून में तैनात किया जायेगा।
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