देहरादून, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् उत्तराखण्ड़ द्वारा नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितता की हो सीबीआई जांच मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से महानिर्देशक एनटीए को ज्ञापन दिया। जिसमें प्रदेश सहमन्त्री किरण काठायत ने बताया कि
नीट-यूजी 2024 में व्याप्त विसंगतियों की सीबीआई जांच तथा एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में बेहतर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के संबंध में।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित नीट-यूजी 2024 की परीक्षा तथा परीक्षाफल में हुई अनियमितताओं तथा सुरक्षा खामियों, यथा – कुछ छात्रों को अधिक ग्रेस अंक देकर उनको एआईआर 1 जैसी जैसी उच्च रैंक देना, पेपर लीक की घटनाएं एवं एक ही परीक्षा केंद्र से कई छात्रों को उच्चतम रैंक प्राप्त होना, आदि जैसी विषयों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गंभीर चिंता व्यक्त करता है। इस तरह की सुनियोजित घटनाओं से NTA तथा इसके द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर आघात पहुंचा है और अभ्यर्थियों एवं अभिभावकों के लिए अनावश्यक परेशानी की स्थिति उत्पन्न हुई है। हमारा मानना है कि कदाचार की यह घटना नौकरशाह की अक्षमता का प्रत्यक्ष परिणाम है जिसने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित परीक्षाओं की अखंडता पर कुठाराघात किया है।
उपरोक्त विषयक चिंताओं के मद्देनजर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद निम्नलिखित बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग करती है :
-सीबीआई जांच : नीट-यूजी 2024 में घटित अनियमितताओं और कदाचारों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कराई जाए, दोषी पदाधिकारियों के ऊपर कानूनी कार्यवाई की जाए तथा जांच पूर्ण होने तक काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
-अनुग्रह अंकों का स्पष्टीकरण : कुछ छात्रों को आवंटित अनुग्रह अंकों का आधार तथा इसमें व्याप्त विसंगतियों पर अपना स्पष्टीकरण दें। छात्रों को अतिरिक्त समय देने की बजाय उनको अनुग्रह अंक देने का क्या कानूनी औचित्य है, इसकी भी स्पष्टीकरण आवश्यक है।
-परीक्षा की पूर्ण प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित किया जाए: भविष्य की सभी परीक्षाओं में धोखाधड़ी, कदाचार तथा पेपर लीक की किसी भी घटना को रोकने के लिए मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल का कार्यान्वयन करने की आवश्यकता है। इसमें परीक्षा केंद्रों पर कड़ी जाँच और निगरानी शामिल है।
-सरकारी संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए : भविष्य की परीक्षाओं को नियंत्रित और सुरक्षित वातावरण में सुनिश्चित करने के लिए इसे विशेष रूप से सरकारी संस्थानों में ही आयोजित किए जाने की आवश्यकता है।
-सरकारी कर्मचारी से विक्षण कराए जाने के संबंध में : परीक्षाओं में विक्षण का काम निजी एजेंसियों से कराने की बजाए इसे सरकारी कर्मचारियों से ही कराया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि जवाबदेही तय करने में आसानी हो और कदाचार की संभावनाओं पर अंकुश लग सके।
-परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता : आवेदन दाखिल करने से लेकर परिणामों की घोषणा तक परीक्षा प्रक्रिया के हर चरण में पारदर्शिता होनी चाहिए।
एनटीए की संस्थागत विश्वसनीयता को बहाल करने, परीक्षाओं में कदाचार को समाप्त करने तथा छात्रों एवं अभिभावकों में परीक्षा प्रक्रियाओं की अखंडता के प्रति विश्वास जागृत करने हेतु अभाविप आपसे उपरोक्त बिंदुओं पर तत्काल ठोस कदम उठाने का आग्रह करता है जिसमें प्रांत मीडिया संयोजक यशवंत पाँवर, विभाग संगठन मंत्री नागेंद्र बिष्ट, छात्रसंघ महासचिव सुमित कुमार, छात्रसंघ अध्यक्ष एसजीआरआर चंदन नेगी, छात्रसंघ अध्यक्ष देहरादून शहर रोविन तोमर, हन्नी सिसोदिया, नितिन चौहान, राहुल जुयाल, डीएवी छात्रसंघ सहसचिव चंद्रशेखर, नवदीप राणा, गोविंद रावत, आकाश, रितिक, देवेंद्र दानु, साहिल, परम गिल, आदि उपस्थित रहे।
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