ॠषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती छह मरीजों में ब्लैक फंगस म्यूकोरमाइकोसिस और एस्परजिलोसिस का मिश्रित संक्रमण मिला है। मरीजों में मिश्रित संक्रमण मिलने के बाद प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया |
संस्थान में 11 मरीजों में एस्परजिलोसिस के संक्रमण की भी पुष्टि हुई है। वहीं एम्स अब तक ब्लैक फंगस के 33 मरीजों की मौत हो चुकी है।
प्रदेश में ब्लैक फंगस म्यूकोरमाइकोसिस और एस्परजिलोसिस ने कोविड संक्रमितों पर डबल अटैक बोला है। एम्स निदेशक पद्मश्री रविकांत ने बताया कि एम्स में भर्ती छह कोविड संक्रमितों में फंगस कल्चर टेस्ट और बॉयोप्सी के बाद ब्लैक फंगस और एस्परजिलोसिस का मिश्रित संक्रमण मिला है।
उन्होंने बताया कि 11 मरीजों में एस्परजिलोसिस के संक्रमण की भी पुष्टि हुई है। एम्स की म्यूकोरमाइकोसिस कंट्रोल टीम मरीजों की जांच और उपचार में जुटी है। उन्होंने बताया कि एम्स में जांच के बाद अब तक ब्लैक फंगस के 182 केस मिले हैं।
उधर, एम्स की म्यूकोर माइकोसिस कंट्रोल टीम के प्रभारी और ईएनटी सर्जन डा. अमित त्यागी ने बताया कि ब्लैक फंगस के साथ अब एस्परजिलोसिस के मामले भी सामने आ रहे हैं। दोनों ही फंगल संक्रमण है। दोनों के इलाज के लिए ड्रग ऑफ चॉइस एम्फोटेरिसिन बी और लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन व एंटीफंगल दवाओं का प्रयोग किया जाता है। वहीं मंगलवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस के 28 नए मामले दर्ज किए गए। सोमवार को जहां प्रदेश में ब्लैक फंगस के 304 मामले थे, वहीं मंगलवार को इनकी संख्या 332 पहुंच गई। ब्लैक फंगस के दो मरीजों की मौत हुई। अब तक प्रदेश में 50 मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि 18 मरीज ठीक हो चुके हैं।
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