हरिद्वार, धर्मनगरी में फाल्गुन कांवड़ मेला चल रहा है और हरकी पैड़ी क्षेत्र में कांवड़ियों का हुजूम उमड़ा है। कांवड़ियों के इसी हुजूम के बीच मानवता और ममता दोनों शर्मसार हुई है। जहां किसी ने हरकी पैड़ी क्षेत्र में एक दिव्यांग बालिका को लावारिस अवस्था में छोड़ दिया।
रविवार सुबह हर की पैड़ी हाथी पुल के पास एक दिव्यांग बालिका राहगीरों को रोते बिलखते हुए मिली। दिव्यांग को रोता बिलखता देख लोगों ने इसकी सूचना हरकी पैड़ी चौकी पुलिस को दी। चौकी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल मुकेश डिमरी मौके पर पहुंचे। पुलिसकर्मी ने यह सोचकर कि परिजन से संभवत मासूम बिछुड़ गई होगी, वह उसे गोद में लेकर पूरे क्षेत्र में धूमता रहा। कई घंटे गुजरने के बाद भी परिजन नहीं मिले, न ही किसी ने स्थानीय पुलिस से संपर्क साधा।
थक हारकर पुलिसकर्मी मुकेश डिमरी मासूम को कोतवाली ले आए, जहां महिला पुलिस कर्मियों ने उसे संभाल लिया। परिजनों की जानकारी पूछने पर भी वह अपना नाम तक नहीं बता सकी। कोतवाली प्रभारी राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि मासूम दिव्यांग है।
संभावना जताई जा रही है कि उसके परिजन उसे दिव्यांग होने के कारण लावारिस छोड़ गए हैं। इधर पुलिस ने दिव्यांग बालिका को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द करने की तैयारी कर ली गई है। फिलहाल महिला पुलिसकर्मी दिव्यांग बालिका का ख्याल रख रही है। वहीं दिव्यांग बालिका के परिजनों को ढूंढने के लिए पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगालने का प्लान बना रही है।
शॉर्ट फिल्म ‘दो डस्टबीन क्यों है जरुरी’ से दिया आम लोगों को स्वच्छता का संदेश
हरिद्वार, स्वच्छता को लेकर जनपद के समाजसेवियों ने शहर को साफ, सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए शॉर्ट फिल्म बनाकर लोगों को दो डस्टबीन का प्रयोग कर साफ-सफाई में सहयोग के लिए जागरुक किया।
आम लोगों को स्वच्छता का संदेश देने के लिए बाबा दीप सिंह इनफोटेक के बैनर तले बनायी गयी लघु फिल्म में मुख्य भूमिका वरिष्ठ समाज सेवी डा.विशाल गर्ग ने निभाई है। डा.विशाल गर्ग ने ही फिल्म का निर्देशन भी किया। जबकि फिल्म का कांस्पेट सुयोग्य एकेडमी के संचालक शिक्षाविद भावेश पाठक ने तैयार किया। फिल्म की पटकथा वरिष्ठ समाजसेवी और पंजाबी महासभा के प्रदेश महामंत्री सुनील अरोड़ा ने लिखी। फिल्म का उद्धाटन होटल जगत इन में एडीएम पीएल शाह ने किया।
पत्रकारों से बात करते हुए एडीएम पीएल शाह ने कहा कि कचरा आज वैश्विक समस्या बन गया है। हरिद्वार तीर्थ नगरी है। जहां प्रतिवर्ष लाखों लोग आते हैं। ऐसे में हरिद्वार की सफाई व्यवस्था के लिए सभी को पहल करना जरुरी है। फिल्म के जरिए दो डस्टबीन क्यों है जरुरी का संदेश बहुत ही अच्छे तरीके से दिया गया है। इससे लोगों को घरों में दो डस्टबीन रखने की प्रेरणा मिलेगी।
फिल्म के निर्देशक डा.विशाल गर्ग ने बताया कि हरिद्वार नगर निगम शहर को साफ, स्वच्छ और सुंदर बनाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है। ऐसे में हम शहरवासियों की जिम्मेदारी है कि हम खुद ही पहल करे। शॉर्ट फिल्म लोगों को जागरुक करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसलिए ये फिल्म बनाई गयी है, ताकि शहर को स्वच्छ बनाया जा सके।
फिल्म की पटकथा और डायलॉग लिखने वाले समाजसेवी सुनील अरोड़ा ने बताया कि हरिद्वार हमारा अपना शहर है और इसको साफ रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है। इसलिए सभी को इसमें भागीदारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि दो डस्टबीन घर में रखकर गीला और सूखा कूडा अलग-अलग रखना बहुत जरुरी है।
वहीं फिल्म का कांस्पेट तैयार करने वाले शिक्षाविद भावेश पाठक ने बताया कि डोमेस्टिक वेस्ट की समस्या से तभी निपटा जा सकता है जब इसकी शुरुआत घर से हो। अगर हम अभी तैयार नहीं होंगे तो कल सराय में दिल्ली से भी बडा कचरे का पहाड खडा हो जाएगा, जो स्वास्थ्य के लिए भी बडी मुसीबत होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निस्तारण करना होगा और इसके लिए सोर्स सेगरीगेशन जरुरी है। इसमें घरों से निकलने वाले कचरे को सूखा और गीला अलग-अलग डस्टबीन में डालना होगा। तभी हम कचरे की महासमस्या से निपटकर अपने हरिद्वार को साफ स्वच्छ बना सकते हैं।
फिल्म में विवेक शर्मा, श्रद्धा शर्मा, गुंजन दुबे, निशा वर्मा, पूजा, योगिता शुक्ला, मनोज गौतम, उमरहयात, विक्रम सिंह, नंदू आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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