हल्द्वानी, इलाज में लापरवाही के आरोप में तीमारदार सुशीला तिवारी अस्पताल के
चिकित्सकों से ही भिड़ गए और दोनों पक्षों में बहस के बाद मारपीट शुरू हो गई। जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए। जिनका इलाज किया जा रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। दोनों पक्ष मामले में तहरीर दे रहे हैं।
सूचना पर पहुंचे एसपी सिटी डा. जगदीश चंद्र ने बताया कि डहरिया निवासी तीमारदार मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। तीमारदारों ने चिकित्सक पर मरीज को न देखने का आरोप लगाया। यहीं से कहासुनी शुरू हुई तो बात हंगामे तक पहुंच गई।
यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव प्रदीप नेगी ने बताया कि डहरिया निवासी योगेश सक्सेना के पिता प्रेम शंकर का रक्तचाप निम्न हो गया था। जिसके लिए वह सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे थे। जहां चिकित्सकों ने देखने के बजाय बदतमीजी करना शुरू कर दिया। ऐसे में बदतमीजी करने वाले चिकित्सक की पहचान करने के लिए योगेश ने साथ के तीन-चार दोस्तों को मौके पर बुला लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक रात करीब 10:30 बजे जूनियर डॉक्टरों ने सभी तीमारदारों को इमरजेंसी वार्ड में बंद करके मारपीट करनी शुरू कर दी। आरोप है कि लाठी-डंडों से लैस शराब के नशे में धुत जूनियर डॉक्टरों ने आरटीओ रोड निवासी उमेश बुधानी को गंभीर रूप से घायल घायल कर दिया है, साथ ही डहरिया निवासी मनोज बिष्ट को भी गंभीर चोटे आई हैं। जिन्हें इलाज के लिए बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उनके साथ भी मारपीट की गई है, जबकि छात्राओं ने तीमारदारों पर अभद्रता करने का भी आरोप लगाया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। हंगामे की सूचना पर एसपी सिटी डा. जगदीश चंद्र, सीओ सिटी शांतनु पाराशर, सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह, मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी मनवर सिंह आदि पहुंचे। हंगामा बढ़ता देख मौके पर पुलिस फोर्स भी बुला ली गई। हालांकि बाद में समझाने पर मामला शांत हो गया।
मारपीट की यह तीसरी घटना
हल्द्वानी के सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय की इमरजेंसी में डॉक्टरों व तीमारदारों के बीच मारपीट की यह 15 दिन में तीसरी घटना हो चुकी है। जबकि, दो घटनाओं की अभी जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है और तीसरी घटना हो चुकी है। इस तरह की घटना से एसटीएच प्रबंधन पर भी सवाल उठने लगे हैं।
मरीजों और तीमारदारों के बीच हुई मारपीट की इस घटना की जांच होगी। चिकित्सा अधीक्षक डॉ अरुण जोशी ने बताया कि घटना गंभीर है। इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा इसमें कार्यवाही की जाएगी। सीसीटीवी कैमरे देखने के बाद मामला स्पष्ट हो पाएगा। पुराने घटनाओं की भी जांच की जा रही है। प्राचार्य डॉ सीपी भैसोड़ा ने बताया कि इमरजेंसी में इलाज के दौरान दोनों पक्षों में किसी बात पर कहासुनी हुई थी। इसके बाद मारपीट हुई है। इसमें कुछ डॉक्टर भी घायल हुए हैं। पूरे मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है।
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