मसूरी। सिफन कोर्ट से बेघर किए जाने के तीन माह बाद भी यहां रहने वाले लोगों को अभी तक विस्थापित न किए जाने पर लगातार आक्रोश बढ रहा है। बेघर लोग पालिकाध्यक्ष व विधायक पर आरोप लगा रहे हैं कि उनके द्वारा अभी तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया जिस पर वह राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं।
लाइब्रेरी बस स्टैण्ड पार्किग मे भाजपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री रवींद्र जुगरान ने सिफन कोर्ट के बेघरों की समस्याओं को सुना व कहा कि वह लगातार प्रयास कर रहे हैं कि उनके विस्थापन को अमली जामा पहनाया जाय। इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव व मानवाधिकार आयोग से शिकायत की गई है
कि पुलिस प्रशासन ने बंदूक की नोक पर कोरोना गाइड लाइन का उलंघन कर यहा रह रहे लोगों को बेघर किया है जिस पर कार्रवाई चल रही है और लगातार इस पर नजर रखी जा रही है अगर जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट भी जायेंगे। उन्हांेने कहा कि क्या इन मजदूरों के लिए सरकारी खजाना समाप्त हो गया है पालिका व विधायक असंवेदनशील हो गये हैं व अपने दायित्व को भूल गये हैं जो इनके बारे में नहीं सोच रहे। उन्होंने कहा कि जो कंपनी यहां पर रोपवे का निर्माण कर रही है वह भी इनका विस्थापन सीआरएस फंड से कर सकती है। कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी फंड इसी कार्य के लिए होता है उनके पास इसका इतना पैसा है कि वह जमीन खरीद कर मकान बना सकती है। यह उनका दायित्व भी है।
लेकिन जब तक इन मजदूरों को अस्थाई विस्थापन नहीं होता तब तक संघर्ष किया जाता रहेगा। इस मौके पर बेघर हुए संजय टम्टा ने कहा कि सिफन कोर्ट के करीब दो सौ से अधिक लोग बेघर होने के बाद कड़ाके की सर्दी में हवा घर में रह रहे हैं जहा आये दिन उनकी मां बहनों के साथ छेडखानी हो रही है जिससे वह परेशान हो गये है उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही न विधायक सुन रहे है न ही पालिकाध्यक्ष सुन रहे हैं ऐसे में उन्हांेने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है। क्यो कि उनके बच्चे पढने वाले है उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है क्या गरीब व अनुसूचित जाति का होना पाप है अगर है तो उन्हंे इच्छा मृत्यु करने दिया जाय।
इस मौके पर सिफन कोर्ट के लोगों के लिए लगातार आंदोलन कर रहे प्रदीप भंडारी ने कहा कि वह उनके साथ खड़ेे है और जब तक उनके पक्ष में निर्णय नही आता वह खड़े रहेंगे। उन्हांेने कहा कि सरकार इनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है तथा यह मानवता क विरूद्ध है िकइस ठंड के मौसम में यह लोग हवाघर में रह रहे हैं। इस मौके पर मजदूर संघ के मंत्री गंभीर पंवार ने पालिकाध्यक्ष व विधायक पर गरीबों को हटाने का आरोप लगाया व कहा कि जब तक उनके आवास की व्यवस्था नहीं होती तब तक उन्हें हटाया नहीं जाना चाहिए था। इस मौके पर देंवेद्र भटट ने भी विचार रखे। इस मौके पर अनिल पेटवाल सहित बड़ी संख्या में सिफन कोर्ट से हटाये गये मजूदर परिवार मौजूद रहे।
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