संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित अनेक प्रमुख संत व राजनेता होंगे शामिल
हरिद्वार, (कुलभूषण)। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज के आचार्य पीठ पर पदस्थापना के 25 वर्ष पूरे होने और श्रीदत्त जयन्ती के अवसर पर कनखल स्थित हरिहर आश्रम में तीन दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 24 दिसम्बर से आयोजित हो रहे महोत्सव का शुभारंभ सरसंघ चालक डा.मोहनराव भागवत श्रीपंचदेव यज्ञ के अरणी मन्थन एवं देव पूजन कर करेंगे। आश्रम में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव के अंतर्गत श्रीदत्त आराधना महोत्सव, धर्मसभा, सन्त समागम सहित कई सांस्कृतिक आध्यात्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव के शुभारंभ पर आयोजित की जाने वाली धर्मसभा व संत समागम में संघ प्रमुख डा.मोहनराव भागवत भी शामिल होंगे। सांयकालीन सत्र में महाभारत में श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले अभिनेता नितीश भारद्वाज अपने समूह के साथ चक्रव्यूह नाटक मंचन की प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा 25 दिसम्बर को लोकगायिका मालिनी अवस्थी स्वरांजली की प्रस्तुति देंगी। इसके बाद नृत्यांगना मैत्रेयी पहाड़ी अपने समूह के साथ नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगी। 26 दिसम्बर को प्रख्यात नृत्यांगना पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद समूह के साथ वीरांगनाओं के जीवन पर आधारित नृत्य वाॅरियर वूमन्स आॅफ भारत प्रस्तुत करेंगी।
स्वामी अवधेशानांद गिरी महाराज ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रमों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट तथा हिंदू धर्म आचार्य सभा के महासचिव स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती, स्वामी गुरूशरणानंद, योगगुरू स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, शांतिकुंज प्रमुख डा.प्रणव पंडया, स्वामी चिदानंद सरस्वती, स्वामी कैलाशानंद गिरी, स्वामी विशोकानंद भारती सहित अनेक प्रमुख संत शामिल होंगे।
प्रैसवार्ता के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी कैलाशानंद गिरी, स्वामी अपूर्वानन्द, स्वामी नित्यानन्द, स्वामी केशवानन्द, आईडी शास्त्री, पीयूष, गोकुल आदि भी मौजूद रहे।
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