इस समय भारत में इन्फ्लूएंजा के H3N2 वायरस के केस बढ़ रहे हैं. दूसरी तरफ अमेरिका समेत कई देशों में इन्फ्लूएंजा का ही
कहर बरपा रहा है.
अमेरिका में इस वायरस की वजह से लाखों पक्षियों की मौत हो चुकी है. वैज्ञानिकों को चिंता है कि एच-5एन-1 का वायरस इंसानों को भी तेजी से चपेट में ले सकता है. ऐसा अंदेशा इसलिए जताया जा रहा है क्योंकि कुछ देशों में ये वायरस पक्षियों के साथ-साथ जानवरों में भी फैल रहा है. वायरस में म्यूटेशन हो रहा है. ऐसे में इंसानी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. डॉक्टर बताते हैं कि H5N1 मुख्य रूप से पक्षियों और खासतौर पर मुर्गियों और बत्तखों में फैलता है. इसकी चपेट में आने से पक्षियों की मौत भी हो जाती है. ये वायरस पक्षियों से इंसानों में भी फैल सकता है. दुनियाभर में मानव संक्रमण के कुछ केस भी दर्ज किए गए हैं. इस वायरस से इंसानों में मृत्युदर 50 फीसदी तक है.
अमेरिका में कहर बरपा है एच5एन 1 इन्फ्लूएंजा
अमेरिका में एच5एन 1 तेजी से फैल रहा है. इसका संक्रमण कई पक्षियों में हो रहा है. साल 2021 से ही अमेरिका में ये वायरस फैल रहा है. चिंता की बात यह है कि ये वायरस पक्षियों से स्तनधारी जीवों में फैलने लगा है. अमेरिका के अलावा स्पेन में भी ऐसे काफी केस आ रहे हैं. पेरू में ये वायरस सी लायन में फैल रहा है. ऐसे में चिंता जताई जा रही है कि जानवरों में बड़े लेवल पर इस वायरस का संक्रमण फैल सकता है. इससे इंसानों को भी खतरा है.
क्या इंसानों के लिए खतरा बनेगा
राजस्थान में वेटरिनरी डॉ. एनसी गुर्जर बताते हैं कि एच5एन1 इन्फ्लूएंजा जिसे बर्ड फ्लू कहते हैं ये एक संक्रामक वायरस है और इन्फ्लूएंजा परिवार का हिस्सा है. साल 1996 में ये बत्तखों में पाया गया था. तब से आजतक हर साल दुनियाभर में इसके केस दर्ज किए जाते हैं भारत में भी इस वायरस के केस आते हैं और इससे पक्षियों की मौत भी होती है. हालांकि इंसानों में इसका संक्रमण होने की आशंका काफी कम रहती है. दुनियाभर में इंसानों में इस वायरस के फैलने के 1 हजार से भी कम मामले ही हैं. हालांकि अगर इसका संक्रमण इंसानों में फैलता है तो ये घातक बन जाता है. अन्य वायरस की तुलना में इसमें मृत्युदर काफी अधिक है. राहत की बात यह है कि एच5एन1 का संक्रमण एक से दूसरे इंसान में आसानी से नहीं होता है. लेकिन फिर भी सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि इस वायरस का कोई टीका नहीं है और न ही पहले से ही वैक्सीन बनाई जा सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी यह पता नहीं है कि अगर इंसानों में वायरस का संक्रमण हुआ तो ये कैसे लक्षण देगा और इसके जीन में कितना बदलाव देखा जाएगा.
भारत में क्या चिंतित होने की जरूरत है
डॉ गुर्जर कहते हैं कि भारत में हर साल बर्ड फ्लू के केस आते हैं, लेकिन इनमें इंसानों में संक्रमण के मामले दर्ज नहीं किए जाते हैं. ऐसे में यहां ज्यादा खतरा नहीं है. बस इस बात का ध्यान रखना है कि जब बर्ड फ्लू के केस आएं तो लोग संक्रमित पक्षियों से अपना बचाव करें.(साभार -TV9 Bharatvarsh)
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