Monday, November 25, 2024
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वीनस बेकरी के पास खड़े स्वस्थ वृक्ष के कटान की विभागीय जांच कराये जाय : सुशील त्यागी

देहरादून, चकराता रोड स्थित वीनस बेकरी के पास खड़े स्वस्थ उन प्रजाति के वृक्ष के कटान की विभागीय जांच कराये जाने की प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन से संयुक्त नागरिक संगठन ने मांग की । संयुक्त नागरिक संगठन का कहना है कि दून में वर्षो पुराने उन प्रजाति के स्वस्थ वृक्ष जिससे स्थानीय पर्यावरण और निवासियों राहगीरों और पक्षियों को सुकून मिल रहा था और पूर्व मे यहां के निवासियों को इससे कभी असुविधा भी नहीं हुई, ना ही यह वृक्ष गिरने की अवस्था में था। फिर इसको काटा जाना पूर्णतया जनहित में नही था। संगठन ने कहा कि विभागीय अनुमति फर्जी आवेदक के हस्ताक्षर से नियम विरूद्ध दी गयी।
इन तथ्यों की विस्तृत गहन जांच उच्च स्तर के विभागीय अधिकारी (प्रमुख वन संरक्षक) से कराई जाने की मांग संगठन के सचिव सुशील त्यागी ने की। उनका यह भी कहना है कि सड़कों के किनारे स्थित स्वस्थ पेड़ों को काटने की अनुमति में व्यक्तिगत हितों की जगह जनहित/सार्वजनिक हित/ पर्यावरण संरक्षण को प्रमुखता दी जाए। त्यागी का कहना कि जिस तरह से दून में गर्मी तापमान बढ़ता जा रहा है वह कहीं न कहीं पर्यावरण जुड़ा है |
इस प्रकरण में सिटिजन फार ग्रीन दून की जयासिंह, ईरा चौहान हिमांशु अरोडा आदि ने भी डीएफओ डीएलएम से मिलकर इस कटान को रोकने की मांग की थी।

 

एनजीटी और हाईकोर्ट के निर्देश के बाद फिर अवैध बस्तियों पर होगी कार्रवाई, पहले चरण में 27 अवैध बस्तियों पर चलेगा डंड़ा

देहरादून, दून में सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बस्तियां बसाने का खेल अनवरत जारी है, राज्य बनने के बाद जमीन की खरीद फरोख्त के चलते भूमाफिया बेखोफ होकर सरकारी भूमि पर भी अपना शिकंजा जमा रखे हैं, पंचायत की जमीन अथवा नदी-नालों के किनारे खाली जमीनों पर कब्जा और फिर अवैध निर्माण कर खरीद-फरोख्त का खेल राज्य बनने के बाद से बिना रोक टोक के खूब चल रहा है। सरकारी भूमि पर मकान बनाकर स्टांप के माध्यम बेचने खरीदने में कई भोले भाले लोग फंस जाते हैं। लेकिन अब प्रशासन की सख्ती से इन मकानों को खरीदने वालों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है।
वैसे तो प्रदेश राजधानी दून में कई मर्तबा अतिक्रमण पर प्रशासनिक कार्यवाही लगातार होती आ रही है, लेकिन सरकार की सख्ती के बाद भी लोग बस्तियां बनाकर अवैध निर्माण कर रहे हैं।
लेकिन अब एनजीटी और हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम देहरादून अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती के मूड़ में है और वर्ष 2016 के बाद की अवैध बस्तियों को हटाने के लिए निगम ने अपनी कमर कस ली है। नगर निगम ने इसके तहत पहले चरण में रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक 27 अवैध बस्तियों को चिन्हित किया है। अब कमेटी जांच करके इन सभी को नोटिस भेजने का काम कर रही है।
नगर निगम में दून क्षेत्र में कुल 129 बस्तियों को चिन्हित किया है और इनमें करीब 40 हजार भवन होने का अनुमान है। वर्ष 2016 के बाद किए गए निर्माण नियम के अनुसार ये अवैध करार दिए गए हैं। बेखौफ होकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से बस्तियों का विस्तार करके इनमें सैकड़ों नए भवन तैयार किए गए हैं। नगर निगम ने पिछले आठ साल से सोया रहा । जिसके फलस्वरूप अवैध बस्तियां बढ़ती चली गयी, वैसे तो सरकारी नियमानुसार मलिन बस्तियों में जमीन या भवनों की खरीद-फरोख्त की अनुमति किसी को नहीं है लेकिन शहर की तमाम बस्तियों में धड़ल्ले से खरीद-फरोख्त चल रही है। सिर्फ पर 10 से लेकर 100 रुपये तक के स्टांप पेपर पर बस्तियों में नए निर्माण कर बेच दिए गए हैं, वहीं अब नगर निगम रिस्पना की वास्तविक चौड़ाई जानने के लिए सर्वे कर रहा है।

पहले चरण में यह 27 मलिन बस्तियां की गयी चिन्हित :

काठ बंगला ढाक पट्टी, काठ बंगला-2, आर्य नगर बस्ती करनपुर, वीर गब्बर सिंह कॉलोनी किशनगर, बार्डी गार्ड जाखन, अंबेडकर कॉलोनी डीएल रोड अधोईवाला, रिस्पना खटीक कॉलोनी, विजय नगर अघोईवाला, भगत सिंह कॉलोनी अघोइवाला, चंदर रोड डालनवाला, पंचपुरी चंद्र नगर डालनवाला, गांधी बस्ती डालनवाला, बलबीर रोड डालनवाला, संजय कॉलोनी मोहिनी रोड धर्मपुर, शिव नगर अजबपुर, राजीव नगर भाग-2 रिस्पना, राजीव नगर भाग-1, रिस्पना नगर अजबपुर कला, अपर राजीव नगर धर्मपुर, केदारपुर मलिन बस्ती केदारपुर, दीप नगर अजबपुर कला, ऋषि नगर अघोईवाला, आनंद ग्राम अघोईवाला, राजीव नगर कंडोली, गैस गोदाम किशन नगर राजपुर रोड, नेमी रोड मलिन डालनवाला, शास्त्री नगर चूना भट्टा और इंद्रा पुरम कॉलोनी को चिन्हित किया गया है।

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