Saturday, June 14, 2025
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23 वर्ष की उम्र में प्रमोद ने एडवेंचर के क्षेत्र में बढ़ाया कदम

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देहरादून। एक ओर आजकल युवा नौकरी की तलाश में दर -दर भटक रहे है। तो वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी के 23 वर्षीय युवा प्रमोद पंवार ने अपनी कंपनी ट्रिप माई सोल एडवेंचर क़ो खोलकर युवाओ क़ो रोजगार दिया है।
प्रमोद पंवार कहते है कि वे उत्तरकाशी के दुरस्त गांव से आते है। उनके पिता भी एडवेंचर के क्षेत्र से जुड़े थे जिससे उन्हें भी एडवेंचर के क्षेत्र में कार्य करने के लिये प्रोत्साहन मिला।May be an image of 15 people, people smiling and text

ट्रिप माई सोल क़ी दो राज्यों में है शाखा

ट्रिप माई सोल क़ी भारत में दो शाखा है एक देहरादून और दूसरी हैदराबाद में है। कंपनी ने अभी 30 कर्मचारी कार्यरत है कंपनी का कार्य ट्रेकिंग, कैंपिंग, ट्रेकिंग माउन्टरानिंग, आदि है।
ट्रिप माई सोल कंपनी उत्तराखंड, हिमांचल, एयर दक्षिण के शहरों में अपनी सेवा दें रहा है।May be an image of 5 people, people climbing, people skiing and text

कैसे करें कंपनी से संपर्क

ट्रिप माई सुल कंपनी से संपर्क वेबसाइट, इंस्ट्राग्राम, कंपनी के पेज तथा कंपनी के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

स्थानीय लोगों क़ो भी मिल रहा रोजगारMay be an image of 10 people, people skiing and text

ट्रिप माई सोल कंपनी से स्थानीय लोगों क़ो भी रोजगार मिल रहा है। इसके साथ साथ अन्य लोग जैसे घोड़े वाले, गाइड, पोर्टर, आदि लोगों क़ो भी रोजगार मिल रहा है।

आईटीबीपी के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री ने किया रवाना

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए सभी यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। विमान दुर्घटना में दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईटीबीपी के वीर जवानों, अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अभियान न केवल साहस और संकल्प का प्रतीक है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल इस अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक लगभग 1032 किलोमीटर की कठिन यात्रा करेगा। यह अभियान न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की निगरानी सुनिश्चित करेगा, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की पहचान तथा स्थानीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने में भी सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि वीरभूमि उत्तराखंड से बड़ी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों में सेवा करने वाले वीर जवान देश की रक्षा में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, वर्ष 1962 से लगातार देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आपदाओं के समय भी राहत व बचाव कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने एक बार फिर साबित किया कि देश की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में वृद्धि की गई है, और बलिदानियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष कर दिया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा, संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट, और बेटियों के विवाह हेतु विशेष अनुदान जैसी योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।
आईजी आईडीबीपी संजय गुंज्याल ने कहा कि हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान के तहत आईटीबीपी का दल कुल 1032 किमी की दूरी तय करेगी। इसमें दल 27 घाटियों और 27 दर्रों को पार करेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ ही वाइब्रेंट विलेज क्षेत्रों में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेकिंग रूट में कुल 84 वाइब्रेंट विलेज आयेंगे। इस दौरान अभियान दल द्वारा स्थानीय लोगों को 3.5 लाख फलदार पौधे भी वितरित किए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, आईजी आईटीबीपी गिरीश चन्द्र उपाध्याय एवं आईटीबीपी के जवान मौजूद थे।

‘चला गया है मक़ीं बस मकान बाक़ी है’ – राजधानी देहरादून में एआईसीओआई की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कवियों और शायरों ने बटोरी तालियां

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देहरादून, ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ इंटेलेक्चुअल (एआईसीओआई) की ओर से शुक्रवार को देर रात यहां रिंग रोड स्थित महाराजा क्लब में आयोजित काव्यांजलि और बज़्मे-सुख़न में कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप जलाकर की गई। इसके बाद काव्य पाठ शुरू हुआ। प्रसिद्ध कवि उपायुक्त, राज्य कर उत्तराखंड कुमार विजय ‘द्रोणी’ ने अपनी ग़ज़ल ‘मैं दिल में अपने इक गांव लिए फिरता हूं। शहरों के सागर में टूटी नाव लिए फिरता हूं। ‘ से तालियां बटोरी। प्रसिद्ध कवयित्री अरूणा वशिष्ठ ने अपनी कविता ‘गांव से पलायन कर रहे हैं आज गांव रो रहा है, मुझे आवाजें आई रोने की सिसकने की, मैंने पास जाकर पूछा तुम क्यों रो रहे हो उसने कहा तुम मुझे अकेला क्यों छोड़ रहे हो’ से उत्तराखंड में हो रहे पलायन का दर्द बयां किया, जिसे काफी सराहा गया।
प्रसिद्ध शायर अफ़ज़ल मंगलौरी ने देशभक्ति से ओतप्रोत ग़ज़ल ‘मेहनत से और तरक्की से हिंदुस्तान को, सोने की चिड़िया फिर से बनाने का वक्त है’ से महफ़िल लूट ली। पत्रकार एवं शायर दर्द गढ़वाली ने अपने दो शेरों ‘क्या-क्या चीजें रख रक्खी थी बक्से में। बंद पड़ी थी यादें सारी बक्से में। पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ कहता था। चलता था जो लेकर आरी बक्से में’ से श्रोताओं की दाद बटोरी। पत्रकार एवं शायर परमवीर कौशिक ने अपने क़लाम ‘मुस्लिम की हूं इज्जत यारो हिंदू का सम्मान हूं मैं, मेरे अंदर झांककर देखो गीता हूं कुरआन हूं मैं’ से राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम का प्रभावी संचालन करते हुए प्रसिद्ध शायरा मोनिका मंतशा ने अपने दो शेर ‘इसी तरह से फ़क़त मुझमें जान बाक़ी है, किसी फ़क़ीर में जैसे जहान बाक़ी है। तिरे बग़ैर यूँ वीरान हो गई हूँ मैं, चला गया है मक़ीं बस मकान बाक़ी है।’ सुनाकर महफ़िल को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। प्रसिद्ध शायर अस्लम खतौलवी ने अहमदाबाद विमान हादसे को अपने शेर में ‘ये बात सच है मुक़द्दर से ज़िद नहीं करते, हवाएं काट रही हैं उड़ान लौट चलें’ बयां कर तालियां बटोरी। गीतकार भूपेंद्र बसेड़ा ने अपनी कविता ‘कलियुग ने कैसे दिन और दिखाने हैं’ से समाज में निरंतर हो रहे पतन को व्यक्त कर श्रोताओं को सोचने को मजबूर कर दिया। प्रसिद्ध कवयित्री रश्मि चौधरी ने देशभक्ति रचना सुनाकर वाहवाही लूटी। इससे पहले, मुख्य अतिथि रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी देहरादून के वाइस चांसलर डॉ. हिमांशु एरन, अति विशिष्ट अतिथि जस्टिस राजेश टंडन, जम्मू-कश्मीर के पूर्व एमएलसी सैयद फ़रीद ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर प्रमोद भारती, इंजीनियर एसए अंसारी, दीपक अरोड़ा, सरस्वती रावत आदि मौजूद थे।

उत्तराखंड़ की 40 बीघा वन भूमि पर कब्ज़ा, वन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

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देहरादून, उत्तराखंड सरकार द्वारा राजधानी क्षेत्र में 900 बीघा जमीन पर कार्यवाही के दावों के बीच, देहरादून की रायपुर विधानसभा के अंतर्गत नालापानी के समीप खलंगा वन क्षेत्र में 40 बीघा से अधिक वन भूमि पर अतिक्रमण और निर्माण कार्य ने राज्य की भू-प्रबंधन व्यवस्था पर गम्भीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रेस को जारी विज्ञप्ति में मूल निवास भू-क़ानून संघर्ष समिति के संस्थापक और उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश महासचिव मोहित डिमरी ने कहा कि जब उन्हें जानकारी प्राप्त हुई कि वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाली संरक्षित वन भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कार्य चल रहा है, तो वे अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुँचे। उन्होंने न केवल निर्माण कार्य रुकवाया, बल्कि वहाँ लगे बड़े गेट को भी हटवा दिया।

स्थानीय जनता भी खुलकर इस अतिक्रमण के विरोध में सामने आई और मोर्चा के साथ विरोध दर्ज कराया।

मोहित डिमरी ने सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि “यदि वन भूमि को भू-माफिया के हवाले सरकार की मिलीभगत से बेचा या कब्जाया जा रहा है, तो उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा चुप नहीं बैठेगा। दोषियों को जनता के सामने लाया जाएगा।”
ज्ञात हो कि इस क्षेत्र में सैकड़ों पेड़ रातोंरात काट दिए गए, और फिर भी वन विभाग एवं सरकार मौन हैं। स्थानीय लोगों ने खुलासा किया कि इसमें स्थानीय विधायक और वन विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा का आरोप है कि कमजोर भू-कानूनों और राजनीतिक संरक्षण ने आज जंगल तक को लुटने की छूट दे दी है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद उप वन संरक्षक मौके पर पहुंचे और जांच का आश्वासन दिया। मोहित डिमरी ने मांग की कि पूरे क्षेत्र में पेड़ों की गिनती (Tree Census) की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोहराया न जा सके।

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि चाहे वो भू-माफिया हो, भ्रष्ट अधिकारी हो या सत्ता पक्ष का कोई प्रभावशाली व्यक्ति उत्तराखंड के जंगल, जमीन और जल को लूटने वालों के विरुद्ध हर लड़ाई निर्णायक होगी, और उत्तराखंड में भू माफिया का इस तरह का कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उत्तराखण्ड़ पावर जूनियर इंजीनियर एसोसियेशन ने की पत्रकार वार्ता, प्रबंधक तंत्र पर लगाये भेदभाव के आरोप

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देहरादून, ऊर्जा निगम में नियमों एवं माननीय न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए सहायक अभियंताओं की वर्ष 2009 की ज्येष्ठता सूची में वर्ष 2010 के सीधी भर्ती के सहायक अभियंताओं को रखे जाने जाने के सम्बन्ध में एसोसिएशन द्वारा प्रेस क्लब देहरादून में प्रेस वार्ता आयोजित की गई और मीडिया के माध्यम से अपनी मांग से सरकार एवं शासन को अवगत कराया।
प्रेस को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के आजीवन संरक्षक एवं संस्थापक अध्यक्ष जी एन कोठियाल ने कहा कि
यूपीसीएल माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा ऊर्जा निगम को स्पष्ट आदेश दिए गए थे कि नियुक्ति की तिथि से रोटा कोटा करते हुए वैधानिक नियमों के अनुसार सहायक अभियंताओं की ज्येष्ठता निर्धारित की जाए के एवं ज्येष्ठता नियमावली 1998 में भी यही प्रावधान है। परन्तु यूपीसीएल द्वारा नियुक्ति की तिथि के स्थान पर विज्ञापन की तिथि से रोटा कोटा करते हुए 2010 के सहायक अभियंताओं को 2009 में ज्येष्ठता दी गई है जो कि पदोन्नत सहायक अभियंताओं के साथ अन्याय है।
केंद्रीय अध्यक्ष रविन्द्र सैनी ने कहा कि यूपीसीएल द्वारा भेदभाव करते हुए पदोन्नत सहायक अभियंताओं के पक्ष के नियम/विनियम एवं कोर्ट ऑर्डर्स का संज्ञान नहीं लिया गया एवं न ही सहायक अभियंताओं को नियमानुसार अपने प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया ज्येष्ठता नियमावली एवं नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन करते हुए विवादित ज्येष्ठता सूची के विरुद्ध सभी सहायक अभियंताओं को अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन रावत ने कहा कि उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन एक जिम्मेदार एसोसिएशन है जो उपभोक्ता सेवा एवं निगम की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करती है । एसोसिएशन का उद्देश्य आम जनमानस को किसी भी प्रकार से परेशान करना नहीं है, एसोसिएशन हमेशा सकारात्मक वार्ता के द्वारा समाधान का पक्षधर रहा है। परन्तु यूपीसीएल प्रबंधन द्वारा एसोसिएशन प्रतिनिधि मंडल के साथ सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद भी वार्ता का कार्यवृत जारी नहीं किए जाने से गतिरोध बना हुआ है।
प्रांतीय अध्यक्ष सुनील उनियाल ने बताया कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रबंधन द्वारा बिना किसी वैध नियम के सीधी भर्ती के 2010 के सहायक अभियंताओं को 2009 की ज्येष्ठता देने के प्रकरण पर झूठ का विमर्श तैयार करते हुए निगम प्रबंधन द्वारा शासन एवं सरकार को गुमराह किया जा रहा है निगम प्रबंधन द्वारा नियमावली के विरुद्ध गलत ज्येष्ठता दी गई है और कथित रूप से जिन नियमों का हवाला दिया जा रहा है वो यूपीसीएल में लागू नहीं है।
आज कार्यक्रम में राहुल अग्रवाल ,अमित रांचेला ,अमित बड़थ्वाल,राजीव खर्कवाल,भूपेन्द्र तोपवाल,आदि उपस्थित रहे।

फिर आक्रोशित हुये दूनवासी : खलगां वन क्षेत्र के हल्दुआम में पेड़ों को बचाने जुटे हजारों पर्यावरण प्रेमी

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), पर्यावरण और वनों को हानि पहुंचा रही शक्तियों के खिलाफ एकबार फिर दूनवासी आक्रोशित हो गये, शनिवार को रायपुर क्षेत्र के खलगां वन क्षेत्र के हल्दुआम में जुटे दून के पर्यावरण प्रेमियों के आक्रोश ने एक बार फिर खालऺगा बचाओ आंदोलन की याद तरोताजा कर दी। पहले यहां सोंग बांध परियोजना में प्रस्तावित 2000 पेड़ों के कटान का विरोध सामने था और अब भू माफिया द्वारा 40 बीघा रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में कैंपिंग साइट के उद्देश्य से यहां लोहे के गेट,एंगल,ताडबार निर्माण, पेड़ों के संभावित विनाश को लेकर दूनवासी एकजुट हुये। पर्यावरण संरक्षण प्रेमियों द्वारा इस रिजर्व फॉरेस्ट में 12 साल पहले भूमि का खरीदा जाना, लीज पर दिया जाना संदिग्ध बताकर कर जांच की मांग सिटीजन फॉर ग्रीन दून, संयुक्त नागरिक संगठन के साथ कई सामाजिक संस्थाओं की मांग पर उच्च अधिकारियों के निर्देश के अंतर्गत यहां डीएफओ अमित कंवर रेंज अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे। इस दौरान उनके सा राजस्व विभाग के अधिकारी भी थे। इनके द्वारा अभिलेखों का मौके पर अध्ययन किया गया।परंतु इसे गहन जांच का विषय बताते हुए शीघ्र विस्तृत जांच कराने का फैसला लिया गया।

दून के क्षुब्ध नागरिकों का कहना था कि जब विवादित क्षेत्र के चारों ओर रिजर्व फॉरेस्ट हैं तो इसके बीच की भूमि कैसे निजी भूमि हो सकती है। इनके अनुसार खालऺगा वन में वृक्षों का कटान किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पर्यावरण प्रेमियों ने जनपद देहरादून में भू माफिया की 900 बीघा जमीन को सरकार में निहित करने की कार्यवाही पर खुशी जाहिर करते हुए जिलाधिकारी से इस प्रकरण की भी गहन जांच करने की मांग की है। यहां बलभद्र खालऺगा विकास समिति, सिटिजन फॉर ग्रीन दून ,संयुक्त नागरिक संगठन, नेचर बड्डी, भूतपूर्व सैनिक संगठनों के जागरूक लोग शामिल थे। इनमें जया सिंह, ईरा चौहान, आशीष गर्ग, अवधेश शर्मा, प्रद्युमन सिंह, पंकज उनियाल, परमजीत सिंह कक्कड़,कैप्टन वाई बी थापा, कैप्टन विक्रम सिंह थापा, मनीषा रतूड़ी, दीपशिखा रावत, वाई एस नेगी,मनीष मित्तल, मेजर एमएस रावत,परमेंद्र सिंह बर्थवाल,एस एस गोसाई, रविंद्र सिंह गोसाई, सागर नौटियाल, रोशन सिंह,यशवीर आर्य, नीरा रावत,अंकित रोथाण,यशवीर आर्य,श्रद्धा चौहान, युद्ध वीर गोसाई,इंद्रेश नौटियाल, आभा भटनागर,मनीष,महेश असवाल,जनसंवाद,रविंद्र गोसाई आदि शामिल रहे।

ओएनजीसी ने जनता को समर्पित किया नवनिर्मित कौशल विकास भवन

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ओएनजीसी के प्रधान निगमित प्रशासन नीरज कुमार शर्मा, इंचार्ज सीएसआर चंदन सुशील साजन ने किया लोकार्पण”

 

टिहरी, जनपद के चम्बा विकासखण्ड के ग्राम सभा माणदा में ओएनजीसी द्वारा वित्त पोषित नव निर्मित कौशल विकास भवन का शनिवार को विधिवत् रूप में जनता को समर्पित कर दिया गया । एक सादे कार्यक्रम में शनिवार को चम्बा विकासखण्ड के माणदा में ओएनजीसी द्वारा वित्त पोषित नवनिर्मित कौशल विकास भवन का लोकार्पण मुख्य अतिथि प्रधान निगमित प्रशासन, ओएनजीसी नीरज कुमार शर्मा, अति विशिष्ट अतिथि चंदन सुशील साजन इंचार्ज सीएसआर ओएनजीसी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर एचसीए नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि ओएनजीसी कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और वहां के ग्रामीणों के हितों को देखते हुए कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) मद से इस प्रकार के सकारात्मक कार्य कर रही है । इसी क्रम में ओएनजीसी के वित्तीय सहयोग से कार्यदायी संस्था समृद्ध मिशन सोसाइटी द्वारा माणदा में नवनिर्मित कौशल विकास भवन का निर्माण कार्य संपन्न किया गया जिसका कि आज विधिवत लोकार्पण किया गया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि नीरज कुमार शर्मा, अति विशिष्ट अतिथि चंदन सुशील साजन, अवनीश कुमार यादव, अरुण सिंह का संस्था सचिव सुभाष चन्द्र सकलानी, मुख्य परामर्श दाता विनोद डोभाल एवं सुन्दर सिंह बिष्ट पूर्व प्रधान माणदा, सुनील बिष्ट द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।

इस अवसर पर संस्था सचिव सुभाष चंद्र सकलानी ने बताया कि नव निर्मित कौशल विकास भवन का निर्माण आगामी समय में क्षेत्र के ग्रामीण युवक-युवतियों को स्वरोजगार एवम् रोजगारपरख कार्यक्रमों के जरिये आत्म निर्भर बनाने के उदेश्य से संपन्न किया गया। उन्होंने कहा कि 17.25 लाख से नव निर्मित कौशल विकास भवन के निर्माण होने से भविष्य में स्थानीय लोगों को स्वरोजगार परख प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने का अवसर मिल सकेगा।

इस अवसर पर भाव सिंह बिष्ट, कुँवर सिंह, भगत सिंह, बुद्धि सिंह, सोमवारी दास, आशा देवी, विजोरा देवी, रजनी देवी, निर्मला देवी, पूजा देवी आदि मौजूद रहे।

उत्तराखंड के सभी अस्पताल होंगे हाईटेक, 5 माह में बड़ा बदलाव लाएगा स्वास्थ्य विभाग

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-सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती के लिए बनेंगी नई सेवा शर्तें

देहरादून, प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय और उप चिकित्सालय के सुदृढ़ीकरण की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग को इन सभी चिकित्सालयों को आधुनिक और संपूर्ण चिकित्सा सेवा प्रदाता बनाने के लिए बड़े कदम उठाने के निर्देश दिए।
मंत्री ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग अगले 5 माह में इन चिकित्सालयों की स्वास्थ्य सुविधाओं को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने के लिए बड़े प्रयास करें। कहा कि सरकार स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इन चिकित्सालय में आम जनमानस को सभी बीमारियों की संपूर्ण चिकित्सा स्थानीय स्तर पर ही मिले, किसी भी पेशेंट को यहां से रेफर करने की नौबत नहीं आनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की पूर्ति हेतु आकर्षक सेवा शर्तों का निर्धारण करने को कहा। अस्पतालों में किसी चिकित्सक के अवकाश की दशा में वैकल्पिक व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने स्वास्थ्य विभाग को टेलीमेडिसिन सेवाओं को एक्चुअल मेडिसिन सेवा में बदलने के लिए गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेली मेडिसिन सेवा मात्र औपचारिकता या नाम मात्र की सेवा बनकर न रह जाए बल्कि इसके वास्तव में बेहतर आउटकम भी निकले।
मुख्य सचिव ने सभी मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय में फुली फंक्शनल ओटी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि OT ऐसा हो जो आधुनिक चिकित्सा पद्धति के सभी तरह के मानक फुलफिल करता हो। कहा कि हमारा फोकस बेहतर और आधुनिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने पर होना चाहिए तथा स्वास्थ्य सेवाओं के इंप्रूवमेंट हेतु जो भी इक्विपमेंट क्रय किए जाते हैं उनका शत प्रतिशत उपयोग भी सुनिश्चित होना चाहिए।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालय में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं तथा स्वास्थ्य शिक्षा से संबंधित विवरण प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि वर्तमान समय में सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों, सपोर्टिंग स्टाफ, एडवांस स्किल लैब, और ट्रामा सेंटर में और अधिक इंप्रूव की आवश्यकता है।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, डॉ आर राजेश कुमार, वी षणमुगम, डीजी स्वास्थ्य डॉ सुनीता टम्टा, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा डॉ आशुतोष सयाना सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे

कैंचीधाम मेले को लेकर उच्च स्तरीय बैठक, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनेगी तीन स्तरीय योजना

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देहरादून, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सीएम आवास में कैंचीधाम मेले की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सीएम ने मेले की बढ़ती व्यापकता और श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए, व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए। सीएम धामी ने अधिकारियों को तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि तात्कालिक उपायों से इस वर्ष के मेले के संचालन को प्रभावी और सुरक्षित बनाया जाए। मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के तहत श्रद्धालुओं की आवाजाही, पार्किंग, चिकित्सा सुविधा, आपातकालीन सेवाएं और भीड़ प्रबंधन के स्थायी समाधान विकसित किए जाएं। सीएम धामी ने कहा कि कैंचीधाम बाबा नीम करौली महाराज से आस्था रखने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और श्रद्धा का सम्मान सर्वोपरि होना चाहिए। बैठक में जिलाधिकारी नैनीताल, पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, शहरी विकास, लोक निर्माण, पर्यटन, स्वास्थ्य और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
सीएम ने निर्देश दिए कि मेले के बेहतर संचालन हेतु तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक तीन स्तरीय योजनाएं बनाई जाएं। तात्कालिक उपायों से मौजूदा मेले की व्यवस्थाएं सुचारु रूप से संचालित हों, जबकि मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के ज़रिए एक स्थायी एवं सुदृढ़ प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाए, जिससे भविष्य में बढ़ती भीड़ को कुशलतापूर्वक नियंत्रित किया जा सके। सीएम धामी ने सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप से आगे तक लगभग तीन किलोमीटर मार्ग पर चल रहे कटिंग कार्य को युद्धस्तर पर शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि यह मार्ग श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख मार्ग है, और इसके चौड़ीकरण से यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार संभव होगा।
बैठक में जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने जानकारी दी कि कैंचीधाम में श्रद्धालुओं की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि एक वर्ष में लगभग 24 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन किए, जबकि पहले यह संख्या औसतन 8 लाख के आसपास रहती थी। इस वर्ष यह संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। इस आंकड़े को देखते हुए प्रशासन के समक्ष यातायात, स्वास्थ्य, पार्किंग, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था जैसी चुनौतियाँ कहीं अधिक गंभीर हो गई हैं। सीएम ने सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप के आगे तक करीब 3 किलोमीटर सड़क कटिंग कार्य को युद्धस्तर पर शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर यातायात की दिक्कत श्रद्धालुओं की यात्रा को प्रभावित कर सकती है, इसलिए इसे प्राथमिकता दी जाए। सीएम ने कहा कि कैंची धाम की धारण क्षमता कम है, जबकि मेले के दौरान क्षमता से अधिक कई गुना श्रद्धालु आते है। इस वर्ष भी ढाई से तीन लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे ट्रैफिक प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए व्यवस्थित प्लान तैयार किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग को मिले 29 नये विशेषज्ञ चिकित्सक

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देहरादून, सूबे के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 29 और विशेषज्ञ चिकित्सक मिल गये हैं। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की नवीन तैनाती का अनुमोदन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दे दिया है। इसके साथ ही पी.एम.एच.एस. संवर्ग के इन चिकित्सकों को पी.जी. के उपरांत उनकी विशेषज्ञता के अनुरूप प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दे दी गई है। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों के आने से दूरस्थ क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था और सुदृढ़ हो सकेगी।
प्रदेश के आमजन के लिये सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवा राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। सरकार चिकित्सा इकाईयों में लगातार चिकित्सा सुविधाएं बढ़ा रही है साथ ही चिकित्सक, पैरामेडिकल व अन्य मेडिकल स्टॉफ की भी उपलब्धता सुनिश्चित कर ही है।
इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग को 29 और विशेषज्ञ चिकित्सक मिल गये हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम पूरा करने के उपरांत राज्य सेवा में लौटे इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की नवीन तैनाती को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत अपनी मंजूरी दे दी है। पी.एम.एच.एस. संवर्ग के इन चिकित्सकों में स़्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, फेमिली मेडिसिन, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, निश्चेतक, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, ईएनटी और नेत्र रोग विशेषज्ञ शामिल है। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनकी विशेषज्ञता के अनुरूप प्रदेश के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों के विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दे दी गई है। जिसमें पौड़ी जनपद में 5 विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैनाती दी गई है।
इसी प्रकार उत्तरकाशी, हरिद्वार व चम्पावत जनपद में 4-4, नैनीताल, टिहरी व ऊधमसिंह नगर जनपद में 3-3 तथा रूद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ जनपद में 1-1 विशेषज्ञ चिकित्सक को तैनाती दी गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के आने से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ होगी और आम लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर उपचार मिल सकेगा। इसके अलावा गंभीर बीमारियों की सटीक पहचान भी आसानी से हो सकेगी। जिससे मरीजों को समय पर सही इलाज मिल सकेगा, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में मृत्यु दर में भी कमी आयेगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थित से स्थानीय अस्पतालों का स्तर भी बेहतर होगा।

इन विशेषज्ञ चिकित्सकों को मिली तैनाती:
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को मिले 29 विशेषज्ञ चिकित्सकों को विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में तैनाती दी गई है। जिनमें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नविता तिवारी को सीएमओ नैनीताल के अधीन तैनात किया गया है। वहीं डॉ. जूही शर्मा को उप जिला चिकित्सालय रामनगर और डॉ. कविता भण्डारी को जिला चिकित्सालय बौराड़ी टिहरी में तैनाती दी गई है। फिजिशियन डॉ. कीर्ति मेहता को उप जिला चिकित्सालय काशीपुर, डॉ. राकेश जोशी को उप जिला चिकित्सालय लोहाघाट, डॉ. मधुमिता बिष्ट व डॉ. प्रखर शर्मा को जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी, डॉ. ज्ञानेश्वर यादव को उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर और डॉ. राशि रंजन कुकरेती को उप जिला चिकित्सालय रूड़की में तैनाती दी गई है। इसी प्रकार फेमिली मेडिसिन में डॉ. रजत डोभाल को जिला चिकित्सालय बौराड़ी व डॉ. अभिषेक अनेजा को जिला चिकित्सालय हरिद्वार भेजा गया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रूचिका भट्ट को जिला चिकित्सालय रूद्रप्रयाग और डॉ. जितेन्द्र जोशी को जिला चिकित्सालय चम्पावत में तैनाती दी गई है।
इसी प्रकार सर्जन में डॉ. मंयक नौटियाल को उप जिला चिकित्सालय कोटद्वार, डॉ. मयंक चौहान को जिला चिकित्सालय पौड़ी गढ़वाल, डॉ. शादा अली को जिला चिकित्सालय नैनीताल, डॉ. वमिक रहमान को जिला चिकित्सालय हरिद्वार, डॉ. निशांत पाण्डेय जिला चिकित्सालय रूद्रपुर तथा डॉ. तनुज सिंह तोमर को उप जिला चिकित्सालय काशीपुर में भेजा गया है। निश्चेतक डॉ. निकिता रमोला को सामु. स्वा. केन्द्र पुरोला, डॉ. ऋत्विक रजत को उप जिला चिकित्सालय कोटद्वार, डॉ. नेहा चौहान को उप जिला चिकित्सालय थलीसैण तथा डॉ. शैलेन्द्र कुमार बड़थ्वाल को जिला चिकित्सालय बौराड़ी में तैनाती दी गई है। इसी प्रकार पैथोलॉजिस्ट डॉ. सिद्धार्थ त्यागी को जिला चिकित्सालय चम्पावत, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अंकुश रावत को उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में तैनाती दी गई है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. योगिता को जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी तथा डॉ. शिखा टोलिया को जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में तैनाती दी गई है। इसी प्रकार ईएनटी डॉ. शशांक अधिकारी को जिला चिकित्सालय चम्पावत तथा डॉ. अनुभव अग्रवाल को उप जिला चिकित्सालय रूड़की में तैनाती दी गई है।

“स्वास्थ्य विभाग को 29 नये विशेषज्ञ चिकित्सक मिल गये हैं। इन चिकित्सकों को जिला एवं उप जिला अस्पतालों में तैनाती दे दी गई है। इनकी तैनाती से स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा और आम जनमानस को समय पर विशेषज्ञ परामर्श एवं उपचार मिल सकेगा। जिससे प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को बड़े शहरों की ओर इलाज के लिये नहीं जाना पड़ेगा।” – *डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।