नई दिल्ली, राजस्थान के सवाई माधोपुर से रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की मानटाउन थाना पुलिस ने मुकदमे में वांछित ‘लुटेरी दुल्हन’ अनुराधा को गिरफ्तार किया है। ये लुटेरी दुल्हन 7 महीनों में 25 शादियां कर चुकी है और हर बार शादी होने के कुछ दिन बाद ही वह फरार हो गई।
अनुराधा फर्जी शादी के लिए लड़कों को फंसाने के लिए नया नाम, नया शहर और नई पहचान चुनती थी। रिपोर्ट के मुताबिक वो एक परफेक्ट दुल्हन और आदर्श बहू का खेल खेलती थी और फिर जेवर व नकदी लेकर भाग जाती थी। हालांकि, उसे फंसाने के लिए सवाई माधोपुर पुलिस ने उल्टा दांव खेला और उसे ही फर्जी शादी के लिए फंसाया और बाद में गिरफ्तार कर लिया। अपने टारगेट को वह यह कहानी सुनाती थी कि वह अकेली है, गरीब है, लाचार है। उसका एक बेरोजगार भाई है। वह शादी करना चाहती है, लेकिन आर्थिक तंगी उसे अपने जीवन की नई शुरुआत करने से रोकती है। हालांकि, यह सब उसका लड़कों को फंसाने का पैंतरा मात्र है। असलियत में वह फर्जी शादी करने वाले गिरोह की सरगना है, जो लोगों का भरोसा हासिल करके पैसा ठगने के लिए जानी जाती है। अनुराधा के गिरोह के सदस्य उनकी तस्वीरें और प्रोफ़ाइल भावी दूल्हों के पास ले जाते हैं, ताकि उनके लिए एक आदर्श मैच की तलाश की जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार मैचमेकर, जो मूल रूप से गिरोह का सदस्य है, मैच सेट करने के लिए 2 लाख रुपये लेता है। एक बार सौदा पक्का हो जाने के बाद, मैरेज कंसेंट लेटर तैयार किया जाता है। जोड़े रीति-रिवाजों के अनुसार मंदिर या घर में शादी करते हैं। और फिर शुरू होता है नाटक। अनुराधा दूल्हे और अपने ससुराल वालों के साथ बहुत ही प्यारी और भोली-भाली बन जाती है। उनका विश्वास जीतने के लिए, वह परिवार के हर सदस्य के साथ एक रिश्ता बनाती है। हालांकि, कुछ ही दिनों में, वह अपनी प्लानिंग का आखिरी काम करती है – खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर गहने, नकदी और अन्य कीमती सामान लेकर भाग जाना। 20 अप्रैल को, सवाई माधोपुर के रहने वाले विष्णु शर्मा ने मध्य प्रदेश की अनुराधा से शादी की। शादी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, दोस्तों और परिवार की मौजूदगी में हुई। शादी दलाल पप्पू मीना के ज़रिए तय की गई थी, जिसके लिए विष्णु ने उसे दो लाख रुपये दिए थे। शादी के दो हफ्ते के भीतर ही अनुराधा 1.25 लाख रुपये के जेवर, 30,000 रुपये नकद और 30,000 रुपये कीमत का मोबाइल फोन लेकर फरार हो गई। विष्णु ने कहा, “मैं ठेला चलाता हूं और कर्ज लेकर शादी की है। मैंने मोबाइल भी उधार लिया था, वो वह भी ले गई। मुझे कभी नहीं लगा कि वह मुझे धोखा देगी।”
विष्णु ने उस रात को याद करते हुए कहा कि मैं देर रात काम से लौटा और रात के खाने के तुरंत बाद सो गया। उन्होंने कहा, “मैं आमतौर पर ज्यादा नहीं सोता, लेकिन उस रात मैं गहरी नींद में सोया, जैसे किसी ने मुझे नींद की गोली दे दी हो।” इस घटना के बाद विष्णु की मां भी सदमे में हैं। पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उल्टा चाल खेलने की सोची। विष्णु द्वारा शेयर की गई जानकारी के आधार पर सवाई माधोपुर पुलिस ने अनुराधा के लिए जाल बिछाया। एक कांस्टेबल को संभावित दूल्हे के रूप में पेश किया गया। वह एजेंट के पास पहुंचा जिसने कई महिलाओं की तस्वीरें दिखाईं। पुलिस अधिकारी ने बताया, “जांच के बाद सभी दस्तावेज और शादी के समझौते फर्जी पाए गए। हमने अपनी टीम से एक कांस्टेबल को दूल्हे के रूप में तैयार किया और महिला को शादी का झांसा दिया।” अनुराधा इस जाल में फंस गई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार भोपाल में गिरफ्तार किया गया(साभार उत्तम हिन्दू न्यूज)।
लुटेरी दुल्हन सात महीनों में बनी 25 दूल्हों की दुल्हन, हर पति के साथ अंधेरे में किया ये काम
महिला सशक्तिकरण के बिना विकसित राष्ट्र की संकल्पना अधूरी : डॉ धन सिंह रावत
-महिलाओं व व स्वयं सहायता समूह के लाभार्थियों को बांटे 65 लाख के चेक
देहरादून/अल्मोड़ा, अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में आज विकासभवन सभागार में “सहकारिता से महिला सशक्तिकरण” विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का आयोजन अल्मोड़ा सहकारी बैंक तथा सहकारिता विभाग अल्मोड़ा द्वारा किया गया। गोष्ठी में सहकारिता मंत्री उत्तराखंड डॉ धन सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों एवं महिलाओं को कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा सम्मानित किया गया तथा महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों को ब्याज रहित 0% पर 65.00 लाख के चेक भी वितरित किए । यह धनराशि महिलाओं को रोजगार प्रेरक कार्य करने हेतु प्रदान की गई है।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना किसी भी राष्ट्र के विकास की संकल्पना नहीं की जा सकती। महिला सशक्तिकरण में ही किसी भी देश का विकास परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि इसी मूलमंत्र को अपनाते हुए हमारी सरकार महिलाओं को आगे लाने का निरंतर प्रयास कर रही है। महिलाओं के विकास के लिए भिन्न भिन्न योजनाएं धरातल पर उतर रहीं हैं। लखपति दीदी कार्यक्रम हो या महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत का आरक्षण। ये सभी महिला सशक्तिकरण को लेकर हमारी उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग के माध्यम से महिलाओं को ऋण देकर उन्हें आत्मनिर्भर करने का प्रयास भी हमारी सरकार कर रही है। अब महिलाएं स्वयं घर की मुखिया बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में राज्य में 2 लाख लखपति दीदी बनने का लक्ष्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने रखा है। इस लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। 40 कार्य चिन्हित किए जा चुके हैं, जो महिला स्वयं सहायत समूह के माध्यम से किए जा सकते हैं, इन समूहों को आर्थिक रूप से मदद भी हम उपलब्ध करवा रहें हैं।
इस गोष्ठी में महिलाओं ने भी अपने अपने विचार रखे तथा अपने अनुभव साझा किए। साथ ही अन्य वक्ताओं ने भी महिला सशक्तिकरण एवं सहकारिता को लेकर विचार व्यक्त किए।
इस दौरान विधायक जागेश्वर मोहन सिंह मेहरा, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, जिलाध्यक्ष भाजपा महेश नयाल, प्रभारी उप निबंधक कुमाऊँ मंडल हरीश खंडूरी ,पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ललित लटवाल, सहकारिता विभाग तथा अल्मोड़ा सहकारी बैंक के अधिकारी समेत मातृ शक्ति तथा अन्य उपस्थित रहे।
विविध रंग और उल्लास के भावों से पूरित हैं प्रदीप डबराल की कविताएं : सोमवारी लाल उनियाल
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज शिक्षाविद प्रदीप डबराल के काव्य संग्रह ‘तरंग‘ का लोकार्पण एवं ततपश्चात एक साहित्यिक चर्चा का आयोजन किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार सोमवारी लाल अनियाल ‘प्रदीप‘ की अध्यक्षता में सम्पन्न इस आयोजन में कई साहित्यकार व साहित्य प्रेमी शामिल रहे. लोककला एवं संस्कृति निष्पादन केन्द्र हे. न. ब. केंद्रीय विश्व विद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो. डी.आर. पुरोहित, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मुनीराम सकलानी ‘मुनीन्द्र‘ व जनकवि डॉ.अतुल शर्मा द्वारा पुस्तक के आलोक में समीक्षात्मक विचार दिए गए ।
जनकवि डॉ. अतुल शर्मा ने रचनाकार की रचनाओं की समीक्षा करते हुये कहा कि सेवा निवृत्ति के बाद प्रदीप डबराल द्वारा विभिन्न विषयों पर निरंतर लेखन कार्य किया जा रहा है। प्रस्तुत कविता संग्रह की कविताओं को पढ़कर स्पष्ट होता है कि उनकी लेखन शैली निरंतर निखरती जा रही है, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मुनीराम सकलानी ‘मुनीन्द्र‘ ने कहा कि डबराल की कवितायें जहां एक ओर समकालीन वातावरण का वास्तविक दस्तावेज हैं वहीं यह कवि मन की सुकोमल भावनाओं का उच्छवास भी है। उन्होंने कहा कि छोटी बहन की अन्तिम समय की पीढ़ा को कवि ने बड़े ही मार्मिक रूप में व्यक्त किया है।
प्रो.डी. आर. पुरोहित ने अपने विद्धता पूर्ण उद्बोधन में कहा कि ‘तरंग‘ की कविताओं में जहां हिन्दी के छायावादी कवियों की कविता प्रतिध्वनित होती हैं वही अंग्रेजी कवि वर्डसवर्थ के प्रकृति प्रेम के भी दर्शन होते हैं.
कार्यक्रम अध्यक्ष सोमवारी लाल उनियाल ‘प्रदीप‘ ने कहा कि उन्होंनें इन सभी कवितायों को मन की आंखों से पढ़ा हैं। 55 कवितायें 145 पृष्ठों के विस्तार में लिखी गयी है। कवितायें लम्बी व नये ढब ढंग से गढ़ी गयी हैं. इन कविताओं में जीवन के विविध रंग और उल्लास के भाव संदेश दिये गये हैं। कविताओं में मानवीय व्यवहार करने की अपेक्षा की गयी हैै ।
कुल मिलाकर काव्य संग्रह की कवितायें पाठक की संवेदनाओं को प्रकृति से जोड़ती है। यह कविताओं के इस संग्रह में पर्वत, पंछी ,बचपन, पलायन, जैसे विषयों को प्रधानता दी गयी है।
श्री गुरू राम राय इ. का. भाऊवाला की 10 वीं कक्षा की छात्रा नम्रता नौगाईं द्वारा ‘तरंग‘ कविता संग्रह की एक कविता ‘प्रश्नों की भूख‘ का वाचन किया गया. सुपरिचित गायक एवं संगीतकार शैलेंन्द्र मैठाणी ने इस कविता के गायन अपने मधुर स्वर में देकर सभी के मन मोह लिया।
काव्य संग्रह के रचनाकार प्रदीप डबराल ने कहा कवितायें किसी विशेष काव्य विधा की सीमा में नही बंधी हैं। कुछ कवितायें छन्द युक्त हैं तो अधिकांश छंद मुक्त शैली में हैं. मुख्य तौर पर उनमें भावों का प्रवाह देने की कोशिस की गयी है।
कवि ने पुस्तक प्रकाशन हेतु आर्थिक सहयोग देने के लिये उत्तराखण्ड भाषा संस्थान का आभार व्यक्त किया और पुस्तक के प्रकाशन के लिये विन्सर पब्लिकेशन का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्य क्रम का संचालन आवाज साहित्यिक संस्था के संयोजक डॉ. सुनील थपलियाल ने किया.
कार्यक्रम के अंत में केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने मंचसीन अतिथि जनों व उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस कार्यक्रम में डॉ. डी. एं. भटकोटी,गणनाथ मनोड़ी, डॉ. लालता प्रसाद, सुरेन्द्र सजवान, रविन्द्र जुगरान, दर्द गढ़वाली,विजय भट्ट, कुलभूषण नैथानी, हरिचंद निमेष,डॉली डबराल, शोभा शर्मा,सुंदर सिंह बिष्ट, रंजना शर्मा, दयानन्द अरोड़ा, जगदीश सिंह महर, शैलेन्द्र नौटियाल, सतीश धौलाखंडी,शान्ति प्रकाश जिज्ञासु, रजनी कुकरेती, प्रदीप कुकरेती, डॉ.वी. के. डोभाल देहरादून के कई साहित्य प्रेमी, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक व प्रधानाचार्य सहित पाठक गण व शहर के अन्य साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
उत्तराखंड़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया ‘सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा’ अभियान का आयोजन
देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल व जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रेम सिंह खिमाल के दिशा-निर्देशन में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सीमा डुँगराकोटी द्वारा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लक्खीबाग में “सड़क सुरक्षा -जीवन रक्षा” अभियान का आयोजन किया गया।
उक्त अभियान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के साथ परिवहन विभाग और पुलिस विभाग तथा बुरांश संस्था द्वारा भी सहयोग किया गया।
इस दौरान पुलिस विभाग से (सीपीयू , उप निरीक्षक) श्री अनिल कुमार और परिवहन विभाग (आरटीओ, सड़क सुरक्षा) श्रीमती अनीता चमोला द्वारा विद्यालय की समस्त छात्राओं को विस्तार से सड़क सुरक्षा के नियमों के संबंध में तथा लापरवाही करने पर होने वाले चालानों के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गई।
इसके उपरांत सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून श्रीमती सीमा डुँगराकोटी द्वारा मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों से छात्राओं को अवगत कराते हुए, उन्हें सावधानी से सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया।
इस अवसर पर बुरांश संस्था की ओर से नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी छात्राओं को सड़क सुरक्षा से होने वाले नुकसानों के संबंध में व सड़क सुरक्षा के नियमों के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।
इसके उपरांत परिवहन विभाग (आरटीओ, सड़क सुरक्षा) श्रीमती अनीता चमोला द्वारा सड़क सुरक्षा के संबंध में क्विज के माध्यम से कुछ प्रश्न किए गए तथा सही उत्तर देने वाले लगभग 20 छात्राओं को उपहार देकर पुरस्कृत भी किया गया। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा छात्राओं के मध्य पोस्टर कंपटीशन रखा गया, जिसमें 6 विजेताओं का चयन किया गया, जिन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून की ओर से प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
इसके उपरांत स्कूल की छात्राओं द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून, परिवहन विभाग, सीपीयू व बुरांश संस्था के साथ आम जनता को जागरूक करने के लिए रैली भी निकाली गई तथा आमजन को पेम्फलेट वितरित किए गए ।
उक्त कार्यक्रम में पराविधिक कार्यकर्ता श्री उमेश्वर सिंह रावत द्वारा भी सहयोग किया गया।विद्यालय की प्रधानाचार्या सुश्री नीरजा छीबर ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
निम्नलिखित क्विज प्रतियोगिता में विजेता छात्राएं-
चांदनी, मानसी चौहान, राधा, खुशी परवीन, वैशाली, कशिश खान, सोफिया, अक्षिता, समृद्धि माथुर, बबीता पिमोली, जैनब और श्रुति कुकरेती।
स्लोगन प्रतियोगिता में विजेता छात्राएं – प्रीति, सुमैया, नेहा, हुरन, अलवीरा और सुहानी।
अपहरण कांड का सनसनीखेज खुलासा, 50 लाख फिरौती की साजिश हुई नाकाम
हल्द्वानी, नैनीताल जिले की मुखानी पुलिस ने अपहरण के एक सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 50 लाख रुपये की फिरौती के लिए तुषार लोहनी (27) का अपहरण किया गया था, जिसे पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया। फरार अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
7 मई 2025 को गिरीश चंद्र लोहनी, निवासी तल्ली बमौरी, मुखानी, नैनीताल ने पुलिस को तहरीर दी कि अज्ञात व्यक्तियों ने उनके बेटे तुषार लोहनी का अपहरण कर फरीदाबाद ले जाकर मारपीट और गाली-गलौज की। इस आधार पर मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच उपनिरीक्षक वीरेंद्र बिष्ट को सौंपी गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने मामले के तुरंत खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रकाश चंद्र को निर्देश दिए। सीओ हल्द्वानी नितिन लोहानी के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष मुखानी दिनेश जोशी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन के आधार पर बांदा शहर में छानबीन शुरू की। जांच में मुन्ना कुरैशी (निवासी तावडू, हरियाणा), दयाशंकर तिवारी (निवासी महखोर, बांदा), अंकुश कुमार और विनय प्रताप (निवासी कृपालपुर, इटावा) के नाम सामने आए। अभियोग में धारा 140(2)/190/61(2) बीएनएस जोड़ी गई। पुलिस ने 11 मई 2025 को तुषार लोहनी को बांदा के अत्तरा शहर से सकुशल बरामद किया।
19 मई 2025 को पुलिस ने छापेमारी कर तीन आरोपियों—दयाशंकर तिवारी (61), अंकुश कुमार (21), और विनय प्रताप (24)—को उनके घरों से गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि आलोक तिवारी के साथ 50 लाख रुपये के लेन-देन के विवाद के कारण यह साजिश रची गई। आलोक तिवारी ने इटावा के कृपालपुर में एक शादी के दौरान अंकुश और विनय से मुलाकात की और पुराने परिचित मुन्ना कुरैशी के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई। 6 मई 2025 को तुषार को कालाढूंगी रोड के बावर्ची रेस्टोरेंट से अगवा कर बांदा और चित्रकूट के अलग-अलग स्थानों पर रखा गया, जहां 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई।
पुलिस टीम में थानाध्यक्ष दिनेश चंद्र जोशी, उपनिरीक्षक वीरेंद्र चंद्र, हरजीत राणा, वीरेंद्र बिष्ट, कांस्टेबल बलवंत बिष्ट, रविंद्र खाती और चंदन सिंह नेगी शामिल थे।
एसएसपी मीणा ने टीम की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी त्वरित कार्रवाई से अपहृत को सुरक्षित बचाया गया। फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी है। पुलिस ने नागरिकों से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने की अपील की है।
16वें वित्त आयोग से नगर निकायों को बड़ी उम्मीद, कूड़ा निस्तारण बनी सबसे बड़ी चुनौती
देहरादून, आम जनता से जुड़े कई मुद्दों के समाधान को लेकर नगर निकायों में हर बार धन की कमी आड़े आती रहती है, वहीं नगर निकायों को इस बार 16वें वित्त आयोग से 4500 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट मिलने की संभावना जताई जा रही है। राज्य सरकार और स्थानीय निकायों ने वित्त आयोग के समक्ष एकजुट होकर मजबूती से अपना पक्ष रखा, जिससे इस उम्मीद को बल मिला है।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में उत्तराखंड सरकार ने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों, तेजी से शहरीकरण और नगर निकायों की वित्तीय जरूरतों को विस्तार से प्रस्तुत किया। निकाय प्रतिनिधियों ने भी आयोग के समक्ष स्थानीय सेवाओं के विस्तार, आधारभूत ढांचे के निर्माण और वित्तीय स्वावलंबन की आवश्यकता को रेखांकित किया। यदि प्रस्तावित 4500 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट स्वीकृत होती है, तो इससे उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में पेयजल, सफाई, सड़क, स्ट्रीट लाइटिंग, कचरा प्रबंधन और अन्य नागरिक सेवाओं को मजबूती मिलेगी। यह शहरी निकायों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
15वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड के लिए 4181 करोड़ रुपये की ग्रांट की सिफारिश की थी, जब राज्य में 85 नगर निकाय थे। लेकिन अब निकायों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है, जिससे संसाधनों की आवश्यकता भी बढ़ गई है। राज्य के कई नगर निकाय स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, जलापूर्ति और आधारभूत सुविधाओं के राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने की चुनौती का सामना कर रहे हैं। नए निकायों के पास तो खुद के राजस्व स्रोत ही नहीं हैं, जबकि पुराने निकायों के पास भी पर्याप्त आय के साधन नहीं हैं। ऐसे में 16वें वित्त आयोग की प्रस्तावित ग्रांट से उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं, जिससे इन निकायों को न केवल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी, बल्कि स्थायी वित्तीय ढांचा भी तैयार हो सकेगा।
उत्तराखंड के अधिकांश नगर निकाय केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली ग्रांट पर ही निर्भर हैं। उनकी अपनी आय सीमित है और कई नए निकायों के पास तो राजस्व का कोई स्थायी स्रोत तक नहीं है। इस स्थिति में कूड़ा निस्तारण एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है, जिससे न केवल शहरों की स्वच्छता व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि इस पर खर्च भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। राज्य की राजधानी देहरादून सहित कोई भी नगर निकाय कूड़ा निस्तारण की समस्या का स्थायी समाधान अब तक नहीं ढूंढ पाया है। कई निकायों के पास कचरे को प्रोसेस करने के लिए न तो पर्याप्त आधारभूत ढांचा है और न ही इसके संचालन के लिए आवश्यक संसाधन। हाल ही में उत्तराखंड दौरे पर आए 16वें वित्त आयोग के समक्ष नगर निकायों के प्रतिनिधियों ने भी इन समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि जब तक नगर निकायों को पर्याप्त वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी, तब तक स्वच्छता जैसे राष्ट्रीय मानकों को हासिल करना बेहद कठिन है। हालांकि 16वें वित्त आयोग से उत्तराखंड को 4500 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि नगर निकायों को इसके तहत कितनी राशि प्रदान की जाएगी। नगर निकायों को इस बात की उम्मीद है कि आयोग स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और आधारभूत ढांचे को प्राथमिकता में रखकर राशि का आवंटन करेगा।
अगस्त्यमुनी में निकाली तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा, लोगों ने उत्साह के साथ की भागीदारी।
रुद्रप्रयाग : भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की ऐतिहासिक विजय को समर्पित शौर्य सम्मान यात्रा में सैकड़ों की संख्या में केदारनाथ आमजन, पूर्व सैनिक, युवा वर्ग एवं मातृशक्ति ने तिरंगे के साथ पद यात्रा में भाग लिया।
इस अवसर पर केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले वीर सैनिकों, वायुसेना, नौसेना और सभी सुरक्षा बलों को नमन करते हुए कहा कि भारत ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने न केवल अपने वीर सपूतों की बहादुरी का प्रदर्शन किया, बल्कि आतंकवाद और उसके समर्थकों को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि नया भारत अब हर आतंकी कार्रवाई का जवाब उसी की भाषा में देगा।
उन्होंने कहा कि गढ़वाल की भूमि ने देश को पहले और दूसरे सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) देने का गौरव प्राप्त किया है, जो यहां की सैन्य परंपरा और राष्ट्रीय सेवा की भावना को दर्शाता है। यह भूमि वीरों की भूमि है। यहां के नौनिहालों को चाहिए कि वे इस परंपरा को आगे बढ़ाएं, सेना में शामिल होकर राष्ट्र की सेवा करें और देश के लिए गर्व का कारण बनें।
कार्यक्रम में रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत किसी भी आतंकी चुनौती का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है और अब देश की सीमाओं की रक्षा अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से की जा रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वीर भूमि है, जहाँ का लगभग हर परिवार देशसेवा से जुड़ा है। उन्होंने जनपद के युवाओं से आह्वान किया कि वे सेना और सुरक्षा बलों के अनुशासन, शौर्य और राष्ट्रसेवा की प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।
जिला अध्यक्ष भारत भूषण भट् ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगो से आग्रह किया कि सभी लोग गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को सेना के अद्वितीय शौर्य और बलिदान की गाथाएं बताएं। यही वह समय है जब हमें अपने राष्ट्र के रक्षकों का मनोबल और ऊंचा करना है। आज जिस तरह से सभी ने तिरंगा लेकर यह मार्च निकाला, वह सेना के प्रति सम्मान का एक ऐतिहासिक संदेश है।
इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष शकुंतला जगवान, पूर्व राज्य मंत्री अशोक खत्री, जिला महामंत्री विनोद देवशाली , अगस्त्यमुनि नगर मंडल अध्यक्ष मनोज राणा, भाजयुमो जिला अध्यक्ष प्रदीप राणा, जिला मीडिया प्रभारी सतेन्द्र बर्त्वाल, सतीश प्रसाद गोस्वामी, श्रीनंद जनलोकी,विक्रम नेगी , रमेश बेंजवाल, किरण शुक्ला ,अर्जुन नेगी ,सुभाष रावत ,दलवीर नेगी, बृजमोहन नेगी, राजेंद्र बिष्ट , धर्मेन्द्र कंडवाल आदि मौजूद थे।
गजब संयोग- 42 साल नौकरी और 42 साल पेंशन, बिट्रिस काल में दी सेवा, नहीं रहे 103 वर्षिय सेवा निवृत्त तहसीलदार राधा कृष्ण चौकियाल।
रूद्रप्रयाग- बिट्रिस काल में पटवारी के पद से अपनी प्रशासनिक सेवा प्रारंभ करने वाले स्व० राधाकृष्ण चौकियाल के निधन पर संवेदना व श्रद्धाजंलि देने वालों का ताँता लगा है।
अगस्त्यमुनि विकास खण्ड के ग्राम पंचायत चोपड़ा निवासी 103 वर्षीय सेवानिवृत तहसीलदार राधाकृष्ण चौकियाल के निधन से जनपद मे श्रद्धाजंलि का सिलसिला जारी है। रविवार को रुद्र्प्रयाग स्थित पवित्र अलक नंदा – मन्दाकिनी के संगम तट पर सैकडो की संख्या में उपस्थित लोगों ने पहुँचकर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके ज्येष्ठ पुत्र राजेन्द्र चौकियाल और कनिष्ठ पुत्र संतोष चौकियाल ने स्व० राधाकृष्ण चौकियाल को मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में जनपद सहित स्व० चौकियाल द्वारा तहसीलदार रहते हुए सेवित तहसीलों में, उनके पूर्व मातहतों व कर्मचारियों ने भी उन्हें अन्तिम विदाई दी। इससे पूर्व एक दिन उनके पैतृक निवास पर उनकी देह, बन्धु बान्धवों और नाते रिश्तेदारों के लिए, अन्तिम दर्शनों के लिए रखी गई।
संक्षिप्त परिचय-
4 जून 1923 को माता कस्तूरबा देवी और पिता मुकुन्दराम चौकियाल के घर जन्मे बालक,को कृष्ण भक्त पिता मुकुन्दराम और राधा के चरित्र से प्रेरित माता कस्तूरबा ने अपने लाड़ले शिशु का नाम राधा कृष्ण रखा। बालक राधाकृष्ण का अक्षरारम्भ ज्योतिष व कर्मकाण्ड के मर्मज्ञ पिता मुकुन्दराम के हाथों हुआ। बालक राधाकृष्ण को अपनी दोनों माताओं में से छोटी माता सत्येश्वरी देवी का भी खूब प्यार दुलार मिला। 7 वर्ष की उम्र में उनका दाखिला नजदीकी आधारिक विद्यालय चोपड़ा में करवाया गया। 8वीं कक्षा कर्णप्रयाग व हाई स्कूल श्रीनगर से किया। युवावस्था में आते ही अपने आकर्षक व्यक्तित्व व सुडौल कद काठी के सुदर्शन युवक राधाकृष्ण बहुत जल्द ही युवाओं में लोकप्रिय हो गये। यह वह समय था जब महात्मा गाँधी जी पूरे देश में घूम-घूम कर युवाओं व आम जन को अंग्रेजों के शासन के विरूद्ध तैयार कर रहे थे। वर्ष 1942 में गान्धी जी द्वारा अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन शुरु कर दिया गया। राधाकृष्ण भी आन्दोलन में कूद पड़े। वे जगह जगह जाकर लोगों को आंदोलन के लिए तैयार करने लगे। अपनी लम्बी कद काठी और आकर्षक व्यक्तित्व के कारण वे जल्दी ही समाज में लोकप्रिय हो गए।
उस दौर में अंग्रेजी अफसरों के दौरों के दौरान दुभाषियों की मदद से भी बहुत कम लोग अंग्रेजों से बातचीत कर पाने का साहस कर पाते थे। निर्भीक राधाकृष्ण दूर दूर तलक अंग्रेजों से अपने इलाके की समस्याओं को सामने रखने हेतु चले जाते। ऐसे ही एक बार अंग्रेज डिप्टी कमिश्नर मिस्टर स्टव से निर्भीकता पूर्वक बातचीत करते हुए मि० स्टव को उनका व्यक्तित्व बहुत पसंद आया। मि० स्टव भारतीय स्वतन्त्रता के समर्थक थे और चाहते थे कि वे स्थानीय युवा, जो अपनी जनता की समस्याओं और भावनाओं की अच्छी समझ रखते हैं वे अंग्रेजी शासन को समस्याएं बतायें। उस दौर में रूद्रप्रयाग कस्बे में स्वामी सच्चिदानंद जी अपने समाज सेवा के कार्यों से समाज में एक ऊंचा मुकाम हासिल कर चुके थे। स्वामी जी तथा रूद्रप्रयाग के प्रसिद्ध युवा नाड़ी वैद्य पं० नारायण दत्त गैरोला जी की सलाह पर राधाकृष्ण चौकियाल जी ने समाजहित में अंग्रेजी शासन काल में पटवारी का पद स्वीकार किया। उन्हे तत्कालीन अंग्रेज डिप्टी कमिश्नर द्वारा पौड़ी तहसील की उदयपुर घांघू क्षेत्र का पटवारी बनाया गया।
ब्रिटिश गढ़वाल के सभी जिले 3 तहसीलों क्रमश: चमोली, पौड़ी तथा लैन्सडाउन में बंटे थे। बाकी क्षेत्र टिहरी रियासत के अधीन था। चमोली तहसील में 5परगने पैनखंडा, नागपुर, दशोली, बधाण तथा चांदपुर थे। 15अगस्त 1947 को भारत को स्वतन्त्रता मिलने के बाद यह क्षेत्र संयुक्त प्रांत (जिसे बाद में उत्तर प्रदेश के नाम से जाना गया) का हिस्सा बना। 1949 में टिहरी रियासत को कुमाऊँ मण्डल में सम्मिलित करने पर राजशाही का सम्पूर्ण क्षेत्र कुमाऊँ मण्डल में शामिल किया गया।24 फरवरी 19 60 को चीन के आक्रमण के डर से प्रशासनिक सुविधा के लिए संयुक्त प्रांत के मुख्यमंत्री डॉ० सम्पूर्णानंद ने चमोली तहसील को जिला बनाने की घोषणा की। तत्कालीन समय में पटवारी का पद भूमि विवरण, सीमांकन एवं पैमाइश आदि कार्य के लिए होता था परन्तु यह कोई सरकारी पद नहीं था।
बताते दें कि सन 1819 में डिप्टी कमिश्नर ट्रेल द्वारा स्थापित (बनाया गया) पटवारी का पद स्वतन्त्रता के बाद सन 1956 तक बिना पेंशन का पद रहा। 1956 के बाद ही यह पद पेंशन धारक पद बना। सन 1819 में सहायक कमिश्नर ट्रेल द्वारा गढ़वाल में 9 पदों के साथ पटवारी पद अस्तित्व में आया था।) राधाकृष्ण चौकियाल पटवारी के बाद कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार आदि पदों पर रहते हुए सन 1983 में कर्णप्रयाग तहसील के तहसीलदार पद से सेवानिवृत्त हुए। उन्हें जनता व जन सामान्य की समस्याओं को सुनने और हल करने वाले अधिकारी के रूप में खूब प्रसिद्धि मिली। अपनी ईमानदारी व कड़क अनुशासन के लिए निक्कमें और हील हवाली करने वाले कर्मचारियों के मन में राधा कृष्ण जी का खौफ हमेशा छाया रहता था। उनकी मृदु भाषी स्वभाव के कारण सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उनसे बिना हिचकिचाहट के मिलता था। वे वादी और प्र तिवादी दोनों पक्षों के आरोपों और प्रत्यारोपों को बहुत ध्यान और शिद्दत के साथ सुनकर निर्णय व न्याय करते थे।
यही कारण था कि पूरे सेवाकाल में कभी भी किसी अधिकारी या सामान्य से सामान्य व्यक्ति को उनसे कभी शिकायत नहीं रही। जो भी उनसे पहली बार मिलता उनकी कार्यशैली का कायल हो जाता। राधाकृष्ण जी का रामायण और श्रीमद गीता में अनन्य श्रद्धा और भक्ति बनी रही। यह गुण और संस्कार उन्हें पैतृक रूप से मिला। इन्ही गुणों संस्कारों का प्रतिफल रहा कि वर्ष 1983 में सेवानिवृत्त होते ही उन्हें अपने गांव चोपड़ा के नारायण मन्दिर परिसर में प्रतिवर्ष की जाने वाली रामलीला के आजन्म अध्यक्ष बनाये रखे गये। उनके अनुभवों का लाभ लेने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा दो दशक पूर्व उन्हें ग्राम प्रधान निर्वाचित किया गया। उनके अनुभव व ओहदे को देखते हुए जिले के सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी /कर्मचारी उनकी बातों, सुझावों को तल्लीनता से सुनते, समझते और क्रियान्वित करते थे।
उनके सहयोगी रहे चोपड़ा गांव के 80 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक और समाजसेवी शिव प्रसाद थपलियाल का कहना है कि स्व० राधाकृष्ण चौकियाल जी बहुत संयमित, सुलझे व्यक्तित्व के धनी थे। उनके कनिष्ठ पुत्र पं० सन्तोष प्रसाद चौकियाल ने बताया कि दैनिक रूप से अखबार का अध्ययन पिता जी की दिनचर्या में शामिल था।
उनके परिजन और पौत्र शिक्षक हेमंत चौकियाल ने बताया कि अपने 100 वें जन्मदिन के प्रथम सप्ताह में जब मैं दादा जी के दर्शनों व मुलाकात के लिए उनके निवास पर गया तो उन्होने विभिन्न सामाजिक और वैश्विक मुद्दों पर उनके नजरिये से मैं बहुत चकित हुआ। गीता और रामायण के विभिन्न प्रसंगों का जिक्र करते हुए दादा जी ने हमेशा अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहते हुए ईमानदारी व मेहनत के साथ मुझे शिक्षण कार्य करने व समाजसेवा करते रहने की नसीहत भी दी। यह भी एक संयोग ही रहा कि लगभग 42 साल नौकरी के बाद 42 साल ही उन्हें सेवानिवृत्त कर्मचारी के रूप में पेंशन मिली।
स्व० राधाकृष्ण चौकियाल के निधन पर श्रद्धांजलि व शोक संवेदना व्यक्त करने वाले प्रमुख लोगों में रूद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी , केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत, निवृत्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा, निवृत्तमान ब्लॉक प्रमुख विजया देवी, वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाडी, कैलाश खण्डूरी, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र चमोली, उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विक्रम झिंक्वाण, महामन्त्री दिनेश भट्ट, कोषाध्यक्ष रघुवीर सिंह बुटोला, भाजपा जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट,महिला आयोग उपाध्यक्ष ऐश्वर्या रावत, डी आर डी ओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारिका प्रसाद त्रिपाठी सहित चोपड़ा ग्रामसभा के वयोवृद्ध शिव प्रसाद थपलियाल, घनश्याम पुरोहित, सुरेन्द्र रावत, तल्ला नागपुर भाजपा मण्डल अध्यक्ष वीर सिंह सजवाण, चोपड़ा के पूर्व प्रधान रमेश त्रिपाठी, ग्राम पंचायत धारकोट के पूर्व प्रधान सेवानिवृत सूबेदार नारायण दत्त तिवाड़ी, धारकोट के पूर्व प्रधान नरेन्द्र सिंह नेगी, पूर्व प्रधानाचार्य चक्रधर चौकियाल डॉ० सुशील चौकियाल,पं० मनोज चौकियाल, उनके ज्येष्ठ पौत्र आयुष चौकियाल, आचार्य पीयूष चौकियाल, पं०राजीव चौकियाल, पं० प्रकाश त्रिपाठी, पं० विश्वनाथ त्रिपाठी, महेन्द्र प्रसाद तिवाड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश तिवाड़ी, अनूप पंत,हरीश थपलियाल,अनूप कंडवाल, एडवोकेट गोविंद प्रसाद मैखुरी, दिनेश शैली, गिरीश शैली, जगदीश चौकियाल, शशि बल्लभ चौकियाल, द्वारिका बल्लभ चौकियाल, शशांक चौकियाल, ओम चौकियाल, विजय चौकियाल,कैलाश शैली, विभिन सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र की जनता व जन प्रतिनि शामिल है।
रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर; इन्टिग्रेटेड कार्यवाही लिए कलैक्ट्रेट में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार
सर्वे, फ्लाइओवर निर्माण, पुर्नवास, मुआवजा वितरण में जिला प्रशासन रहेगा फ्रन्टलाईन पर : डीएम
देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में देहरादून शहर की प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना की समीक्षा बैठक करते हुए विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देेश दिए। इस दौरान कार्यदायी संस्था निर्माण निगम लोनिवि द्वारा परियोजना की प्रजेंन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी गई। डीएम के निर्देश पर रिस्पना व बिन्दाल एलिवेटेड कॉरिडोर की इन्टिग्रेटेड कार्यवाही हेतु आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार कर लिया गया है जिसमें सभी विभागों के परियोजना से सम्बन्धित अधिकारी एवं कार्मिक एक साथ समन्वय से कार्य सम्पादित कर कर रहे है।
वहीं प्रशासन रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड; परियोजना पर युद्धस्तर पर आगे बढ रहा है। जिला प्रशासन पीडब्लूडी सहायतार्थ खड़ा होकर प्रभावितों के हित, जमीन, परिवारों का किया जाएगा संरक्षण के पूर्ण सहयोगरत है। डीएम अपनी राजधानी को जाम से निजात दिलाने का संभाव्य जरियाः मा0 मुख्यमंत्री के प्रताप से जिला प्रशासन करवाएगा स्थापित कराने के प्रतिबद्ध है जिसके लिए कलेक्टेªट में एक ही छत के नीचे एसडीएम व परियोजना के समस्त नोडल अधिकारी व कार्मिक कार्य कर रहे हैं। डीएम के निर्देश पर रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर; इन्टिग्रेटेड कार्यवाही को कलैक्टेªट में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार किया गया है। जिला प्रशासन एलिवेटेड कॉरिडोर के सर्वे, फ्लाइओव निर्माण, पुर्नवास, मुआवजा, वितरण में फ्रन्टलाईन की भूमिका में कार्य कर रहा है। आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन कार्यवाही गतिमान; भूमि अधिग्रहण कार्यवाही तेज है। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों के विस्थापन, मुआवजे आदि समुचित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। नगर निगम एंव एमडीडीए के अधिकारियों को भूमि का विस्तृत भूमि विवरण प्रस्तुत करने को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड कारिडोर परियोजना व्यापक जनहित तथा मा0 मुख्यमंत्री जी प्राथमिकता का प्राजेक्ट है तथा इसकी मॉनिटिरिंग की जा रही है। डीएम का इस प्राजेक्ट पर विशेष फोकस है, उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय से इस प्राजेक्ट को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने राजस्व, एमडीडीए, नगर निगम, यूपीसीएल आदि सम्बन्धित विभागों के नामित अधिकारी एवं कार्मिक जो एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना के अन्तर्गत कार्य कर रहे हैं वे सभी अधिकारी/कार्मिक आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार किय गया है। फील्ड में अधिकारियों को सैक्टर, जोनवार आंविटत करतेे हुए फील्ड सम्बन्धी कार्यों मौका मुआवना अन्य फील्ड सम्बन्धी कार्यवाही गतिमान है। बिन्दाल एलीवेटेड कॉरिडोर पर लगभग 7.00 हेक्टेयर में मौके पर नदी प्रदर्शित हो रही है, लेकिन राजस्व विभाग द्वारा भूमि की श्रेणी नदी/नॉन जेड ए को निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में दर्शाया गया है, जिस पर डीएम ने प्रकरण को शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए। डीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को बिन्दाल एवं रिस्पना ऐलिवेटेड कोरिडोर में प्रभावित वन भूमि हस्तान्तरण प्रकिया में सहयोग, प्रभावित वृक्षों के पातन, ट्रांसप्लांट इत्यादि कार्यवाही को समन्वय के निर्देश दिए।
बैठक में जानकारी देते हुए बताया गया कि बिन्दाल कॉरिडोर मंे वन भूमि हस्तान्तरण हेतु 4.00 है0 एवं रिस्पना कॉरिडोर हेतु 4.20 हेक्टेयर सी0ए0 लैण्ड पर डीएम ने कार्यवाही के निर्देश राजस्व विभाग के अधिकारियों दिए। बिन्दाल कॉरिडोर में चुक्खूवाला, डोभालवाला एवं विजयपुर हाथीबड़कला क्षेत्र में प्रभावित संरेखण नदी में 2295 मी0 लम्बाई में सेना की भूमि से गुजरता है। कुल प्रभावित क्षेत्रफल 4.90 है0 में से पियर हेतु प्रभावित क्षेत्रफल 0.51 है0 आता है। सेना की भूमि के हस्तान्तरण हेतु संयुक्त निरीक्षण एवं प्रस्ताव के परीक्षण हेतु प्रस्ताव रक्षा संपदा कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। दोनों कॉरिडोरों में मौके पर आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन करने की कार्यवाही गतिमान। इन्टीग्रेटेड कार्यवाही हेतु आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार कर दिया गया है। रिस्पना एलिवेटेड रोड के लिए प्रभावित कुल भूमि का क्षेत्रफल 44.8216 हेक्टेयर, जिसमें सरकारी भूमि 42.648 हेक्टेयर, निजी भूमि 2.1736 हेक्टेयर है। प्रभावित कुल स्थायी संरचनाएँ 771 प्रभावित कुल अस्थायी संरचनाएँ 349 कुल प्रभावित संरचनाएँ 1120 हैं। वहीं बिन्दाल एलिवेटेड रोड के लिए प्रभावित कुल भूमि का क्षेत्रफल 43.9151 हेक्टेयर, सरकारी भूमि 25.7968 हेक्टेयर, निजी भूमि 18.1183 हेक्टेयर, वन भूमि 1.96 हेक्टेयर, आवश्यक सी0ए0 लैण्ड 4.00 हेक्टेयर, रक्षा सम्पदा भूमि 4.93 हेक्टेयर, पियर फाउंडेशन हेतु भूमि 0.42 हेक्टेयर तथा प्रभावित स्थायी संरचनायें 934, अस्थायी संरचनायें 560, कुल प्रभावित संरचनायें 1494 है।
बैठक में बताया गया कि आई०आई०टी० रुड़की द्वारा हाइड्रोलॉजिकल मॉडल स्टडी सम्पादित है, समस्त यूटिलिटी, सेवा के विभागों के साथ संयुक्त निरीक्षण कर सेवाओं के शिफ्टिंग के आगणन प्राप्त हो गए हैं। राजस्व विभाग द्वारा भू अधिग्रहण की कार्यवाही गतिमान है। धारा 4 प्रकाशित कर दिया गया हैं तथा धरातल पर एस०आई०ए० का कार्य गतिमान। रिस्पना कॉरिडोर में 9 कि०मी० की लम्बाई तथा बिन्दाल कॉरिडोर में 10 कि0मी लम्बाई में एस0आई0ए0 सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बिन्दाल कॉरिडोर मंे वन भूमि हस्तान्तरण हेतु 4.00 है0 एवं रिस्पना कॉरिडोर हेतु 4.20 हेक्टेयर सी0ए0 लैण्ड पर जिलाधिकारी ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। बिन्दाल कॉरिडोर में चुक्खूवाला, डोभालवाला एवं विजयपुर हाथीबड़कला क्षेत्र में प्रभावित संरेखण नदी में 2295 मी0 लम्बाई में सेना की भूमि से गुजरता है। कुल प्रभावित क्षेत्रफल 4.90 है0 में से पियर हेतु प्रभावित क्षेत्रफल 0.51 है0 आता है। सेना की भूमि के हस्तान्तरण हेतु संयुक्त निरीक्षण एवं प्रस्ताव के परीक्षण हेतु प्रस्ताव रक्षा संपदा कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। दोनों कॉरिडोरों में मौके पर आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन करने की कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के मिश्रा, अपर नगर आयुक्त हेमंत कुमार, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, एसएलओ स्मृता परमार, उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार, अधि.अभि लोनिवि जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी, यूपीसीएल, एमडीडीए आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
नफरत के खिलाफ मशालें जलाये रखने का आह्वान
“बचा सको तो बचा लो उत्तराखंड अभियान के तहत गांधी पार्क में नुक्कड़ सभा और शांति मार्च”
(एल मोहन लखेड़ा)
देहरादून, उत्तराखंड इंसानियत मंच के बैनर तले सोमवार शाम को गांधी पार्क में नुक्कड़ सभा और गांधी पार्क से घंटाघर तक शांति मार्च का आयोजन किया। इस मौके पर नफरत के खिलाफ मशालें जलाये रखने का आह्वान किया गया और शांति और सद्भाव चाहने वाले लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की गई।
नुक्कड़ सभा में सीपीआई नेता समर भंडारी ने कहा कि आज पूरे उत्तराखंड को इस तरह के अभियान की जरूरत है। जिस तरह से सरकार की शह पर पूरे राज्य में साम्प्रदायिक नफरत को हवा दी जा रही है, उससे निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है। एडवोकेट रजिया बेग ने इस अभियान को पूरी तरह से समर्थन देने की बात कही और कहा कि उत्तराखंड राज्य में भाईचारे को बिगाड़ने के हर प्रयास का मजबूती के साथ मुकाबला किया जाएगा।
सीटू के लेखराज ने कहा कि इस तरह की वैमनस्यता से कुछ लोग राजनीतिक लाभ उठाते हैं, लेकिन आम नागरिकों और खासकर मजदूरों को इसका शिकार होना पड़ता है। उन्हों आम नागरिकों का आह्वाल किया कि वे नफरतियों के झांसे में न आयें। नफरत से न सिर्फ विकास अवरुद्ध होता है, बल्कि आम नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उत्तराखंड क्रांति दल के लताफत हुसैन ने कहा कि उत्तराखंड ने हमेशा सामाजिक सद्भाव की मिसाल कायम की है। इस राज्य में नफरतियों के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।
एसएफआई के हिमांशु चौहान ने कहा कि सरकारी कॉलेजों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। स्कूलों में न अध्यापक हैं और न प्रिंसिपल। यदि ललित मोहन सती जैसा कोई अध्यापक मंत्री से शिकायत करता है तो उन्हें नोटिस भेज दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि इन्हीं सब कमियों पर पर्दा डालने के लिए हिन्दू मुसलमान और पहाड़ मैदान का विवाद पैदा किया जा रहा है। सभा का संचालन करते हुए उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि आज उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण है। ग्लोबल वार्मिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में हिमालय भी शामिल है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में हिमालय के ग्लेशियर पिघल जाएंगे और गंगा-यमुना जैसी नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, ऐसा वैज्ञानिकों कहना है। इस स्थिति में इस राज्य के एक-एक व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण की लड़ाई लड़नी चाहिए थी, लेकिन लोगों को हिन्दू-मुसलमान में उलझा दिया गया है।
जन नाट्यकर्मी सतीश धौलाखंडी ने ‘मशालें लेकर चलना कि जब तक रात बाकी है, संभल कर हद कदम रखना कि जब तक रात बाकी है’ जनगीत गाकर संघर्ष की मशाल जलाये रखने का आह्वान किया। इसके बाद गांधी पार्क से घंटाघर तक शांति मार्च निकाला गया। इस दौरान हम संविधान बचाने आये हैं, आओ हमारे साथ चलो और नफरत फैलाना नहंी चलेगा जैसे नारे लगाये गये और बचा सको तो बचा ले उत्तराखंड को अभियान के पर्चे बांटे गये।
इस मौके पर डॉ. रवि चोपड़ा, कमला पंत, उमा भट्ट, नन्द नन्दन पांडे, राघवेन्द्र, तुषार रावत, निर्मला बिष्ट, वीके डोभाल, राजेन्द्र पुरोहित, अनंत आकाश, हेमलता नेगी, सुरेन्द्र सिहं सजवाण, स्वाति नेगी, शीशपाल राजा, यशवीर आर्य, परमिन्दर सिंह, जगदीश कुकरेती सहित कई लोग मौजूद थे।
अंकिता हत्याकांड़ : अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना निर्णय रखा सुरक्षित, 30 मई को होगा अंतिम फैसला
कोटद्वार, उत्तराखंड़ की बहुचर्चित और सनसनीखेज अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अब फैसला आने वाला है। मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है, मंगलवार 19 मई को सुनवाई करते हुए कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए कहा है कि अब अंतिम फैसला 30 मई को सुनाया जाएगा। इस दिन पीड़िता के परिजन, प्रदेश की जनता और पूरे देश की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी होंगी।
इस हत्या कांड़ के मामले ने पूरे राज्य भूचाल ला दिया और जनता अंकिता भंडारी को न्याय के लिये सड़कों पर आंदोलित रही, अंकिता के परिवार और समाज के बड़े तबके ने इस मामले में त्वरित और सख्त न्याय की मांग की। जनता के आक्रोश के चलते सरकार को रिसॉर्ट को बुलडोजर से ढहाना पड़ा था। केस में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई थी, शुरुआती जांच में कई चूकें सामने आईं।
क्या था घटनाक्रम :
पौड़ी जनपद की रहने वाली अंकिता भंडारी एक रिसॉर्ट में काम करती थीं जो 18 सितंबर 2022 को रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थीं, कई दिन की खोजबीन के बाद अंकिता का शव ऋषिकेश की चिल्ला नहर से बरामद हुआ था। इस हत्या क मामले में कथित रूप से मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का था। पुलकित एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता है। आरोप है कि अंकिता पर रिसॉर्ट के वीआईपी ग्राहकों को ‘ग़लत सेवा’ देने का दबाव बनाया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया था। पुलिस नेइस मामले में पुलकित आर्य, उसके दो साथियों रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भारद्वाज और सहकर्मी अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। तीनों पर अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने के आरोप लगाए गए। जनता के आक्रोश के चलते सरकार को रिसॉर्ट को बुलडोजर से ढहाना पड़ा था। केस में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई थी, क्योंकि शुरुआती जांच में कई चूकें सामने आईं।
इस केस को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाया गया, जहां अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें कई महीनों तक चलीं। आखिरकार, मई 2025 में सुनवाई पूरी कर ली गई। अब अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए इसे 30 मई को सुनाने की घोषणा की है।
परिवार की 30 मई पर टिकी निगाहें :
राज्य हुये इस जघन्य हत्याकांड को लेकर जनता सड़कों पर उतर कर न्याय के लिये आंदोलित थी वहीं अंकिता के माता-पिता ने बार-बार मीडिया से अपील की है कि उनकी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक बेटी का मामला नहीं, बल्कि हर उस लड़की की लड़ाई है जो अपने आत्मसम्मान के लिए खड़ी होती है। इस हत्याकांड़ को लेकर जनता की भावनाएं गहराई से जुड़ी रही हैं। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों ने न्याय की मांग की। अब देखना होगा 30 मई को न्यायपालिका इस बहुचर्चित मामले में क्या रुख अपनाती है।
किसानों ने किया प्रदर्शन, नहर में पानी की कमी से फसलें सूखने की कगार पर
देहरादून, डोईवाला के मारखमग्रांट क्षेत्र के बुल्लावाला-झबरावाला गांव में सिंचाई के लिए नहर में पानी न आने से किसानों की फसलें सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं। इस गंभीर समस्या को लेकर क्षेत्र के किसानों ने सोमवार को डोईवाला तहसील में प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले एकजुट हुए किसानों ने उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को ज्ञापन सौंपकर तत्काल नहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे तहसील परिसर में धरना शुरू करेंगे।
किसानों ने बताया कि बुल्लावाला-झबरावाला क्षेत्र में खेतों की सिंचाई के लिए नहर राजाजी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र से होकर गुजरती है। यह नहर सुसवा नदी पर बांध बनाकर निकाली गई है, लेकिन वर्तमान में इसमें पानी का प्रवाह पूरी तरह ठप है। किसानों का आरोप है कि राजाजी पार्क प्रशासन नहर में पानी छोड़ने के लिए उनसे पूर्व अनुमति लेने की शर्त रख रहा है, जिसके चलते सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा। इससे उनकी फसलें, विशेष रूप से धान और अन्य खरीफ की फसलें, सूखने की स्थिति में हैं, जो उनकी आजीविका के लिए बड़ा झटका है।
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि नहर में पानी की कमी लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने मांग की कि पार्क प्रशासन और सिंचाई विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर नहर में पानी का नियमित प्रवाह सुनिश्चित किया जाए। किसानों ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
प्रदर्शन में सुरेंद्र सिंह खालसा, विजय बक्शी, अनूप कुमार, मोहन सिंह, सुलोचना शर्मा, कन्हैया लाल चमोली, परमानंद बलूनी, रनजोध सिंह, गुरमेल सिंह, नाथीराम पाल, विनय कांबोज, लोकेश कुमार, मुकेश नौटियाल, चरण सिंह सहित कई अन्य किसान शामिल रहे। स्थानीय लोगों ने भी किसानों के इस प्रदर्शन का समर्थन किया और प्रशासन से इस समस्या का त्वरित समाधान करने की अपील की।