Monday, May 19, 2025
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रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर; इन्टिग्रेटेड कार्यवाही लिए कलैक्ट्रेट में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार

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सर्वे, फ्लाइओवर निर्माण, पुर्नवास, मुआवजा वितरण में जिला प्रशासन रहेगा फ्रन्टलाईन पर : डीएम

देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में देहरादून शहर की प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना की समीक्षा बैठक करते हुए विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देेश दिए। इस दौरान कार्यदायी संस्था निर्माण निगम लोनिवि द्वारा परियोजना की प्रजेंन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी गई। डीएम के निर्देश पर रिस्पना व बिन्दाल एलिवेटेड कॉरिडोर की इन्टिग्रेटेड कार्यवाही हेतु आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार कर लिया गया है जिसमें सभी विभागों के परियोजना से सम्बन्धित अधिकारी एवं कार्मिक एक साथ समन्वय से कार्य सम्पादित कर कर रहे है।
वहीं प्रशासन रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड; परियोजना पर युद्धस्तर पर आगे बढ रहा है। जिला प्रशासन पीडब्लूडी सहायतार्थ खड़ा होकर प्रभावितों के हित, जमीन, परिवारों का किया जाएगा संरक्षण के पूर्ण सहयोगरत है। डीएम अपनी राजधानी को जाम से निजात दिलाने का संभाव्य जरियाः मा0 मुख्यमंत्री के प्रताप से जिला प्रशासन करवाएगा स्थापित कराने के प्रतिबद्ध है जिसके लिए कलेक्टेªट में एक ही छत के नीचे एसडीएम व परियोजना के समस्त नोडल अधिकारी व कार्मिक कार्य कर रहे हैं। डीएम के निर्देश पर रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर; इन्टिग्रेटेड कार्यवाही को कलैक्टेªट में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार किया गया है। जिला प्रशासन एलिवेटेड कॉरिडोर के सर्वे, फ्लाइओव निर्माण, पुर्नवास, मुआवजा, वितरण में फ्रन्टलाईन की भूमिका में कार्य कर रहा है। आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन कार्यवाही गतिमान; भूमि अधिग्रहण कार्यवाही तेज है। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों के विस्थापन, मुआवजे आदि समुचित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। नगर निगम एंव एमडीडीए के अधिकारियों को भूमि का विस्तृत भूमि विवरण प्रस्तुत करने को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड कारिडोर परियोजना व्यापक जनहित तथा मा0 मुख्यमंत्री जी प्राथमिकता का प्राजेक्ट है तथा इसकी मॉनिटिरिंग की जा रही है। डीएम का इस प्राजेक्ट पर विशेष फोकस है, उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय से इस प्राजेक्ट को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने राजस्व, एमडीडीए, नगर निगम, यूपीसीएल आदि सम्बन्धित विभागों के नामित अधिकारी एवं कार्मिक जो एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना के अन्तर्गत कार्य कर रहे हैं वे सभी अधिकारी/कार्मिक आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार किय गया है। फील्ड में अधिकारियों को सैक्टर, जोनवार आंविटत करतेे हुए फील्ड सम्बन्धी कार्यों मौका मुआवना अन्य फील्ड सम्बन्धी कार्यवाही गतिमान है। बिन्दाल एलीवेटेड कॉरिडोर पर लगभग 7.00 हेक्टेयर में मौके पर नदी प्रदर्शित हो रही है, लेकिन राजस्व विभाग द्वारा भूमि की श्रेणी नदी/नॉन जेड ए को निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में दर्शाया गया है, जिस पर डीएम ने प्रकरण को शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए। डीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को बिन्दाल एवं रिस्पना ऐलिवेटेड कोरिडोर में प्रभावित वन भूमि हस्तान्तरण प्रकिया में सहयोग, प्रभावित वृक्षों के पातन, ट्रांसप्लांट इत्यादि कार्यवाही को समन्वय के निर्देश दिए।
बैठक में जानकारी देते हुए बताया गया कि बिन्दाल कॉरिडोर मंे वन भूमि हस्तान्तरण हेतु 4.00 है0 एवं रिस्पना कॉरिडोर हेतु 4.20 हेक्टेयर सी0ए0 लैण्ड पर डीएम ने कार्यवाही के निर्देश राजस्व विभाग के अधिकारियों दिए। बिन्दाल कॉरिडोर में चुक्खूवाला, डोभालवाला एवं विजयपुर हाथीबड़कला क्षेत्र में प्रभावित संरेखण नदी में 2295 मी0 लम्बाई में सेना की भूमि से गुजरता है। कुल प्रभावित क्षेत्रफल 4.90 है0 में से पियर हेतु प्रभावित क्षेत्रफल 0.51 है0 आता है। सेना की भूमि के हस्तान्तरण हेतु संयुक्त निरीक्षण एवं प्रस्ताव के परीक्षण हेतु प्रस्ताव रक्षा संपदा कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। दोनों कॉरिडोरों में मौके पर आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन करने की कार्यवाही गतिमान। इन्टीग्रेटेड कार्यवाही हेतु आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया तैयार कर दिया गया है। रिस्पना एलिवेटेड रोड के लिए प्रभावित कुल भूमि का क्षेत्रफल 44.8216 हेक्टेयर, जिसमें सरकारी भूमि 42.648 हेक्टेयर, निजी भूमि 2.1736 हेक्टेयर है। प्रभावित कुल स्थायी संरचनाएँ 771 प्रभावित कुल अस्थायी संरचनाएँ 349 कुल प्रभावित संरचनाएँ 1120 हैं। वहीं बिन्दाल एलिवेटेड रोड के लिए प्रभावित कुल भूमि का क्षेत्रफल 43.9151 हेक्टेयर, सरकारी भूमि 25.7968 हेक्टेयर, निजी भूमि 18.1183 हेक्टेयर, वन भूमि 1.96 हेक्टेयर, आवश्यक सी0ए0 लैण्ड 4.00 हेक्टेयर, रक्षा सम्पदा भूमि 4.93 हेक्टेयर, पियर फाउंडेशन हेतु भूमि 0.42 हेक्टेयर तथा प्रभावित स्थायी संरचनायें 934, अस्थायी संरचनायें 560, कुल प्रभावित संरचनायें 1494 है।
बैठक में बताया गया कि आई०आई०टी० रुड़की द्वारा हाइड्रोलॉजिकल मॉडल स्टडी सम्पादित है, समस्त यूटिलिटी, सेवा के विभागों के साथ संयुक्त निरीक्षण कर सेवाओं के शिफ्टिंग के आगणन प्राप्त हो गए हैं। राजस्व विभाग द्वारा भू अधिग्रहण की कार्यवाही गतिमान है। धारा 4 प्रकाशित कर दिया गया हैं तथा धरातल पर एस०आई०ए० का कार्य गतिमान। रिस्पना कॉरिडोर में 9 कि०मी० की लम्बाई तथा बिन्दाल कॉरिडोर में 10 कि0मी लम्बाई में एस0आई0ए0 सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बिन्दाल कॉरिडोर मंे वन भूमि हस्तान्तरण हेतु 4.00 है0 एवं रिस्पना कॉरिडोर हेतु 4.20 हेक्टेयर सी0ए0 लैण्ड पर जिलाधिकारी ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। बिन्दाल कॉरिडोर में चुक्खूवाला, डोभालवाला एवं विजयपुर हाथीबड़कला क्षेत्र में प्रभावित संरेखण नदी में 2295 मी0 लम्बाई में सेना की भूमि से गुजरता है। कुल प्रभावित क्षेत्रफल 4.90 है0 में से पियर हेतु प्रभावित क्षेत्रफल 0.51 है0 आता है। सेना की भूमि के हस्तान्तरण हेतु संयुक्त निरीक्षण एवं प्रस्ताव के परीक्षण हेतु प्रस्ताव रक्षा संपदा कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। दोनों कॉरिडोरों में मौके पर आर0ओ0डब्लू0/सीमांकन करने की कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के मिश्रा, अपर नगर आयुक्त हेमंत कुमार, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, एसएलओ स्मृता परमार, उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार, अधि.अभि लोनिवि जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी, यूपीसीएल, एमडीडीए आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

नफरत के खिलाफ मशालें जलाये रखने का आह्वान

“बचा सको तो बचा लो उत्तराखंड अभियान के तहत गांधी पार्क में नुक्कड़ सभा और शांति मार्च”

(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, उत्तराखंड इंसानियत मंच के बैनर तले सोमवार शाम को गांधी पार्क में नुक्कड़ सभा और गांधी पार्क से घंटाघर तक शांति मार्च का आयोजन किया। इस मौके पर नफरत के खिलाफ मशालें जलाये रखने का आह्वान किया गया और शांति और सद्भाव चाहने वाले लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की गई।
नुक्कड़ सभा में सीपीआई नेता समर भंडारी ने कहा कि आज पूरे उत्तराखंड को इस तरह के अभियान की जरूरत है। जिस तरह से सरकार की शह पर पूरे राज्य में साम्प्रदायिक नफरत को हवा दी जा रही है, उससे निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है। एडवोकेट रजिया बेग ने इस अभियान को पूरी तरह से समर्थन देने की बात कही और कहा कि उत्तराखंड राज्य में भाईचारे को बिगाड़ने के हर प्रयास का मजबूती के साथ मुकाबला किया जाएगा।
सीटू के लेखराज ने कहा कि इस तरह की वैमनस्यता से कुछ लोग राजनीतिक लाभ उठाते हैं, लेकिन आम नागरिकों और खासकर मजदूरों को इसका शिकार होना पड़ता है। उन्हों आम नागरिकों का आह्वाल किया कि वे नफरतियों के झांसे में न आयें। नफरत से न सिर्फ विकास अवरुद्ध होता है, बल्कि आम नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उत्तराखंड क्रांति दल के लताफत हुसैन ने कहा कि उत्तराखंड ने हमेशा सामाजिक सद्भाव की मिसाल कायम की है। इस राज्य में नफरतियों के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।
एसएफआई के हिमांशु चौहान ने कहा कि सरकारी कॉलेजों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। स्कूलों में न अध्यापक हैं और न प्रिंसिपल। यदि ललित मोहन सती जैसा कोई अध्यापक मंत्री से शिकायत करता है तो उन्हें नोटिस भेज दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि इन्हीं सब कमियों पर पर्दा डालने के लिए हिन्दू मुसलमान और पहाड़ मैदान का विवाद पैदा किया जा रहा है। सभा का संचालन करते हुए उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि आज उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण है। ग्लोबल वार्मिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में हिमालय भी शामिल है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में हिमालय के ग्लेशियर पिघल जाएंगे और गंगा-यमुना जैसी नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, ऐसा वैज्ञानिकों कहना है। इस स्थिति में इस राज्य के एक-एक व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण की लड़ाई लड़नी चाहिए थी, लेकिन लोगों को हिन्दू-मुसलमान में उलझा दिया गया है।
जन नाट्यकर्मी सतीश धौलाखंडी ने ‘मशालें लेकर चलना कि जब तक रात बाकी है, संभल कर हद कदम रखना कि जब तक रात बाकी है’ जनगीत गाकर संघर्ष की मशाल जलाये रखने का आह्वान किया। इसके बाद गांधी पार्क से घंटाघर तक शांति मार्च निकाला गया। इस दौरान हम संविधान बचाने आये हैं, आओ हमारे साथ चलो और नफरत फैलाना नहंी चलेगा जैसे नारे लगाये गये और बचा सको तो बचा ले उत्तराखंड को अभियान के पर्चे बांटे गये।
इस मौके पर डॉ. रवि चोपड़ा, कमला पंत, उमा भट्ट, नन्द नन्दन पांडे, राघवेन्द्र, तुषार रावत, निर्मला बिष्ट, वीके डोभाल, राजेन्द्र पुरोहित, अनंत आकाश, हेमलता नेगी, सुरेन्द्र सिहं सजवाण, स्वाति नेगी, शीशपाल राजा, यशवीर आर्य, परमिन्दर सिंह, जगदीश कुकरेती सहित कई लोग मौजूद थे।

अंकिता हत्याकांड़ : अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना निर्णय रखा सुरक्षित, 30 मई को होगा अंतिम फैसला

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कोटद्वार, उत्तराखंड़ की बहुचर्चित और सनसनीखेज अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अब फैसला आने वाला है। मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है, मंगलवार 19 मई को सुनवाई करते हुए कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए कहा है कि अब अंतिम फैसला 30 मई को सुनाया जाएगा। इस दिन पीड़िता के परिजन, प्रदेश की जनता और पूरे देश की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी होंगी।
इस हत्या कांड़ के मामले ने पूरे राज्य भूचाल ला दिया और जनता अंकिता भंडारी को न्याय के लिये सड़कों पर आंदोलित रही, अंकिता के परिवार और समाज के बड़े तबके ने इस मामले में त्वरित और सख्त न्याय की मांग की। जनता के आक्रोश के चलते सरकार को रिसॉर्ट को बुलडोजर से ढहाना पड़ा था। केस में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई थी, शुरुआती जांच में कई चूकें सामने आईं।

क्या था घटनाक्रम :
पौड़ी जनपद की रहने वाली अंकिता भंडारी एक रिसॉर्ट में काम करती थीं जो 18 सितंबर 2022 को रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थीं, कई दिन की खोजबीन के बाद अंकिता का शव ऋषिकेश की चिल्ला नहर से बरामद हुआ था। इस हत्या क मामले में कथित रूप से मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का था। पुलकित एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता है। आरोप है कि अंकिता पर रिसॉर्ट के वीआईपी ग्राहकों को ‘ग़लत सेवा’ देने का दबाव बनाया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया था। पुलिस नेइस मामले में पुलकित आर्य, उसके दो साथियों रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भारद्वाज और सहकर्मी अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। तीनों पर अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने के आरोप लगाए गए। जनता के आक्रोश के चलते सरकार को रिसॉर्ट को बुलडोजर से ढहाना पड़ा था। केस में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई थी, क्योंकि शुरुआती जांच में कई चूकें सामने आईं।
इस केस को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाया गया, जहां अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें कई महीनों तक चलीं। आखिरकार, मई 2025 में सुनवाई पूरी कर ली गई। अब अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए इसे 30 मई को सुनाने की घोषणा की है।

परिवार की 30 मई पर टिकी निगाहें :

राज्य हुये इस जघन्य हत्याकांड को लेकर जनता सड़कों पर उतर कर न्याय के लिये आंदोलित थी वहीं अंकिता के माता-पिता ने बार-बार मीडिया से अपील की है कि उनकी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक बेटी का मामला नहीं, बल्कि हर उस लड़की की लड़ाई है जो अपने आत्मसम्मान के लिए खड़ी होती है। इस हत्याकांड़ को लेकर जनता की भावनाएं गहराई से जुड़ी रही हैं। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों ने न्याय की मांग की। अब देखना होगा 30 मई को न्यायपालिका इस बहुचर्चित मामले में क्या रुख अपनाती है।

किसानों ने किया प्रदर्शन, नहर में पानी की कमी से फसलें सूखने की कगार पर

Farmers Protest for Irrigation Water in Bulllawala Jhabrawala Village किसानों ने डोईवाला तहसील में किया प्रदर्शन, Rishikesh Hindi News - Hindustan

देहरादून, डोईवाला के मारखमग्रांट क्षेत्र के बुल्लावाला-झबरावाला गांव में सिंचाई के लिए नहर में पानी न आने से किसानों की फसलें सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं। इस गंभीर समस्या को लेकर क्षेत्र के किसानों ने सोमवार को डोईवाला तहसील में प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले एकजुट हुए किसानों ने उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को ज्ञापन सौंपकर तत्काल नहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे तहसील परिसर में धरना शुरू करेंगे।
किसानों ने बताया कि बुल्लावाला-झबरावाला क्षेत्र में खेतों की सिंचाई के लिए नहर राजाजी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र से होकर गुजरती है। यह नहर सुसवा नदी पर बांध बनाकर निकाली गई है, लेकिन वर्तमान में इसमें पानी का प्रवाह पूरी तरह ठप है। किसानों का आरोप है कि राजाजी पार्क प्रशासन नहर में पानी छोड़ने के लिए उनसे पूर्व अनुमति लेने की शर्त रख रहा है, जिसके चलते सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा। इससे उनकी फसलें, विशेष रूप से धान और अन्य खरीफ की फसलें, सूखने की स्थिति में हैं, जो उनकी आजीविका के लिए बड़ा झटका है।
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि नहर में पानी की कमी लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने मांग की कि पार्क प्रशासन और सिंचाई विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर नहर में पानी का नियमित प्रवाह सुनिश्चित किया जाए। किसानों ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
प्रदर्शन में सुरेंद्र सिंह खालसा, विजय बक्शी, अनूप कुमार, मोहन सिंह, सुलोचना शर्मा, कन्हैया लाल चमोली, परमानंद बलूनी, रनजोध सिंह, गुरमेल सिंह, नाथीराम पाल, विनय कांबोज, लोकेश कुमार, मुकेश नौटियाल, चरण सिंह सहित कई अन्य किसान शामिल रहे। स्थानीय लोगों ने भी किसानों के इस प्रदर्शन का समर्थन किया और प्रशासन से इस समस्या का त्वरित समाधान करने की अपील की।

ग्लेशियर दिवस मात्र दिवस तक ही सीमित न रहे उसका अर्थ सार्थक होना अत्यन्त आवश्यक : शांति ठाकुर

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देहरादून, हिमालय एवं हिमनदियां बचाओ अभियान दल विगत 26 वर्षा से मां गंगा के अस्तित्व आधार गंगोत्री ग्लेशियर के संरक्षण व संवर्धन की लड़ाई लड़ रहा है, जिसमें दल की मुख्य मांग है कि गंगोत्री से आगे के सम्पूर्ण क्षेत्रों को जै० तपोवन, गौमुख, चौखम्बा, नन्दनवन आदि में मानवीय आवाजाही हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित कर दिया जाय। यह मांग आज स्थानीय प्रेस क्लब में ग्लेशियर लेड़ी शांति ठाकुर ने पत्रकारों के समक्ष रखी, उनका कहना था कि मेरे द्वारा गत वर्षों से मां गंगा के साथ ही मां यमुना एवं समस्त हिमनदियों व हिमालय के सरंक्षण हेतु आन्दोलन किया जा रहा है।
पत्रकारों से रूबरू होते हुये शांति ठाकुर ने कहा कि सम्पूर्ण भारतवर्ष के हिमालय में लगभग 9,575 ग्लेशियर है, इनमें से 267 ग्लेशियर 10 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र में फैले हुऐ है, उनमें भी उत्तराखण्ड में ही करीब 3,600 ग्लेशियर है, भारत का सबसे बड़ा ग्लेशियर सियाचिन है और उत्तराखण्ड का सबसे बडा ग्लेशियर मां गंगा का आधार गंगोत्री ग्लेशियर है और दूसरा बडा ग्लेशियर मिलम ग्लेशियर है (जो पिथौरागढ जिले में स्थित) है। लेकिन पर्यावरण, हिमालय और ग्लेशियरों की स्थिती आज से 35-40 वर्ष पूर्व जैसी थी आज उनके विपरीत हमारा पर्यावरण, हिमालय और ग्लेशियर हो गये है, ग्लेशियर लेड़ी ने कहा कि यह कहना गलत न होगा कि भारत की आधे से ज्यादा की आबादी का जीवन उत्तराखण्ड़ के ग्लेशियरो पर ही निर्भर है, जिनकी स्थिति दिन प्रतिदिन समाप्ति की ओर है।उत्तराखण्ड के सबसे बडे ग्लेशियर गंगोत्री ग्लेशियर की बात करें तो सन् 1984 की वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार गंगोत्री ग्लेशियर की लंम्बाई 32 कि०मी० व चौडाई 4 कि०मी० थी वही सन् 2004 की वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार गंगोत्री ग्लेशियर की लं0 28 कि०मी० व चौ० 2.5 कि०मी० ही रह गई है। जिससे स्पष्ट रूप से गंगोत्री ग्लेशियर के लगातार कम होने का अन्तर देखा जा रहा है। अगर गंगोत्री ग्लेशियर का पुनः से सर्वे करवाया जाय निश्चित ही आंकड़े भयावह होंगे परन्तु गंगोत्री ग्लेशियर के अस्तित्व का सत्य भी सामने आयेगा क्योंकि जिस प्रकार से गंगोत्री ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार प्रति वर्ष बढ़ रही है उससे यह आंकलन लगाना कठिन नहीं कि गंगोत्री ग्लेशियर का अस्तित्व 40-50 वर्षों तक का ही होना माना जा सकता है।
शांति ठाकुर ने कहा कि हिमालय व समस्त हिमनदियों के संरक्षण के लिए आन्दोलन किया जा रहा है जिसमें मेरे द्वारा सन् 2007 में उत्तराखण्ड़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी लगाई गई जहां मेरी अनेक मांगों में बहुत मांगो को उच्चन्यायालय द्वारा स्वीकृत भी किया गया, जैसे गंगोत्री से आगे के क्षेत्रों में प्रतिदिन मात्र 150 लोगों को ही जाने दिया जायेगा (जिससे पूर्व गौमुख, तपोवन आदि क्षेत्रो मे अनियंत्रित संख्या में लोग जाते थे) जो की दल की बहुत बड़ी कामयाबी रही। परन्तु अभी भी अनेक अकुश लगने अत्यन्त आवश्यक है l जो कि पर्यावरण हिमालय के संरक्षण व संवर्धन हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है, परन्तु मेरी आवाज पर न ही राज्य सरकार ने ध्यान दिया परन्तु मेरी आवाज निश्चित रूप से विश्व स्तर पर पंहुची और संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 मार्च 2025 को विश्व ग्लेशियर दिवस घोषित किया गया।
ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने कहा कि विगत 18 वर्षों से मेरे द्वारा 13 जून को ग्लेशियर संरक्षण दिवस मनाया जाता आ रहा है जिसे राज्य व भारत सरकार के माध्यम से घोषित करवाने हेतु मैंने बहुत प्रयास किये, कई पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे और भेंट कर ग्लेशियर संरक्षण दिवस मनाये जाने की विनती भी परन्तु किसी ने न सुनी, निश्चित ही मैं यह मानती थी कि ग्लेशियर संरक्षण दिवस घोषित करने का श्रेय मेरे राज्य एवं भारत सरकार को मिले परन्तु मेरा प्रयास सार्थक न हो पाया और आज संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह कार्य किया जा रहा है।
शांति ठाकुर का कहना है कि ग्लेशियर दिवस मात्र दिवस के रूप तक ही सीमित न रहे उसका अर्थ सार्थक होना अत्यन्त आवश्यक है जिसके लिए हमारी सरकारों को निश्चित ही पहल करनी होगी।
पत्रकार वार्ता में कल्पना ठाकुर गुलेरिया, प्रमोद राणा, अनुराधा चौहान एवं रुद्रराणा आदि मौजूद रहे |

आवश्यक सुझाव एवं मांगे :

-उत्तराखण्ड सहित समस्त हिमालय के ग्लेशियरो का सर्वे शीघ्र कर प्रत्येक वर्ष उनके आंकडे एकत्रित करते रहने होगे जिससे उनके पिघलने की रफ्तार का अनुमान लगता रहेगा।

-ग्लेशियरों के संरक्षण व संवर्धन हेतु मुख्य ग्लेशियरों में मानवीय आवाजाही हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाना अत्यन्त आवश्यक है कम से कम 15 वर्षों के लिए। (जै० गंगोत्री ग्लेशियर मिलभ ग्लेशियर, खतलिग, कालाबलंद हिमनद, मंओला) आदि ।

-राज्य स्तर व केन्द्र स्तर पर हिमालय ग्लेशियर संरक्षण की समितियां गठित की जाय, जिनमें प्रत्ये वर्ग जै०-अधिकारी, वैज्ञानिक, सेना अधिकारी एवं हिमालय ग्लेशियरों पर कार्य करने वाले मुख्य लोगों को आवश्यक रूप से सम्मलित किया जाय।

-बच्चों के पाठ्यक्रम में कक्षा प्रथम से ही हिमालय ग्लेशियरों का विषय होना आवश्यक किया जाना चाहिए। जिससे हमारी आने वाली पिढि हिमालय, ग्लेशियरो व पवित्र नदियों के महत्व को समझ सके।

-धामों में रात्री विश्राम किसी भी यात्रियों के लिए प्रतिबन्धित हो, जिसमें ट्राली के माध्यम से यात्रीगण दर्शन कर वापिस आये।

-हेलिकाप्टरों से हिमालय दर्शन पर पूर्ण प्रतिबन्धित किया जाय।

-पहाडों में जहाँ-जहाँ भविष्य के लिए रेल की स्वीकृति की गई है वह शीघ्रातीशीघ्र निरस्त की जानी आवश्यक है, जिससे पहाड़ो की सतह खोखली होने से बचेगी और हिमालय पहाड सुरक्षित रहेगे।

-पहाडों में डबल लाईन सडके जिनका कार्य गतिमान है उनके अतिरिक्त अन्य सडके स्वीकृत न की जाय जिससे पेडों का कटान न हो और पर्यावरण संतुलित रहे।

-पर्यटन व तीर्थाटन में अन्तर रखा जाय। पर्यटन हेतु उत्तराखण्ड, हिमाचल आदि अन्य राज्यों के उन स्थानों को विकसित किया जाय जो अभी तक पर्यटन से दूर है जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा और तीर्थाटन में भी मात्र श्रद्वालुगण ही आयेगे और धामो की पवित्रता भी बनी रहेगी।-पर्वतारोहियों हेतु कृत्रिम ग्लेशियर व पहाडों में साहसिक कार्य करवाया जाना आवश्यक है, जिससे ग्लेशियर, हिमालय सुरक्षित रहेगें।

क्षत्रिय चेतना मंच ने हर्षोल्लास से मनाई महाराणा प्रताप जयंती

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देहरादून, क्षत्रिय चेतना मंच ने महाराणा प्रताप भवन ननूर खेड़ा में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 486वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई, इस अवसर पर मुख्य अतिथि रायपुर विधायक उमेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि देहरादून के मेयर गौरव थपलियाल तथा सभा के अध्यक्ष तथा मंच के संरक्षक राजेंद्र खत्री ने महाराणा प्रताप के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर तथा माल्यार्पण कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया, इस अवसर पर मंच के सभी पदाधिकारी व सदस्यों सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र वासियों ने भी महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक उमेश शर्मा ने कहा कि हमें धर्म एवं जाति से उठकर समाज सेवा में अपने आप को समर्पित करना चाहिए तथा वीर शिरोमणि से देश प्रेम व वीरता की प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर संकल्प समिति की महासचिव श्रीमती अनीता नेगी के सहयोग से विभिन्न सरकारी स्कूलों के बच्चों हेतु चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया तथा बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जिसमें आलिया तोमर द्वारा जौनसारी नृत्य तथा आराध्या तोमर द्वारा महाराणा प्रताप के संक्षिप्त जीवनी प्रस्तुतीकरण मुख्य रहे। इस मौके पर प्रतयोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
मंच द्वारा 12वीं कक्षा में उत्तराखंड बोर्ड की टॉपर कुमारी अनुष्का राणा तथा समाजसेवी नवीन रावत को सामाजिक क्षेत्र में योगदान हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन मंच के प्रवक्ता शशिकांत शाही एडवोकेट तथा महेश रौथान ने किया ।
वरिष्ठ समाजसेवी एवं मंच के केंद्रीय महामंत्री रवि सिंह नेगी एडवोकेट ने कहा कि महाराणा प्रताप के देश प्रेम से सीख लेकर हमें अपने हक के लिए लड़ना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा युवाओं को समाज सेवा में जुड़कर अपने देश व समाज की सुरक्षा व उत्थान हेतु कार्य करना चाहिए। उन्होंने समस्त समाज से महाराणा प्रताप के आदर्शों का अनुकरण करने की अपील की,
अन्य लोगों के अलावा कार्यक्रम में देवेंद्र पुंडीर , श्याम यादव, अशोक वर्धन सिंह, सुरेंद्र सिंह तोमर, महेश रौथान , बुध सिंह रावत, राजीव पंवार , सोहन सिंह पंवार , बलवीर सिंह रावत, अंकित रौथान, राजेश राणा, धीरज सिंह नेगी, राम अवतार सिंह, दिगंबर सिंह नेगी, डॉ. अर्जुन सेनगर, डॉ. सुशील राणा, मनोज राणा, श्रीमती अनीता नेगी, श्रीमती रंजना रावत, श्रीमती सुषमा शाही, श्रीमती पुष्पा छेत्री, श्रीमती मीना मल, श्रीमती अनीता राणावत, श्रीमती कुसुम पंवार, कुमारी प्रियंका भंडारी, श्रीमती रीता कपूर, श्रीमती सरोज चौहान, कुमारी मनीष तोमर, श्रीमती कौशल्या राणा आदि उपस्थित थे।

16वें वित्त आयोग की टीम पहुंची देहरादून

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 – आज को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होगी अहम बैठक
 – त्रिस्तरीय पंचायत, नगर निकाय प्रतिनिधियों और राजनैतिक दलों के साथ भी होगी बैठक
देहरादून(आरएनएस)।   16वें वित्त आयोग की टीम, आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में रविवार को देहरादून पहुंच गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में राज्य सरकार की ओर से आयोग के सामने अपना प्रस्ताव रखा जाएगा। टीम दोपहर बाद नगर निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेगी।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व वाले इस दल में आयोग सदस्य श्रीमति एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांतिघोष आयोग के सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव केके मिश्रा, संयुक्त निदेशक सुश्री पी अमरूथावर्षिनी शामिल हैं। रविवार को ओल्ड मसूरी रोड स्थित होटल हयात रीजेंसी
पहुंचने पर टीम का ढोल दमाऊ की थाप पर पारम्परिक तरीके से स्वागत किया गया। टीम सोमवार को विभिन्न स्तर पर राज्य के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से विचार विमर्श करेगी।
इसी क्रम में आयोग की टीम सोमवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। जिसमें राज्य सरकार द्वारा अपनी तैयारियों को रखा जाएगा। इसके बाद आयोग की टीम मसूरी रोड स्थित होटल में नगर निकाय, त्रिस्तरीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के साथ ही विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेगी। इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी अध्यक्ष वित्त आयोग और सदस्यों का जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर स्वागत किया।

कार्तिक स्वामी मंदिर में भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा का आयोजन, दक्षिण भारत से आए शिवाचार्यों ने बढ़ाई शोभा

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रुद्रप्रयाग- उत्तराखंड के प्रतिष्ठित एवं प्राचीन मंदिरों में शामिल, क्रौंच पर्वत पर स्थित भगवान कार्तिकेय मंदिर में विगत वर्षों की भाँति आज दक्षिण भारत से आये शिवाचार्यों की उपस्थिति में 108 बालमपुरी शंखों की विशेष पूजा एवं हवन का आयोजन विधिपूर्वक किया गया। इस अवसर पर केदार नाथ विधायक आशा नौटियाल, सचिव कौशल विकास सी रविशंकर भी उपस्थित रहे।
कार्तिकेय धाम में आयोजित इस विशेष, अद्वितीय और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत धार्मिक आयोजन ने
न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया, बल्कि देश की सांस्कृतिक एकता का भी प्रेरणादायक प्रतीक प्रस्तुत किया।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग एवं कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के संयुक्त प्रयासों से सम्पन्न हुये इस कार्यक्रम में उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें तमिलनाडु राज्य के छह प्रमुख मंदिरों के प्रतिष्ठित शिवाचार्य विशेष रूप से सम्मिलित हुए। इन प्रमुख मठों में माईलम एथेनम, कूनमपट्टी एथेनम, कौमारा मुथ्त एथेनम, श्रृंगेरी मठ जैसे मंदिर शामिल थे। इन शिवाचार्यों ने उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत को एक सूत्र में पिरोते हुए न केवल शंख पूजा व वैदिक हवन अनुष्ठान सम्पन्न कराए, बल्कि स्थानीय परंपराओं के साथ भी आत्मीय संवाद स्थापित किया।
इस अवसर पर केदारनाथ विधायक श्रीमती आशा नौटियाल, उत्तराखंड सरकार में सचिव कौशल विकास रवि शंकर, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे सहित राज्य सरकार, प्रशासन एवं धार्मिक संगठनों के अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे।जनसमूह को संबोधित करते हुए विधायक श्रीमती आशा नौटियाल ने कहा कि कार्तिक स्वामी मंदिर को धार्मिक पर्यटन के दृष्टिकोण से एक मॉडल स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने मंदिर तक पहुँच मार्ग, पार्किंग, धर्मशाला, शौचालय एवं पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के शीघ्र निर्माण की घोषणा की। साथ ही मंदिर को राष्ट्रीय धार्मिक धरोहर के रूप में विकसित करने की आवश्यकता भी बताई।कौशल विकास सचिव रवि शंकर ने कहा कि यह भव्य आयोजन लगातार तीसरे वर्ष आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर दक्षिण भारत के कार्तिक स्वामी मंदिरों एवं क्रौंच पर्वत स्थित मंदिर के वस्त्रों का पारंपरिक आदान-प्रदान हुआ। 108 बालमपुरी शंख पूजा के आयोजन से यहां का धार्मिक पर्यटन तीन गुना बढ़ा है। भविष्य में मंदिर को रोपवे योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, साथ ही तीन किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग पर सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है।
इस आयोजन में जिला पर्यटन अधिकारी श्री राहुल चौबे, मंदिर समिति अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, मंडल अध्यक्ष विनोद राणा, उत्तम सिंह नेगी, मगन सिंह, अर्जुन नेगी सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धालुओं की सेवा और व्यवस्थाओं में सराहनीय योगदान दिया।

डीएम की दो टूकः युद्धस्तर करना ही है पेयजल समस्या का निस्तारण यह जान लें अधिकारी

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जन मन तक शुद्ध पेयजल आपूर्ति को जिला प्रशासन प्रतिबद्धः 

 

कंट्रोलरूम में 24×7 तैनात हैं कार्मिक अब तक मिली 68 शिकायतें, 55 निस्तारित

 

देहरादून  जिला प्रशासन जनमानस को निर्बाध शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लिए प्रतिबद्ध जिलाधिकारी सविन बंसल के स्पष्ट निर्देश हैं कि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली पेयजल सम्बन्धी समस्या का हरहाल में निस्तारण होना है, यदि समस्या के पूर्ण समाधान में समय लग रहा है तो टैंकर, घोड़े खच्चर या जो भी व्यवस्था है विभाग को हरहाल में जनमानस शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। पेयजल सम्बन्धी समस्याओं के निस्तारण को जिलाधिकारी द्वारा समिति का गठन किया गया है। वहीं आपदा कन्ट्रोलरूम को प्राप्त होने वाली पेयजल सम्बन्धी प्रत्येक शिकायत पेेयजल निमग, जलसंस्थान की सम्बन्धित डिविजन को हस्तांरित करते हुए शिकायतों के निस्तारण की मॉनिटिरिंग की जा रही है। जिले में संचालित कंट्रोल को विभिन्न माध्यमों से अब तक पेयजलापूर्ति बाधित होने की 68 शिकायतें मिली, जिसमें से 55 शिकायतों का समाधान कर पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। जबकि आज अभी तक 06 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से 01 का निस्तारण कर लिया गया है, शेष पर कार्यवाही गतिमान है।

सुभाषनगर में पेयजल आपूर्ति बाधित होने की शिकायत पर बताया गया कि नलकूप में तकनीकि समस्या आने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित हुई है, जिसमंें जल संस्थान एवं स्मार्ट सिटी द्वारा सुधार कार्य कर दिया गया हैं, प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों से माध्यम से जलापूर्ति की गयी, वर्तमान में जलापूर्ति सुचारू है। इन्दिरापुरम में पेयजल लीकेज की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए वर्तमान में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। हरिद्वार बाईपास रोड पर संत निरंकारी भवन के सामने पानी का पाईप क्षतिग्रस्त शिकायत पर पेयजल लाईन मरम्मत कर सुचारू कर दी गई है। टर्नर रोड पेयजल शिकायत एडीबी, यूपीसीएल के कार्य के दौरान पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे ठीक कर दिया गया है वर्तमान में टर्नर रोड पर पेयजल आपूर्ति सुचारू है।

जिलाधिकारी के निर्देशों पर पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की नियमित निगरानी करते हुए सभी ट्यूबवेल व नलकूपों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। जल संस्थान एवं जल निगम के सभी डिविजनों को समस्याओं के निस्तारण के लिए टोल फ्री नंबर भी प्रचारित किए गए है। इसके अलावा कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 0135-2726066 व 1077 पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।

 

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कार्यालय जिला सूचना अधिकारी देहरादून

जल संवाद के माध्यम से छात्रों को ‘जाड़ी’ सिखा रहा जलस्रोतों का महत्व

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टिहरी, जल वर्ष 2025 के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज गालुड़धार टिहरी गढ़वाल के छात्रों के साथ विद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राकृतिक जल स्रोत ‘पथियाना’ में हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारा जल संवाद आयोजित किया गया। जाड़ी संस्थान के द्वारा वर्ष 2025 को जल संकट के समाधान के लिए जल वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। संस्थान के द्वारा विद्यालयों में जल संवाद आयोजित किया जा रहा है।

जाड़ी संस्थान के सचिव एवं कल के लिए जल अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए छात्रों को प्रेरित करने के लिए विद्यालयों में जल संवाद आयोजित किया जा रहा है। वर्षा जल को संजोने एवं मिट्टी को बहने से रोकने के लिए छात्रों को प्रियजनों की याद में एवं अपने जन्मदिन पर कच्चे जल कुंड, कच्चे तालाब बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।

कल के लिए जल अभियान से जुड़े विद्यालय के शिक्षक श्री नरेश बिजलवान ने कहा कि अभियान से प्रेरित होकर हमने विद्यालय के समीप पथियाना जल स्रोत को पुनर्जीवित एवं संरक्षित करने के लिए गोद लिया गया। छात्रों को जल स्रोत का डिसचार्ज लेना, सिखाया गया, धारे का हर महीने डिशचार्ज लिया जा रहा है, मासिक सफाई के साथ धारे के कैचमेंट एरिया में जिन लोगों के बंजर जमीन है उनसे उन पर जल कुंड बनाने के लिए बातचीत की जा रही है, जैसे उनसे सहमति बनती है फिर जल कुंड एवं कच्चे तालाब का निर्माण किया जाएगा।

स्कूल के प्रधानाचार्य श्री रमाकांत शर्मा ने कहा कि यह एक बेहतरीन कार्यक्रम है, इसके सुखद परिणाम भविष्य में देखने को मिलेगा।

इस अवसर पर श्री दीपक कुमार (प्रवक्ता रसायन विज्ञान), श्री महावीर नेगी (प्रवक्ता जीव विज्ञान) , व्यायाम शिक्षक जेपी जुयाल आदि शिक्षक के साथ-साथ छात्र-छात्रा जिसमें तनिषा ,दिव्यांशी, सुमित, आदेश,सूरज, लक्ष्य आदि मौजूद रहे l

लोक से कला को छीन बनाया गया शास्त्रीय : रणेंद्र

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-दून लाइब्रेरी में प्रो. लाल बहादुर वर्मा स्मृति व्याख्यान

 

-लोक-शास्त्र का द्वंद्व और वर्चस्ववादी संस्कृति विषय पर व्याख्यान

 

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), लोक से कलारूपों को छीन शास्त्रीय बना दिया गया । फिर उसे लोगों से दूर कर दिया गया। रविवार को दून लाइब्रेरी एवं रिसर्च सेंटर में आयोजित प्रो. लाल बहादुर वर्मा स्मृति व्याख्यान की तीसरी श्रृखंला के तहत मुख्य वक्ता कथाकार व उपन्यासकार रणेंद्र ने ‘लोक-शास्त्र का द्वंद्व और वर्चस्ववादी संस्कृति’ विषय पर व्याख्यान दिया।

रणेंद्र ने कहा कि शास्त्रीय शब्दावली को खारिज करने की जरूरत है क्योंकि यह द्वैध पैदा करती है। कुलीन व आम का विभाजन पैदा करती है। श्रमजीवियों की लोक कलाओं पर ही अभिजात कब्जा कर उन्हें शास्त्रीय रूप देता है और लोक से अलग कर देता है। शास्त्रीयता को आधुनिकता से चिढ़ है ऐसे में वह नाट्यशास्र्् या फिर वेद में अपना मूल खोजती है जबकि उसका मूल लोक जीवन है। वह यह भी नहीं मानती कि उसमें बदलाव हो रहा है जैसे अलाउद्दीन खिलजी गोपाल राय को लाया अमीर खुसरो से मुलाकात कराई तो पारसी प्रभाव से ध्रुपद से खय़ाल पैदा हुआ। लोक को दरबार पहुंचाकर शास्त्रीय बना दिया जाता है। हमें कला के आम जन के बीच ही मूल स्रोतों को पहचानने की जरूरत है।

इतिहास बोध की ओर से आयोजित इस कार्य़क्रम में प्रो. लाल बहादुर वर्मा के डॉ. चंद्र भूषण अंकुर द्वारा संपादित गोरखपुर के समय के संस्मरणों के संकलन का लोकार्पण भी किया गया। प्रवाह सांस्कृतिक टीम के सदस्यों ने शैलेंद्र का जनगीत कवि किसका है कविता किसकी और दिनेश कुमार शुक्ल का गीत जाग मेरे मन मछंदर की संगीतमय प्रस्तुति की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व प्रोफेसर सदानंद शाही ने प्रोफेसर लाल बहादुर वर्मा से जुड़े अपने संस्मरण सुनाए और कहा कि वह इतिहास बोध ही नहीं इतिहास विवेक को जागृत करने वाले व्यक्ति थे।

विषमता के प्रति आलोचनात्मक रवैया ही इतिहास का विवेक जगाता है। कार्यक्रम का संचालन दिगंबर और कैलाश नौडियाल ने किया। इसके पहले कथाकार अरुण असफल ने मुख्य वक्ता उपन्यासकार रणेंद्र व कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. सदानंद शाही का विस्तृत परिचय दिया। कायर्क्रम मेंहाल में दिवंगत साहित्यकार सुभाष पंत, विजय गौड़ और विज्ञान कार्यकर्ता गजेंद्र बहुगुणा को भी श्रद्धांजलि दी गई।

इस मौके कवि राजेश सकलानी, कथाकार नवीन नैथानी, डॉ. जितेंद्र भारती, आशु वर्मा डॉ. आरपी सिंह, नरेश नौडियाल, प्रवीन समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

यूनेस्को क्लब दून वैली ने 51 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रदान की छात्रवृत्ति

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देहरादून, यूनेस्को क्लब दून वैली ईस्ट ने रविवार को होटल एमजे रेजीडेंसी में अपना वार्षिक समारोह 2025 मनाया। वन मंत्री सुबोध उनियाल समारोह के मुख्य अतिथि थे। देहरादून कैंट की विधायक श्रीमती सविता कपूर और स्वतंत्र राज्य मंत्री श्री देवेन्द्र भसीन विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण, मुख्य अतिथि द्वारा 51 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना था। छात्रवृत्ति के साथ-साथ सभी छात्रवृत्ति धारकों को स्कूल बैग, स्टेशनरी और भोजन पैकेट भी दिए गए।

बैठक की अध्यक्षता, अध्यक्ष श्री राहुल अग्रवाल, संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुरेश गोयल एवं सचिव श्री अंकित अग्रवाल ने की। अध्यक्ष ने पिछले वर्ष के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमें सभी परियोजनाओं को पूरा किया गया। डॉ. सुरेश गोयल ने हमारे क्लब के इतिहास और की गई गतिविधियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में 80 से अधिक सदस्य एवं अतिथि उपस्थित थे।