– मोरी विकासखंड के गैंचवांण गांव में पहली बार पहुंचे कोई मंत्री ग्रामीणों ने कृषि मंत्री जोशी का गर्मजोशी से किया भव्य स्वागत।
उत्तरकाशी(आरएनएस)। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को उत्तरकाशी जनपद के मोरी विकासखंड स्थित गैंचवांण गांव में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ किया। मोरी विकासखंड के गैंचवांण गांव में पहली बार है जब कोई मंत्री इस गांव में पहुँचे हैं। ग्रामीणों ने कृषि मंत्री जोशी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री जोशी ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया, जिनमें कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य और अन्य विभागों ने किसानों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर मंत्री ने एप्पल मिशन योजना के अंतर्गत लाभान्वित किसानों को चेक वितरण भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में सेब उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार इसे प्राथमिकता के आधार पर विकसित कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने जिस पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए, वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित थी। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि किसान सरकार की नीति निर्माण की केंद्रबिंदु में हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान की शुरुआत उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गुनियाल गांव से की गई थी। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए पूरे देश में दो हजार वैज्ञानिक दलों का गठन किया गया है, जो अगले 15 दिनों तक किसानों से सीधा संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यह अभियान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पंतनगर विश्वविद्यालय, भरसार विश्वविद्यालय और विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा जैसे प्रतिष्ठित कृषि संस्थान स्थित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर प्रत्येक जनपद में तीन टीमों का गठन किया गया है, जो प्रतिदिन तीन कार्यक्रम आयोजित करेंगी। इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रतिदिन कम से कम 600 किसानों से संवाद स्थापित किया जाएगा। मंत्री जोशी ने इसे एक सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि इससे किसानों को वैज्ञानिकों और संबंधित संस्थाओं से प्रत्यक्ष संपर्क का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से किसान नवीनतम कृषि तकनीकों का उपयोग कर अपनी उपज और कृषि क्षेत्रफल में वृद्धि कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के हित में कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है और इस दिशा में युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, जिलाध्यक्ष नागेंद्र चौहान, पूर्व विधायक माल चन्द, ब्लॉक प्रमुख बचन सिंह पंवार, मंडल अध्यक्ष प्रेम सिंह चौहान, मंडल अध्यक्ष राजीव कुंवर, प्रधान अनिता देवी, सीडीओ एस.एल सेमवाल, निदेशक बागवानी मिशन महेंद्र पाल, निदेशक कृषि परमाराम सहित कई लोग उपस्थित रहे।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया उत्तरकाशी जनपद के मोरी विकासखंड स्थित गैंचवांण गांव में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ
प्रोफेसर डॉ. नरेश चौधरी को उत्तराखण्ड सरकार की ओर से आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने सम्मानित किया
हरिद्वार । प्राकृतिक, मानवजनित एवं जैविक आपदाओं में समर्पित उत्कृष्ठ कार्यों के लिए प्रोफेसर डॉ. नरेश चौधरी को उत्तराखण्ड सरकार की ओर से आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने सम्मानित किया। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल आयुर्वेद महाविद्यालय के शरीर रचना विभागाध्यक्ष/ उत्तराखण्ड रेडक्रास चेयरमेन डॉ. नरेश चौधरी को प्राकृतिक, मानव जनित एवं जैविक आपदाओं में चुनौती पूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए किये गये समर्पित उत्कृष्ठ कार्यों के लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
बताते चलें कि डॉ. नरेश चौधरी ने अपने मूल दायित्वों के साथ-साथ जन समाज में भी समर्पित समाज सेवा में अपनी उल्लेखनीय पहचान बनायी है जिसका जीता जागता उदाहरण सितम्बर 2010 में आयी बाढ़ एवं जून 2013 के केदारनाथ दैवीय आपदाओं में डॉ. नरेश चौधरी द्वारा जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी का अतिरिक्त दायित्व अवैतनिक स्वैच्छिक रूप से निर्वहन करते हुए आपदा प्रभावितों की समर्पित सराहनीय सेवा की जिसके लिए डॉ. नरेश चौधरी को उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा भी विशेष रूप से सम्मानित किया। मानव जनित आपदाओं में 1986 कुंभ मेला में भगदड में घायलों को जिला चिकित्सालय में शीघ्र पहुंचवाना एवं समुचित उपचार में सराहनीय सहयोग भी ऋषिकुल के छात्र रहते हुए रहा। अर्द्धकुंभ मेला 1992 में बहादराबाद के नजदीक आतंकवादियों द्वारा बस में 13 यात्रियों को मौत के घाट उतारना रहा जिसमें डॉ. नरेश चौधरी द्वारा जिला चिकित्सालय पहुंचकर घायलों के घरों में सूचना देते हुए उनको घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गयी। 1996 में सोमवती आमावशय में गऊघाट पुल के पास हुई भगदड़ के दौरान घटना में सबसे पहले मौके पर पहुंचकर प्रभावितों को जिला चिकित्सालय पहुंचाना एवं समुचित उपचार के बाद मृतकों एवं घायलों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने में सहयोग। 2004 अद्धकुंभ मेले में हुई घटना के दौरान कर्प्यू क्षेत्र का मजिस्ट्रेट का दायित्व का निवर्हन करते हुए प्रभावित क्षेत्र में शांति बहाल करने में अहम भूमिका का निर्वहन किया। 2010 की कुंभ में हुई बिरलाघाट पर घटित घटना में भी सबसे पहले मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने तथा समुचित उपचार की व्यवस्था में सहयोग उल्लेखनीय है। 2021 में कोविड-19 जैसी भयानक जैविक आपदा के प्रथम लहर से कोविड-19 समाप्ति तक वैक्सीनेशन में लगभग 20 लाख पात्र लाभार्थियों को वैक्सीन लगाने का विश्व रिकार्ड भी डॉ. नरेश चौधरी का अतुलनीय समाज सेवा का उदाहरण है। जिसके लिए डॉ. नरेश चौधरी को प्रधानमंत्री, उत्तराखण्ड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नीति आयोग, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री, अन्य वरिष्ठ मंत्रियों, जन प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी सामाजिक संस्थाओं, उच्च अधिकारियों द्वारा भी सम्मानित किया गया। डॉ. नरेश चौधरी ने आपदा विभाग उत्तराखण्ड द्वारा सम्मानित होने पर कहा कि इस प्रकार से समय-समय पर सम्मानित होने से मुझे और अधिक कर्मठता एवं समर्पित होकर चुनौती पूर्ण कार्य करने की प्रेरणास्रोत ऊर्जा प्राप्त होती है जो मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि एवं पूंजी है जिसको मैं प्राप्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहता हूं और मेरे शुभचिंतक मुझे बधाईयां देकर मेरा हौसला और ऊर्जा बढ़ाते रहते हैं।
फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सक पर कार्रवाई करे सरकार-आशु मलिक
हरिद्वार,। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय के छात्र आशु मलिक ने फर्जी डिग्री के आधार पर चिकित्सक बन अस्पतालों में काम कर रहे झोलाछाप चिकित्सों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान एबीवीपी के जिला संयोजक आशु मलिक ने आरोप लगाया झोलाझाप डाक्टर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। आशु मलिक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार को फर्जी डिग्री के आधार पर चिकित्सा सेवा में लगे लोगों की उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गंभीर विषय यह है कि कुछ चिकित्सालय फर्जी डिग्री प्राप्त करने वाले झोलाछाप चिकित्सकों से अस्पताल में सेवाएं भी ले रहे हैं। ऐसे अस्पतालों पर भी स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। जानकारी करने पर अस्पताल प्रबंधन ऐसे चिकित्सकों को प्रशिक्षु बताते हैं। जबकि प्रशिक्षण सरकारी अस्पतालों में कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग को फर्जी डिग्री प्राप्त कर अपने आप को चिकित्सक बताने वाले लोगों के खिलाफ वृहद स्तर पर अभियान चलाकर ऐसे चिकित्सकों का सत्यापन करना चाहिए। आशु मलिक ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभिन्न अस्पतालों में इस तरह के फर्जी डिग्री हासिल करने वाले चिकित्सकों की तैनाती की शिकायतें आ रही है। अवगत कराने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साधे हुए हैं। शायद विभाग बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद फर्जी डिग्री लेने वालों के खिलाफ शहर भर में जागरूकता अभियान चलाएगी। फर्जी चिकित्सकों पर कार्रवाई नहीं हुई तो संगठन आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेगा। स्वास्थ्य विभाग को फर्जी चिकित्सकों पर तुरंत अंकुश लगाना चाहिए। प्रेसवार्ता के दौरान अजय कुमार, परितोष वत्स, रोहित देशवाल, हिमांशु चौहान, शिवम सैनी, पारस तोमर, विजय, वंश चौहान आदि विवि के छात्र भी मौजूद रहे।
सूबे के नर्सिंग कॉलेजों को मिले 26 नर्सिंग ट्यूटर
-चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने कहा कालेजों में मजबूत होगी शैक्षणिक व्यवस्था
देहरादून, सूबे के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय नर्सिंग कॉलेजों को 26 नर्सिंग ट्यूटर्स मिल गये हैं। राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित इन नर्सिंग ट्यूटर्स को प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग कालेजों में प्रथम तैनाती दे दी गई है। इन ट्यूटर्स की तैनाती से नर्सिंग कालेजों में शैक्षणिक गतिविधियों में तेजी आयेगी साथ ही नर्सिंग छात्र-छात्राओं को बेहरत प्रशिक्षण भी मिल सकेगा।
उत्तराखंड सरकार चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार करने में जुटी है। राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कालेजों के साथ-साथ नर्सिंग कालेजों में सुविधाएं जुटा रही है, साथ ही मेडिकल फैकल्टी की भी नियुक्ति कर रही है। ताकि मेडिकल शिक्षण संस्थानों में छात्र छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व प्रशिक्षण मिल सके। इसी कड़ी में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा नर्सिंग ट्यूटर के पदों पर चयनित 26 अभ्यर्थियों को प्रदेशभर के 8 राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में प्रथम तैनाती दे दी है। जिनमें राजकीय नर्सिंग कॉलेज अल्मोड़ा, बाजपुर, चमोली, चम्पावत, देहरादून, हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और टिहरी शामिल है। चयन बोर्ड द्वारा नर्सिंग ट्यूटर पड़ पर चयनित किरन को नर्सिंग कालेज अल्मोड़ा में प्रथम तैनाती दी है। इसी प्रकार स्वेता, सुरभी नेगी, राहुल राणा, ज्योति भनारी, अनुज कुमार और सुधांशु पटेल को बाजपुर, अंकित तिवारी और अभिषेक नेगी को चमोली, सौरभ कुमार, दिव्या चौहान, धीरेंद्र सिंह पंवार, रोहित सिंह, सुरिचा, मोहम्मद शहजाद, मानसी चौहान और नरेंद्र दत्त रतूड़ी को चम्पावत, एकता उपाध्याय, मानसी दबोला, अंजली डिमरी, संदीप सिंह नेगी, दिग्विजयसिंह कठैत और प्रशांत रावत को देहरादून, हेमलता को हल्द्वानी, रश्मि कन्याल को पिथौरागढ़ और जयदीप सिंह गुसाईं को राजकीय नर्सिंग कालेज टिहरी में पहली तैनाती दी गई है।
विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इन ट्यूटर्स की नियुक्ति से नर्सिंग कालेजों में शिक्षकों की कमी दूर होगी साथ ही कालेजों में शैक्षणिक गतिविधियों में तेजी आयेगी। इसके अलावा नर्सिंग छात्र-छात्राओं को बेहतर चिकित्सकीय प्रशिक्षण भी मिल सकेगा।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने सभी नवनियुक्त ट्यूटरों को बधाई देते हुए आशा जताई कि वे अपनी सेवा और समर्पण से राज्य की नर्सिंग शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार राज्य में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए हर स्तर पर आवश्यक कदम उठा रही है।
“राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को लगातार बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी संकल्प के तहत राज्य के विभिन्न राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में 26 नवनियुक्त नर्सिंग ट्यूटरों को प्रथम तैनाती दे दी है। इन ट्यूटरों की नियुक्ति से न केवल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी, बल्कि शैक्षणिक गतिविधियां भी तेज होंगी।
-डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड
आम आदमी पार्टी राज्य आंदोलनकारियों की संकल्पना के उत्तराखंड़ निर्माण के लिये है प्रतिबद्ध : महेन्द्र यादव
देहरादून, आम आदमी पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी महेन्द्र यादव ने कार्यकारी अध्यक्ष एस एस कलेर व पार्टी कार्यकर्ताओ के साथ पर्वतीय गाँधी इंद्रमणि बडोनी व भारत रत्न संविधान रचियता डाॅ• भीमराव साहेब अम्बेडकर जी की देहरादून स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उत्तराखंड़ नवनिर्माण का संकल्प लिया।
इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी श्री महेंद्र यादव जी ने कहा आम आदमी पार्टी देवभूमि उत्तराखंड को राज्य आंदोलनकारियों की संकल्पना के उत्तराखंड निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा प्रत्येक कार्यकर्ता उत्तराखंड के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों के लिऐ समर्पित होकर संघर्ष करने को तैयार है।
हम बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी के समरसता व सामाजिक न्याय के सिद्धांत को आत्मसात कर राज्य के प्रत्येक नागरिक के अधिकार दिलाने के लिऐ लडने को तैयार है, जिस भावना के साथ राज्य आंदोलनकारियों ने पृथक राज्य उत्तराखंड के लिऐ बलिदान व त्याग किया था। आज भी प्रदेश मे जनता को उन विचारों पर किसी भी प्रकार की सरकारी जवाबदेही सुनिश्चित नही हुई।
हम उत्तराखंड को देश के आदर्श के राज्य के रूप मे स्थापित कर यहाँ के युवाओ को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार देने का काम करेगें।
पार्टी उत्तराखंड मे आगामी सभी चुनाव को पूर्ण ताकत से लडेगी। इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एस एस कलेर, उपाध्यक्ष विशाल चौधरी, हिमांशु पुंडीर, रविन्द्र सिंह आनन्द, सचिन थपलियाल, मुकुल बिडला, तारादत्त डंगवाल, राजीव तोमर आदि आप कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
दून में ई-वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रेरणादायक विचारों के साथ इको इनोवेट 2025 का समापन
देहरादून, ईकोग्रुप सोसाइटी और ग्राफिक एरा के प्रबंधन अध्ययन विभाग ने उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम देहरादून के सहयोग से आयोजित इको-इनोवेट 2025 ई-वेस्ट मैनेजमेंट आइडियाथॉन के फाइनल और पुरस्कार समारोह का गुरुवार को सफलतापूर्वक समापन हो गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि नगर आयुक्त श्रीमती नमामि बंसल ने प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र की नींव के रूप में स्रोत पर पृथक्करण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। आशीष गर्ग ने बढ़ती ई-कचरा चुनौती से निपटने के लिए युवाओं के नेतृत्व वाले नवाचार और क्रॉस-सेक्टर सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उप नगर आयुक्त गौरव भसीन ने ई कचरे के बढ़ते खतरों से जनता को जागरूक करने में जनसहभागिता पर जोर दिया।
देहरादून क्षेत्र के उच्च शिक्षा संस्थानों से आईडियाथॉन में प्रस्तुत 162 प्रविष्टियों में से, छह फाइनलिस्ट टीमों ने अभिनव समाधान प्रस्तुत किए और उन्हें प्रमाण पत्र के साथ कुल ₹18,000 का नकद पुरस्कार दिया गया ।
* संयुक्त प्रथम पुरस्कार : अक्षत सकलानी (सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल) लिथियम बैटरी रीसाइक्लिंग प्लांट और अग्रिम सिंघल (बीबीए, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी) बायो-सर्किट
* संयुक्त द्वितीय पुरस्कार: मानसी कुशवाह और सिद्धि तिवारी (सनराइज एकेडमी) – ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर लघु वीडियो और शौर्य शर्मा (बीबीए एआई और डीएस, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी) – ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग प्लांट
* संयुक्त तृतीय पुरस्कार : चिन्मय मित्तल, तन्वी, हिमांशु, रोशनी (बीबीए, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी) – स्मार्ट खेती और अवनी शर्मा और आर्यन (बी.कॉम) ई-वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अभिनव दृष्टिकोण
इस कार्यक्रम में ई-कचरा संग्रह अभियान (22 फरवरी – 9 मई 2025) में योगदान देने वाले शीर्ष पांच छात्रों को भी सम्मानित किया गया, जिन्हें ₹10,000 के नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अभियान में 325 किलोग्राम ई-कचरा सफलतापूर्वक एकत्र किया गया और पर्यावरण के अनुकूल निपटान के लिए एटेरो रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड को भेज दिया गया।
शीर्ष ई-कचरा योगदानकर्ताओं में शामिल हैं :
आकांक्षा अग्रवाल (एमबीए II ए), उत्कर्ष जैन (बीबीए II जी), मानशी डोबरियाल (एमबीए II डी), श्रुति शर्मा (एमबीए II ई) और शिवम कुमार सिंह (एमबीए II ए)
कार्यक्रम में रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) नरेश कुमार शर्मा, नीरज मौर्य (साइनोटेक), अरविंद यादव और यूकेपीसीबी के अधिकारी सुभाष पंवार (यूकेपीसीबी), निहारिका डिमरी, रचना नौटियाल, तरंगिनी रावत, करीना मलिक आदि उपस्थित रहे।
वहीं प्रबंधन अध्ययन विभाग से उपस्थित प्रमुख अधिकारियों में डॉ. नवनीत रावत, डॉ. नीरज शर्मा (संयोजक), डॉ. नागेंद्र शर्मा, कैप्टन राजश्री थापा, सोनाली दानिया, प्रहलाद अधिकारी और डॉ. गिरीश लखेड़ा के साथ-साथ इकोग्रुप सोसाइटी के सचिव ए.के. मेहता और मनीष जैन शामिल थे।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन, समूह फोटो और नेटवर्किंग लंच के साथ हुआ, जिसमें बाहरी अतिथि, जूरी सदस्य, फाइनलिस्ट और स्वयंसेवक शामिल हुए।
प्रबंधन अध्ययन विभाग से उपस्थित प्रमुख अधिकारियों में डॉ. नवनीत रावत, डॉ. नीरज शर्मा (संयोजक), डॉ. नागेंद्र शर्मा, कैप्टन राजश्री थापा, सोनाली दानिया, प्रहलाद अधिकारी और डॉ. गिरीश लखेड़ा के साथ-साथ इकोग्रुप सोसाइटी के सचिव ए.के. मेहता और मनीष जैन शामिल थे।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा वीवीआईपी और बुलडोजर की कार्यवाही पर खामोश क्यों- सूर्यकांत धस्माना
देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने अंकिता भंडारी मामले में पौड़ी सत्र न्यायालय के आए फैसले के बाद उस पर आई सरकार व भाजपा की प्रतिक्रिया पर हमला बोलते हुए भाजपा व सरकार पर इस जघन्य अपराध के पीछे के सबसे बड़े कारण वीवीआईपी को “अतिरिक्त सेवा” देने का दबाव मृतका अंकिता का स्वयं का आरोप पर कांग्रेस ने हमला बोलते हुए सरकार व भाजपा से सवाल किए हैं। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या का सबसे बड़ा कारण उसका अपनी अस्मिता के साथ सौदा ना करना बना जिसका जिक्र उसने अपने मित्र के साथ व्हाट्स ऐप चैट में किया था। श्री धस्माना ने कहा कि हत्या का दोषी मुख्य अभियुक्त किस वीवीआईपी के लिए एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए अंकिता पर दबाव बना रहा था जिसके कारण सारा विवाद और फिर अंकिता की हत्या की गई इसका खुलासा नहीं हुआ और इसी कारण ना उस वीवीआईपी को कहीं खोजा गया ना ही उसे अभियुक्त बनाया गया और इसीलिए उसे सजा भी नहीं हुई लेकिन सबसे बड़े अफसोस की बात यह है कि सरकार व भाजपा के किसी भी नेता या प्रवक्ता ने इस वीवीआईपी का जिक्र अपनी प्रतिक्रिया में नहीं किया जबकि मृतका अंकिता भंडारी के माता पिता समेत पूरा राज्य का जनमानस आज इस घटना पर न्यायालय के निर्णय आने के बाद भी इस वीवीआईपी के बारे में बात कर रहा है और उसे सज़ा देने की मांग कर रहा है। श्री धस्माना ने कहा कि इसी से जुड़े दूसरे अहम पहलू पर भी भाजपा खामोश है कि वनंतरा रिसॉर्ट पर बुलडोजर की कार्यवाही किसके कहने पर हुई जिससे सुबूत मिटाने के प्रयास हुए। श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अंकिता भंडारी मामले में माननीय न्यायालय के फैसले से इस हद तक सहमत है कि अंकिता भंडारी की हत्या हुई और उसके साक्ष्य मिटाने के प्रयास किए गए किंतु विवेचना व ट्रायल में वीवीआईपी का जिक्र ना होना और उस पर कोई न्यायिक टिप्पणी ना होना अंकिता भंडारी को अधूरा न्याय मानती है इसलिए अभियोजन को इस मुद्दे को लेकर एक बार पुनः पुनर्विवेचना की कोशिश करनी चाहिए जिससे ये कथित वीवीआईपी का नाम उजागर हो और उसे भी सज़ा मिले।
सामान्य परिवार की बेटी रश्मि को जापान में मिली नौकरी
‘मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रश्मि के माता-पिता से मुलाकात कर दी शुभकामनाएं’
देहरादून, टिहरी गढ़वाल के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली रश्मि बेलवाल ने अपनी मेहनत और लगन से वो मुकाम हासिल किया है, जो कई युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है। लर्नेट इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स के माध्यम से TITP/SSW कार्यक्रम के तहत रश्मि का चयन जापान में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नौकरी के लिए हुआ है।
रश्मि की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने रश्मि के माता-पिता से भेंट कर उन्हें बधाई दी और रश्मि को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बेटियां जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करती हैं, तो यह पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व की बात होती है।
रश्मि ने कठिन परिश्रम से जापानी भाषा की एन4 स्तर की परीक्षा पास कर यह मुकाम हासिल किया है। अब वह जापान में एक प्रतिष्ठित संस्थान में सेवा देने को तैयार हैं। उनकी इस सफलता पर आज लर्नेट इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स परिसर में एक सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें रश्मि और उनके अभिभावकों को सम्मानित किया गया।
इस विशेष अवसर पर कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पार्षद और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती कमली भट्ट उपस्थित रहीं। संस्थान के रीजनल हेड श्री रमेश पेटवाल ने उन्हें पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
पेटवाल ने बताया कि संस्थान द्वारा अब तक सैकड़ों पहाड़ी छात्र-छात्राओं को जापानी भाषा सिखाकर जापान में रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब संस्थान जर्मनी में भी नर्सिंग छात्रों के लिए जॉब प्लेसमेंट प्रोग्राम शुरू कर चुका है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पंजीकरण करवा रहे हैं।
मुख्य अतिथि श्रीमती कमली भट्ट ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि, “जापान जैसे विकसित देश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना किसी दूरदर्शी सोच और सशक्त क्रियान्वयन का परिणाम है।”
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना की नोडल अधिकारी विनीता बडोनी, ऑपरेशनल हेड अविनाश कुमार, ओवरसीज प्लेसमेंट एंड ट्रेनिंग हेड उमा शंकर उनियाल, नर्सिंग ऑफिसर अंकित भट्ट, गुंजन बोरा सहित अन्य स्टाफ सदस्य और प्रशिक्षु उपस्थित रहे।
संस्थान के माध्यम से अब कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में भी प्रशिक्षण शुरू किया गया है, जिससे आने वाले समय में इन क्षेत्रों में भी युवाओं को जापान में रोजगार मिल सकेगा।
रश्मि की यह सफलता केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक संदेश है कि अगर सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और हौसला हो, तो पहाड़ की बेटियां भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर परचम लहरा सकती हैं।
मोबाइल फोन धोखाधड़ी गिरोह का खुलासा, 6 सदस्य गिरफ्तार, 14 नकली फोन बरामद
चमोली, जनपद के बद्रीनाथ धाम में एक बड़े मोबाइल फोन धोखाधड़ी गिरोह का खुलासा करते हुए पुलिस ने मध्य प्रदेश के रहने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 14 नकली मोबाइल फोन तथा फर्जी बिल बरामद किए गये हैं। गिरफ्तार आरोपी लोगों को अपनी मजबूरी बताकर नकली या छेड़छाड़ किए हुए मोबाइल फोन ऊंचे दामों में बेचते थे।
जानकारी के अनुसार बीते रोज माणा बद्रीनाथ निवासी शशांक बिष्ट ने थाना श्री बद्रीनाथ में तहरीर देकर बताया गया था कि बीती 27 मई को एक व्यक्ति ने उन्हें अपनी मजबूरी बताते हुए एक ओप्पो मोबाइल फोन 11हजार रूपये में बेचा था और इसका बिल भी दिया था। अगले दिन फोन चलाने में दिक्कत होने पर जब फोन चेक किया गया तो पाया गया कि फोन का नंबर और कंपनी फोन पर अंकित जानकारी से अलग थी। इस प्रकार उनके साथ धोखाधड़ी की गई थी। मामले मेे पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गयी। जांच के बाद पुलिस ने बीती शाम आईएसबीटी बद्रीनाथ क्षेत्र से कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जय सिंह पंवार पुत्र पवन सिंह (उम्र 35 वर्ष), आकाश पंवार पुत्र सावन पंवार (उम्र 24 वर्ष), करन पंवार पुत्र रमेश पंवार (उम्र 31 वर्ष), सनी पंवार पुत्र कैलाश पंवार (उम्र 34 वर्ष), विकास पंवार पुत्र सावन पंवार (उम्र 22 वर्ष) व रामू मोहन पुत्र मोहन (उम्र 33 वर्ष) के रूप में की गयी है। ये सभी आरोपी मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के बोर गांव के निवासी हैं। गिरफ्तारा आरोपियोंं के पास से पुलिस ने मौके पर 14 नकली मोबाइल फोन और फर्र्जी बिल बरामद किए हैं।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे दिल्ली के करोल बाग स्थित गफ्फार मार्केट में फेरी वालों से अलग—अलग कंपनियों के पुराने या कम गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन बहुत सस्ते दामों में खरीदते थे। इसके बाद वे इन फोनों के फर्जी बिल बनाते थे जिन पर ज्यादा कीमत अंकित करते थे। फिर वे दूर—दराज के क्षेत्रों खासकर धार्मिक स्थलों या पर्यटन स्थलों पर जाकर लोगों को अपनी झूठी मजबूरी बताते थे जैसे कि उनकी जेब कट गई है पर्स खो गया है या साथी बिछड़ गए हैं। इस बहाने वे लोगों से कम दामों में (वास्तविक बिल के सापेक्ष लेकिन खरीद मूल्य से अधिक) इन फोनों को बेच देते थे। इस तरह वे लोगों को चूना लगाकर काफी मुनाफा कमाते थे।
स्टोन फ्रूट मिशन बदलेगा उत्तराखंड की बागवानी का भविष्य
-‘धाद’ संस्था और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से विमर्श में विशेषज्ञों ने रखे विचार
-आर्थिक रूप में मजबूती के लिए स्टोन फ्रूट्स की बढ़ती संभावना पर दिया जोर
देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), उत्तराखंड़ में पहाड़ी क्षेत्रों में स्टोन फ्रूट की बागवानी को बेहतर करने की दिशा में चलाए जा रहे अभियान के तहत ‘धाद’ संस्था और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से विमर्श में विशेषज्ञों ने पारंपरिक बीज और आधुनिक तकनीक के बारे में बताया। इस दौरान सभी ने कहा कि उत्तराखंड में स्टोन फ्रूट्स (गुठलीदार फल: आडू, प्लम, खुमानी) की संभावना काफी है। इसलिए इसपर जोर दिया जाना चाहिए ताकि आर्थिक रूप से भी किसान मजबूत हो सके। कहा कि यदि हम स्टोन फ्रूट्स पर कार्य करेंगे तो सेब और कीवी से ज्यादा लाभ इनसे कमा सकते हैं। वक्ताओं ने हिमाचल की भांति उत्तराखंड को भी स्टोन फ्रूट की ओर रुख करने पर जोर दिया।
शनिवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में ‘आडू, प्लम, खुमानी का महीना’ के तहत विमर्श आयोजित किया गया। जिसमें काफी संख्या में लोग शामिल हुए। वक्ताओं में आडू, प्लम, खुमानी के बहाने गुठली वाले फलों की बात पारम्परिक बीज और आधुनिक तकनीक के मायने पर बात रखी। आड़ू प्लम खुमानी का महीना अभियान का परिचय देते हुए धाद के सचिव तन्मय ने कहा कि धाद का हरेला गाँव अध्याय लगातार पहाड़ के गाँव उसके उत्पादन और बाजार के पक्ष में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रम चला रहा है। इसमें हमने पहाड़ के फलों माल्टे के बाद स्टोन फ्रूट आड़ू,प्लम,खुमानी के बाबत यह पहल प्रारम्भ की है। जिसमे हम समाज किसान और बाजार पर संवाद आयोजित कर रहे है।
मुख्य वक्ता बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी ने कहा कि घनश्याम सैलानी यदि चिपको शब्द न करते और इस बारे में आह्वान न करते तो आज लोग इस तरह पेड़ के प्रति जागरूक न होते। कहा कि उत्तराखंड हमने बनाया है तो इसकी पहचान भी बनाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। यह पहचान उत्तराखंड के हिसाब से बन पाएगी। कभी दक्षिण और अभी कहीं बात करना ठीक नहीं है। कहा कि हमारी मिट्टी को नशाखोर बना दिया है। आज पहाड़ के प्रति कुछ युवा जागरूक हो रहे हैं और बागवानी के प्रति संभावना को करके दिखा रहे हैं। यह उत्तराखंड में बागवानी के परिपेक्ष्य में बेहतर प्रयास है।
कृषक बागवानी संगठन के अध्यक्ष व प्रगतिशील किसान बीरभान सिंह ने कहा कि हम संगठन के माध्यम से यहां जल और संसाधनों से आजीविका को बढ़ाने पर कार्य कर रहे हैं। उत्तराखंड में स्टोन फ्रूट्स को लेकर बताया कि यहां भी इसकी संभावना है। उत्तराखंड में 1000 से 2000 मीटर के तापमान में यह होता है जहां स्टोन फ्रूट पर कार्य किया जा सकता है। ऐसे फलों का मई से जून तक उत्पादन हो और नजदीकी बाजार मिले तो हमें दिल्ली नहीं भागना पड़ेगा। हिमाचल की भांति उत्तराखंड को भी स्टोन फ्रूट की ओर रुख करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और जैविक चीजों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ऐसी स्थित में स्टोन फ्रूट्स ऐसी प्रजाति है जिसमें खाद, दवा नहीं डालनी पड़ती यह जैविक के रूप में बेहतर उत्पादन है। उत्तराखंड में प्रतिवर्ष एक करोड़ से ज्यादा लोग यात्रा में आते हैं। बाहर से आने वाले चाहते हैं कि इन फलों का स्वाद लेने के साथ ही वो अपने साथ लेकर जाएं। यदि पहाड़ों में ये सभी चीजें होंगी तो आर्थिक रूप से भी मजबूत होंगे। कोर टीम हरेला गांव के सदस्य व प्रगतिशील किसान पवन बिष्ट ने कहा कि एक सर्वे के अनुसार उत्तराखंड बनने के बाद 85 लाख सेब के पौधे लग चुके हैं। जो भी देश व सोसाइटी अगली पीढ़ी को लेकर सोचती है तो वह बेहतर करती है। बीजों को एकत्रित किया जाना चाहिए। बच्चों को खेल-खेल में जागरूक करने के लिए हमने बीज लाओ अभियान किया है। जिसमें 10 हजार बच्चों को जोड़ना है। जिसमें बच्चे खेल खेल में बच्चे बीज एकत्र कर स्कूल में इकट्ठा करेंगे। इस बीज को धाद की फंची अभियान के तहत नर्सरी स्वामी तक पहुंचाने का कार्य करेंगे। बच्चों को उद्यान के बारे में जागरूक करना होगा। उन्होंने काफल, बुरांस, मैलू को बाजार तक लाने की भी बात की। धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा कि आडू, खुमानी आदि की हमने पहले ब्रांडिंग नहीं की। आज माल में जाकर खरीदकर इसकी पहचान समझ आती है। कहा कि सरकार को उत्तराखंड के फलों का उत्पादन करने वालों की तरफ ध्यान देना चाहिए। यदि सरकार ध्यान देगी तो राज्य इस क्षेत्र में काफी विकसित होगा। आयोजन का सञ्चालन हिमांशु आहूजा ने किया।
खेल-खेल में जैविक प्राकृतिक, मृदा पर आधारित दिनेश सेमवाल के बनाए गए सीढ़ी पोस्टर को भी लांच किया। वक्ताओं से विभा पुरी, दिनेश सेमवाल,संजीव कंडवाल, प्रेम बहुखंडी, अवधेश शर्मा, संदीप गुसाईं, विनोद भट्ट आदि ने अपने सवाल रखे ।
इस अवसर पर आरसी कोश्यारी, दिनेश सेमवाल, शिव प्रकाश जोशी, अवधेश शर्मा, सत्यव्रत आई.पी.एस.,टी.आर. बरमोला, जी.सी.उनियाल, बीजू नेगी, एस नौटियाल,विनोद भट्ट, नीना रावत, आशा डोभाल, बीरेंद्र खंडूरी, मेजर जी केडी सिंह, बीएम उनियाल, साकेत रावत, अनीता त्रिवेदी, विवेक तिवारी, कल्पना बहुगुणा, श्वेता,नीलेश, सुनीता बहुगुणा, आलोक सरीन, सुभाष चन्द्र नौटियाल, विनोद कुमार, आशीष शर्मा, जेपी मैठाणी, संजीव कंडवाल, पी के डबराल, दिनेश गुसाईं,प्रोफेसर रचना नौटियाल,रवीन्द्र नेगी, मनोज, राजू गुसाईं, नीरज कुमार, शुभम शर्मा मौजूद थे l
दिव्यांग जनों के लिए परिवार सहायता समूह के गठन व समानता पर हुआ बातचीत का आयोजन
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र तथा साहस फाउंडेशन की ओर से शनिवार को केंद्र की सभागार में दिव्यांग जनों क़े लिए परिवार सहायता समूह क़े गठन व समानता पर बातचीत का एक खुले सत्र का आयोजन किया गया, इस गोलमेज सत्र में कई दिव्यांग जन और उनके परिवारिक लोगों के अलावा विभिन्न संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व प्रबुद्ध लोगों ने प्रतिभाग कर इस बिंदु पर सार्थक चर्चा की।
साहस फाउंडेशन के प्रमुख साहब नक़वी ने कहा कि हाशिए पर रहने वाले दिव्यांग जनों के लिए वास्तविक रोजगार अवसरों का मार्ग खोजने कि दिशा इस खुले मंच पर विमर्श करते हुएहमें खुशी हो रही है. परिवार सहायता समूहों की तत्काल आवश्यकता और दिव्यांग लोगों को सशक्त बनाने व उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की संदर्भ में मंच का उद्देश्य इस बात पर प्रकाश डालना है कि हम किस तरह इनकी लिए सार्थक काम और सम्मानजनक रोजगार स्थायी मार्ग दे सकते हैं।
प्रतिभागी वक्ताओं का विचार था कि हाशिए पर रहने वाले सभी दिव्यांग जनों की लिए गंभीर व निरंतर रोजगार अवसरों की आवश्यकता वास्तविक समझी जानी चाहिए. ख़ास बेस्ट यह हसि कि यह आवश्यकता और निरंतर बढ़ती जा रही है। इनके लिए ऐसे रोजगार मॉडल की आवश्यकता है जो वास्तविक विकास, सार्थक योगदान और नेतृत्व को बढ़ावा देकर इन्हें आत्म निर्भर बना सकें।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि इस दिशा में साहस फाउंडेशन जैसी संस्थाएं अपने जमीनी काम से आशा की एक किरण जगाती हैं कि मजबूत पारिवारिक संबंध सीधे रुओ में इस तरह के मॉडलों में अपना सहयोग दे सकते हैं। सलाह और समुदाय-आधारित रोजगार और सामाजिक उद्यम इनकी उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने में सक्षम हो सकता है।
साहब नक़वी ने जोर देकर कहा कि हम दिव्यांग व्यक्तियों, उनके परिवारों, समुदाय के सदस्यों, चिकित्सकों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और अधिक समावेशी और समतापूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध उनका हार्दिक स्वागत करते हैं।
प्रतिभागी वक्ताओं ने इस संदर्भ में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को सामने रखते हुए अपने कई निजी अनुभवों को भी साझा किया।उनका एक मत विचार था कि इस ज़रूरी बातचीत में सामूहिक विमर्श की जरिये दिव्यांग जनों की हित में सामूहिक रूप से ऐसी व्यवस्थाओं की कल्पना करना और उन्हें आकार देना शुरू करना सर्वथा उचित होगा जहाँ उन्हें समुचित समर्थन, सम्मान और अवसर एक साथ मिल सके ।
इस अवसर पर संजय जोशी, शीबा चौधरी, अम्बिका धस्माना, मंजू गुसाईं, आदि लोगों ने भी अपने विचार रखे. इस अवसर पर पूर्व प्रमुख सचिव उत्तराखंड विभा पुरी दास, केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी,बीजूनेगी, सुंदर सिंह बिष्ट, प्रतिमा राणा,नवीन उपाध्याय, बी एस रावत,,अनीता रावत, पूर्ण सिंह, जे पी चमोला, स्वाती गुसाईं,देवेंद्र कांडपाल, मेघा, सुषमा भंडारी, पावन बिष्ट,राकेश कुमार, आलोक सरीन सहित अन्य लोग उपस्थित रहे ।