Thursday, May 15, 2025
Home Blog

माणा गांव में शुरु हुआ पुष्कर कुंभ, दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

0

 – 12 वर्षों बाद माणा गांव के केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ का हो रहा आयोजन
चमोली(आरएनएस)।   चमोली के सीमांत गांव माणा में स्थित केशव प्रयाग में 12 वर्षों बाद विधि विधान के साथ पुष्कर कुंभ का आयोजन शुरु हो गया है। जिसे लेकर बदरीनाथ धाम के साथ ही माणा गाँव में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की आवाजाही बढ़ गई है। पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन की ओर से यहां तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि माणा गांव के केशव प्रयाग में आयोजित पुष्कर कुंभ को लेकर पैदल मार्ग का सुधारीकरण किया गया है। यहां पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न भाषाओं में साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इसके साथ ही कुंभ के सुचारु संचालन के लिए जहां पैदल मार्ग पर पुलिस की तैनाती की गई है। वहीं संगम तट पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती भी की गई है। उन्होंने बताया कि तहसील प्रशासन को पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि, चमोली जिले के सीमांत गांव माणा में 12 वर्षों के बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। धार्मिक परंपरा के अनुसार जब 12 वर्षों में बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करता है, तो माणा गांव स्थित अलकनंदा और सरस्वती नदियों संगम पर स्थित केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में मुख्य रुप से दक्षिण भारत के वैष्णव मतावलम्बी प्रतिभाग करते हैं।

क्या है पुष्कर कुंभ का धार्मिक महत्व
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माणा गांव के पास स्थित केशव प्रयाग में महर्षि वेदव्यास ने तपस्या करते हुए हिन्दू धर्म के पौराणिक ग्रंथ महाभारत की रचना की थी। यह भी कहा जाता है कि दक्षिण भारत के महान आचार्य रामानुजाचार्य और माध्वाचार्य ने इसी स्थान पर माँ सरस्वती से ज्ञान प्राप्त किया था। जिसके चलते अपनी पौराणिक परंपराओं के संरक्षण के लिए बदरीनाथ धाम के समीप स्थित माणा गांव पहुंच कर केशव प्रयाग में स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं।

तीर्थ स्थल न केवल हमारी धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि ये देश की एकता और सांस्कृतिक एकजुटता के भी प्रतीक हैं। विभिन्न स्थानों से आने वाले श्रद्धालु इन स्थलों पर एकत्र होकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करते हैं। इसी क्रम में माणा गांव में आयोजित पुष्कर कुंभ, उत्तर को दक्षिण से जोड़ रहा है।  – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में कैंची धाम के लिए बाईपास निर्माण का काम शीघ्र होगा शुरू

0

 – कैंची धाम बाईपास के लिये वन भूमि प्रस्ताव को मिली सैद्धांतिक स्वीकृति।
 – इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से किया था अनुरोध।
देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कैंची धाम के आस पास एन० एच० 109 ई० में वाहनों के अत्यधिक दवाव व जाम के दृष्टिगत सुगम व सुरक्षित यातायात हेतु वर्ष 2023 में कैंची बाईपास मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा की गयी थी। 19 की.मी. लम्बे कैंची धाम बाईपास मोटर मार्ग में  शिप्रा नदी पर एक सेतु का भी निर्माण किया जाना है, जिसके प्रथम 8 किमी के निर्माण/चौड़ीकरण डामरीकरण हेतु रु 1214.71 लाख की धनराशि भी लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध करायी गयी है। मोटर मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अवशेष 11.00 किमी0 मोटर मार्ग में वन भूमि आने के कारण वन भूमि प्रस्ताव ऑनलाइन गठित कर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार को वन भूमि हस्तान्तरण हेतु प्रेषित किया गया।
मुख्यमंत्री द्वारा किये गये विशेष प्रयासों से गुरुवार को हुई आरईसी   की बैठक मे पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वन भूमि हस्तान्तरण की सहमति प्रदान कर दी गयी है। शीघ्र ही मार्ग निर्माण हेतु कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी। कैंची धाम में प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत यातायात की सुगमता के लिये मुख्यमंत्री द्वारा यहां बाईपास निर्माण की घोषणा की गई थी साथ ही वन भूमि हस्तान्तरण की स्वीकृति के लिये पिछले सप्ताह केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से भेट कर इनकी स्वीकृति का अनुरोध किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम बाईपास के लिए वन भूमि प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद उक्त सड़क का तेजी से निर्माण किया जा सकेगा, जिससे क्षेत्रीय लोगों एवं पर्यटकों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी साथ ही कैंची धाम और भवाली के पास लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी।

 हरिद्वार, ऋषिकेश और शारदा कॉरिडोर को लेकर सीएस की बैठक, प्राथमिक प्रोजेक्ट्स को मिलेगी जल्द हरी झंडी

0

देहरादून, प्रदेश के तीन प्रमुख धार्मिक और विकास परियोजनाओं हरिद्वार कॉरिडोर, ऋषिकेश मास्टर प्लान और शारदा कॉरिडोर को लेकर बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में इन परियोजनाओं की प्रगति, संभावनाओं और कार्ययोजना पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान उत्तराखंड निवेश एवं अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआईडीबी) की ओर से संबंधित योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसमें भूमि उपयोग, पर्यावरणीय पहलू, सांस्कृतिक महत्व और आर्थिक प्रभाव जैसे बिंदुओं को रेखांकित किया गया। हरिद्वार कॉरिडोर के तहत श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं, गंगा तट पर सुव्यवस्थित घाट, पार्किंग, ट्रैफिक मैनेजमेंट और धार्मिक पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास की योजना है। ऋषिकेश मास्टर प्लान में योगनगरी के स्वरूप को संरक्षित रखते हुए सुव्यवस्थित नगरीय विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं।शारदा कॉरिडोर के अंतर्गत सीमावर्ती क्षेत्रों में सांस्कृतिक-धार्मिक पर्यटन को विकसित करने और पारंपरिक महत्व को पुनर्जीवित करने की रणनीति पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि योजनाओं को स्थानीय लोगों की भागीदारी, पर्यावरणीय संतुलन और धार्मिक गरिमा को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ाया जाए।
हरिद्वार कॉरिडोर के विकास को लेकर बुधवार को सचिवालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर श्रेणीकृत कर शीघ्र क्रियान्वयन शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि जो योजनाएं तत्काल प्रभाव से लागू की जा सकती हैं, उन्हें अविलंब धरातल पर लाया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व केवल उत्तराखंड या भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विदेशों में बसे करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में कॉरिडोर के विकास में आस्था से जुड़े स्थलों, घाटों और मूल सांस्कृतिक पहचान को अक्षुण्ण बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विकास के दौरान स्थानीय जनभावनाओं, धार्मिक परंपराओं और विरासत स्थलों की गरिमा को बनाए रखने के लिए संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया जाए। साथ ही परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता पर भी कोई समझौता न हो। बैठक में उत्तराखंड निवेश एवं अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआईडीबी) द्वारा हरिद्वार कॉरिडोर की परियोजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई, जिसमें प्रस्तावित विकास कार्यों की सूची, संभावित समयसीमा और लागत आकलन शामिल था।
सीएस ने योजनाओं से जुड़े हितधारकों से लगातार संवाद बनाए रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर के अंतर्गत आने वाली सभी परियोजनाओं पर बजट, क्रियान्वयन एजेंसी, उसके रखरखाव सहित समग्र योजना जल्द प्रस्तुत की जाए। उन्होंने यूआईडीबी को प्रत्येक परियोजना की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उससे जुड़े विभागों को भी योजना में शामिल करने के निर्देश दिए। हरिद्वार कॉरिडोर की परियोजनाओं पर चर्चा के दौरान सीएस ने ब्रह्मकुंड और महिला घाट का क्षेत्रफल बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सती कुंड के पुनर्विकास कार्य में सती कुंड के ऐतिहासिक महत्व और थीम को बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में मल्टीलेवल पार्किंग बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि नदी दर्शन में किसी प्रकार की बाधा न आए। मुख्य सचिव ने कहा कि जिन कार्यों की डीपीआर तैयार हो गई है, उन पर जल्द ही आगे की कार्यवाही शुरू की जाए। मुख्य सचिव ने शारदा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों की प्राथमिकता तय करने के भी निर्देश दिए।

वन भूमि में ईको टूरिज्म गतिविधियों भी हो शामिल :

मुख्य सचिव का कहना हैं कि कार्य की प्रकृति के अनुसार संबंधित विभाग द्वारा कार्य पूर्ण किया जाए। उन्होंने वन भूमि में ईको टूरिज्म गतिविधियों को भी शामिल करने की बात कही। मुख्य सचिव ने यूआईआईडीबी को जिलाधिकारी चंपावत की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को शारदा कॉरिडोर में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन सर्किट के विकास के साथ ही कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए हेलीपैड और हेलीपोर्ट का प्रावधान भी योजना में किया जाए।

ऋषिकेश मास्टर प्लान पर की चर्चा :

ऋषिकेश मास्टर प्लान पर चर्चा करते हुए सीएस ने अधिकारियों को ऋषिकेश और पुराने रेलवे स्टेशन के आसपास प्रस्तावित कार्यों की व्यापक गतिशीलता योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
सीएस ने कहा कि चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवन के लिए हाइड्रोलॉजी सर्वेक्षण कराया जाए। सीएस ने सभी परियोजनाओं की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए आवश्यक कार्यों को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर, शारदा रिवरफ्रंट डेवलपमेंट एवं ऋषिकेश मास्टर प्लान कार्यों के महत्व को देखते हुए जल्द से जल्द कार्यवाही शुरू की जाए।

 

पत्रकार छिरिंग नामग्याल खोर्त्सा की ‘लिटिल ल्हासा’ पुस्तक पर हुई चर्चा

देहरादून, लेखक और पत्रकार छिरिंग नामग्याल खोर्त्सा की पुस्तक लिटिल ल्हासा पर दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र एक चर्चा का आयोजन किया गया, गुरुवार को आयोजित इस चर्चा में मानवविज्ञानी मंजरी मेहता, लेखक एवं संगीतकार प्रशांत नवानी और बौद्ध विद्वान नोरबू वांगचुक उपस्थित थे l
पुस्तक के माध्यम से यह बात उभर कर आयी कि सत्तर साल से ज़्यादा निर्वासन में रहने के बाद, तिब्बतियों की एक पूरी पीढ़ी घर से दूर एक ऐसी जगह पर बड़ी हुई है। दलाई लामा और दूसरे महान गुरुओं के आध्यात्मिक मार्गदर्शक होने के बावजूद, वे अपनी मातृभूमि से कटे हुए बड़े हुए हैं। उनके अनुभव अनोखे रहे हैं, क्योंकि वैश्वीकरण के बावजूद उन्होंने अपने धर्म और संस्कृति को जीवित रखा है।
लिटिल ल्हासा पुस्तक पर छिरिंग नामग्याल खोर्त्सा ने बताया कि आज के अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में इस पुस्तक में विस्तार से लिखा है. विरोध प्रदर्शन आयोजित करने से लेकर, फिल्म निर्माण की संस्कृति को विकसित करने तक बहुत सी बातें इसमें आयी हैं.
चर्चा में यह बात भी सामने आयी कि इस पुस्तक में समुदाय की विविध आवाज़ें जीवंत हो उठी हैं- छात्र, आयोजक, तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायी, फ़िल्म निर्माता, पत्रकार, लेखक और यहाँ तक कि पूर्व राजनीतिक कैदी भी. लेखक निर्वासित तिब्बत के अनुभव के विभिन्न पहलुओं को एक साथ इस पुस्तक में लाया है।
धर्मशाला शहर भी कम महत्वपूर्ण नहीं है, जो निर्वासित तिब्बती सरकार और दलाई लामा की सीट है। त्सेरिंग नामग्याल के खुद के शब्दों में यह ‘छोटा ल्हासा’ चमकता हुआ है, इसकी संस्कृति दुनिया भर से इतने सारे लोगों द्वारा बनाई गई है। चर्चाकारों ने कहा कि लिटिल ल्हासा उन लोगों के जीवन का एक मूल्यवान अभिलेख है, जो झुकने या भूलने से इनकार करते हैं, और तेजी से बदलती दुनिया के साथ तालमेल बिठाते हुए भी अपनी जड़ों को पोषित करना जारी रखते हैं।
छिरिंग नामग्याल खोर्त्सा तिब्बती लेखक और पत्रकार हैं। उन्होंने एशिया और दुनिया भर के कुछ प्रमुख प्रकाशनों में व्यापक रूप से प्रकाशित किया है, जिनमें द वॉल स्ट्रीट जर्नल, धार्मिक डिस्पैच, एशिया सेंटिनल, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट, इंडिया टुडे, ग्लोबल एशिया और हिंदुस्तान टाइम्स शामिल हैं। भारत में जन्मे और पले-बढ़े त्सेरिंग ने नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी (ताइपेई), मिनेसोटा विश्वविद्यालय और लोवा विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्होंने पत्रकारिता में एमए किया और रचनात्मक लेखन (काल्पनिक और साहित्यिक गैर-काल्पनिक) का भी अध्ययन किया। 2007 में, उन्हें सम्मानित किया गया. उनकी लघु कथाएँ येलो मेडिसिन रिव्यू: द जर्नल ऑफ़ इंडिजिनस लिटरेचर, आर्ट्स एंड कल्चर (साउथवेस्ट मिनेसोटा स्टेट यूनिवर्सिटी), एशिया लिटरेरी रिव्यू (पूर्व में डिमसम, हांगकांग) और हिमाल साउथएशिया में छपी हैं। उनकी एक लघु कथा ओल्ड डेमन, न्यू डेइटीज: 21 शॉर्ट स्टोरीज फ्रॉम तिब्बत में संकलित की गई थी, जिसे तेनज़िन डिकी (ओआर बुक्स, 2017) ने संपादित किया था।
प्रारम्भ में केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने सभी लोगों का स्वागत किया, निकोलस हॉफलैंड ने पुस्तक का संक्षिप्त परिचय दिया व अंत में आभार व्यक्त किया l
कार्यक्रम के दौरान शहर के कई साहित्यकार, लेखक, साहित्य प्रेमी व युवा पाठक सहित सतपाल गांधी, ब्रिगेडयर वीपी एस खाती, विवेक तिवारी, हिमांशु आहूजा, जगदीश बाबला, देवेंद्र कुमार, सुंदर सिंह बिष्ट,अरुण कुमार असफल, आलोक सरीन, कुलभूषण नैथानी आदि उपस्थित रहे l

डीजीपी पर लगाया सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का आरोप

0

सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने उत्तराखंड़ में बढ़ती साम्प्रदायिक घटनाओं पर चिन्ता जताई

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), उत्तराखंड़ इंसानियत मंच के बैनर तले विभिन्न सामाजिक संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने आज प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ बातचीत की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के पुलिस महानिदेश पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाया है। डीजीपी को सलाह दी गई कि वे कानून के अनुसार काम करें न कि सत्ताधारी बीजेपी नेताओं के कहने पर। डीजीपी पर यह भी आरोप लगाया गया वे सामाजिक संगठनों के बार-बार अनुरोध के बाद भी मिलने का समय नहीं दे रहे हैं।
उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2022 को उत्तराखंड के डीजीपी को स्पष्ट निर्देश दिये थे और कहा था कि यदि कोई भी व्यक्ति कोई ऐसा बयान देता है, जिससे आईपीसी की धारा 153ए, 153 बी, 295 ए और 505 का उल्लंघन होता हो, तो किसी से शिकायत मिलने का इंतजार न करें, बल्कि स्वतः संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज करें। ये धाराएं समुदायों में दुश्मनी, देश की एकता, किसी के धर्म को अपमानित करना जैसे अपराधों से संबंधित हैं। बीएनएस में इन धाराओं का क्रमांक बदल गया है।
डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि उत्तराखंड में लगातार साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने का प्रयास हो रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसी हरकतें बड़े पैमाने पर की जा रही हैं। पुलिस ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर भी रखती है, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने कहा पूरे देश में साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ा जा रहा है। उन्होंने नैनीताल की शैला नेगी के साथ ही हिमांशी नरवाल, विक्रम मिसरी और सोफिया कुरैशी को ट्रोल किये जाने की निन्दा की।
महिला मंच की निर्मला बिष्ट ने कहा कि दून अस्पताल की मजार तोड़े जाने के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन देने पर कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल किया। ट्रोल करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ थाना नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज करवाया गया तो सोशल मीडिया पर लाइव आकर उसने उन्हें एक्टिविस्ट इंद्रेश मैखुरी को फिर से गालियां दी। इसके साथ ही कमला पंत को भद्दी गालियां दी गई। उन्होंने कहा कि इस तरह के लोग ऐसी हिम्मत इसलिए कर पा रहे हैं कि उन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस ऐसे लोगों को बचाने का प्रयास करती है।
सामाजिक कार्यकर्ता लताफत हुसैन ने कहा कि दून अस्पताल की मजार वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड होने के बावजूद तोड़ी गई, जबकि नये वक्फ कानून पर अभी सुप्रीम कोर्ट की रोक है। उन्होंने कहा कि इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों का जवाब तलब किया है। उत्तराखंड मसीह समाज के धर्म गुरु एसएस चौहान ने कहा कि ईसाई समाज के लोगों को चकराता में कई तरह से परेशान किया जा रहा है। चकराता की चर्च का रास्ता रोका गया है। संबंधित अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
समाजवादी पार्टी के डॉ. एसएन सचान ने सभी राजनीतिक दलों की ओर से बात रखी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड में नफरत फैलाई जा रही है, वह गंभीर है। इस मामले में सपा के साथ ही कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई माले भी उत्तराखंड इंसानियत मंच के साथ है। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के शीशपाल सिंह बिष्ट, सीएमएम के राजेन्द्र पुरोहित, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, दून सिटीजन फोरम के जगमोहन मेहंदीरत्ता, किसान सभा के सुरेन्द्र सजवाण, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट, इप्टा के वीके डोभाल, एनएपीएसआर के आरिफ खान आदि मौजूद थे।

पुलिस अभियान में मां बेटे सहित 15 वारंटी गिरफ्तार

0

उधमसिंहनगर, जिले भर में वारंटियों की धड़ पकड़ हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने मां बेटे सहित 15 वारटिंयों को गिरफ्तार कर लिया है। जिन्हें न्यायालय में पेश कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
जानकारी के अनुसार बीते रोज कोतवाली काशीपुर पुलिस द्वारा वारंटियों की खोजबीन हेतू चलाये जा रहे अभियान के तहत 10 वारटिंयों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके नाम अजयपाल पुत्र हरकेश सिंह निवासी शिवलालपुर अमरझण्डा, अतीक अहमद पुत्र अब्दुल रहमान निवासी कविनगर काशीपुर, प्रसाद पुत्र हब्बूलाल निवासी कुण्डेश्वरी काशीपुर, मुनेश कुमार पुत्र रामप्रसाद नि. महुआखेड़ागंज आईटीआई, सतनाम सिहं पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी खड़कपुर आईटीआई, राजबहादुर पुत्र सुखदेव सिंह नि. खड़कपुर, अवतार सिंह पुत्र कपूर सिंह नि. ढकिया कुण्डेश्वरी काशीपुर, सचिन पुत्र सियाराम निवासी वैशाली कालोनी आईटीआई, सजनी पत्नी सियाराम निवासी वैशाली कालोनी आईटीआई व अनिता पत्नी ओमप्रकाश निवासी वैशाली कालोनी आईटीआई बताये जा रहे है। इसके अतिरिक्त थाना केलाखेड़ा पुलिस ने वारण्टी गौरव पुत्र विनोद निवासी बरवाला थाना केलाखेड़ा जनपद ऊधमसिंहनगर को गिरफ्तार किया गया। वहीं थाना पुलभटृा पुलिस द्वारा वारण्टी विपिन कुमार पुत्र सतीश कुमार नि. ग्राम भंगा थाना पुलभटृा जिला उधम सिह नगर को गिरफ्तार किया गया है। वहीं कोतवाली रूद्रपुर पुलिस द्वारा आबकारी अधिनियम के तहत फरार चल रहे वांरटी वीरेंद्र सिंह पुत्र जहांगीर सिंह निवासी अर्जुनपुर थाना रुद्रपुर जिला उधम सिंह नगर व राजेंद्र सिंह पुत्र जसपाल सिंह निवासी अर्जुनपुर थाना रुद्रपुर जिला उधम सिंह को गिरफ्तार किया गया है। थाना कुण्डा पुलिस द्वारा निपेंद्र सिंह पुत्र अंतराम निवासी ग्राम शिवराजपुर थाना कुण्डा जिला उधमसिंहनगर को गिरफ्तार किया गया है।

उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी-शिक्षक संगठन की नवनिर्वाचित जिला कार्यकारिणी की बैठक संपन्न

0

हरिद्वार 15 मई (कुलभूषण)उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन हरिद्वार कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय रोशनाबाद के सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जनपदीय अधिवेशन को सफल बनाने के लिए सभी कर्मचारी एवं शिक्षकों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। पश्चात गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को दूर करने के लिए प्रांत द्वारा सरकार को दिए गए आंदोलन अल्टीमेटम का समर्थन किया गया और आश्वस्त किया गया कि जनपद हरिद्वार आंदोलन में अपनी पूर्ण सहभागिता करेगा। निर्णय लिया गया कि उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड के पूर्व प्रान्तीय अध्यक्ष एवं वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री प्रताप सिंह पवार का आगामी 25 मई को जनपद हरिद्वार में स्वागत एवं अभिनंदन कार्यक्रम किया जाएगा। कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकारिणी का विस्तार किया गया जिसमें विभिन्न विभागों से उपाध्यक्ष, संयुक्त मंत्री, संगठन मंत्री, कार्यालय मंत्री, प्रवक्ता, वरिष्ठ सलाहकार एवं मीडिया प्रभारी के पदों पर मनोनयन किया गया। इस अवसर पर सभी मनोनीत पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के जिलाध्यक्ष ललित मोहन जोशी तथा संचालन महामंत्री अनिल कुमार चौधरी द्वारा किया गया। कार्यकारिणी की बैठक में संरक्षक कृष्ण चंद्र शर्मा, वरिष्ठ प्रान्तीय उपाध्यक्ष सोहन सिंह रावत, फेडरेशन के जिलाध्यक्ष सईद अहमद, फार्मेसी अधिकारी संगठन के जिलाध्यक्ष पी एस पवार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजेश कुमार, कोषाध्यक्ष विपिन कुमार, संप्रेक्षक अमित ममगाई, नीरज त्यागी, दिनेश लखेड़ा, जम्मू प्रसाद, जयवीर सिंह रावत, खीमानंद भट्ट, मनोज चंद, विकास जवाड़ी, संतोष चमोला, प्रशांत बडोला, केवलानंद पांडे, संजीव चौधरी ऋषि अस्थाना, कुलभूषण शर्मा आदि बड़ी संख्या में कर्मचारी शिक्षक पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।

एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार

0

भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम धामी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई

धामी सरकार का 1064 विजिलेंस टोल फ्री नंबर बना प्रदेशवासियों के लिए वरदान

उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चलाए जा रहे सख्त अभियान के अंतर्गत एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने आज देहरादून स्थित पटेलनगर थाना क्षेत्र के आईएसबीटी चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक देवेन्द्र खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

शिकायतकर्ता द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि एक भूमि विवाद की जांच चौकी प्रभारी के पास लंबित है, जिसमें उन्होंने गैंगस्टर एक्ट लगाने की धमकी देकर पाँच लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। सतर्कता अधिष्ठान ने गुप्त जांच के बाद तत्परता से जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार किया।

पिछले तीन सालों में अब तक 150 से ज्यादा आरोपियों को धामी सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में जेल भेज चुकी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के संकल्प पर दृढ़ है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी जनता का शोषण करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जनता को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है।

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि एवं पूर्व राज्य मंत्री अजय सिंह ने की सीएम से शिष्टाचार भेंट

0

देहरादून, राज्य के जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से मिले, बुधवार को मुख्यमंत्री निवास में उत्तराखंड़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य समन्वयक एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि एवं पूर्व राज्य मंत्री अजय सिंह ने शिष्टाचार भेंट की और जनहित से जुड़े कुछ मुद्दों पर विचार किया। इस दौरान दोनों नेताओं राज्य के विकास से विषय पर गंभीर विचार विमर्श किया और आशा व्यक्त की कि इस मुलाकात के सार्थक परिणाम सामने आयेंगे l

सिंगटाली मोटर पुल और जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर मुख्य सचिव को सौंपा ज्ञापन

0

देहरादून, उत्तराखंड़ के सिंगटाली मोटरपुल और जल जीवन मिशन से जुड़े कथित घोटालों के खिलाफ जन आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। आज मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा।प्रतिनिधिमंडल ने जल जीवन मिशन के तहत हुए भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई, दोषी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने और सिंगटाली मोटरपुल के तत्काल निर्माण की मांग उठाई। ज्ञापन में जोर दिया गया कि भ्रष्टाचार के कारण जनता का विकास योजनाओं से विश्वास उठ रहा है, और इन परियोजनाओं का लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा।
मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक और उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने कहा कि सिंगटाली मोटरपुल के लिए स्थानीय जनता लंबे समय से संघर्षरत है, लेकिन इस पर कोई काम नहीं हो रहा। वहीं जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपये के घोटाले सामने आने के बावजूद इसमें संलिप्त अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि जल्द दोषियों के खिलाफ़ कारवाई न हुई और भ्रष्ट कंपनियों को ब्लैकलिस्ट न किया गया तो जल निगम कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी। सिंगटाली पुल निर्माण में अब देरी हुई तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी और राष्ट्रीय राजमार्ग अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा।
मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति के संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा, “जल जीवन मिशन और सिंगटाली मोटरपुल जैसे प्रोजेक्ट जनता की भलाई के लिए हैं, लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही के चलते ये कागजों तक सीमित रह गए। हम मांग करते हैं कि दोषियों पर तुरंत कार्रवाई हो और इन परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति के नरेन्द्रनगर प्रभारी विकास रयाल एवं सिंगटाली मोटरपुल संघर्ष समिति के अध्यक्ष उदय सिंह नेगी ने बताया कि सिंगटाली मोटरपुल के निर्माण में देरी और अनियमितताओं के कारण स्थानीय लोग गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह पुल क्षेत्र के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन नेताओं और अधिकारियों की लापरवाही से निर्माण रुका हुआ है। हम सरकार से तत्काल निर्माण शुरू करने की मांग करते हैं।
मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के कोर मेंबर विपिन नेगी ने कहा कि सिंगटाली मोटरपुल स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो क्षेत्र में यातायात को सुगम बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगी। इस पुल के निर्माण में देरी से न केवल स्थानीय लोगों को असुविधा हो रही है, बल्कि क्षेत्र का समग्र विकास भी प्रभावित हो रहा है। इस अवसर पर योगेश मैठाणी, राकेश बिष्ट सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से आश्वासन मांगा कि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए, ताकि जनता का विश्वास बहाल हो और विकास का सपना साकार हो सके।

विजिलेंस ने चौकी प्रभारी को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार

0

देहरादून, विजिलेंस ने बुधवार को आईएसबीटी चौकी प्रभारी को एक लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
चौकी इंचार्ज द्वारा गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे लगाकर बंद करने का भय दिखाकर रिश्वत की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को एक शिकायती पत्र दिया था। बताया कि उसके दोस्त व अन्य तीन लोगों के खिलाफ जावेद नाम के व्यक्ति ने बंजारावाला देहरादून में भूमि विवाद से संबंधित एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है, जिसकी जांच आईएसबीटी इंचार्ज देवेश खुगशाल के पास है। चौकी इंचार्ज ने गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे लगाकर बंद करने का भय दिखाकर जांच से उसके दोस्तों का नाम हटाने के लिए पांच लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता व उसके दोस्त रिश्वत नहीं देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने विजिलेंस में शिकायत की। जिसके बाद आरोपी को रंगेहाथ पकड़ा या।
चौकी प्रभारी आईएसबीटी थाना पटेलनगर देहरादून उपनिरीक्षक देवेश खुगशाल को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
शिकायतकर्ता द्वारा सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून में एक शिकायती पत्र इस आशय से दिया कि उसके दोस्त व अन्य तीन लोगों के खिलाफ जावेद नाम के व्यक्ति ने बंजारावाला देहरादून में भूमि विवाद से सम्बन्धित एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिसकी जांच आई0एस0बी0टी0 इंचार्ज देवेश खुगशाल, के पास है। चौकी इंचार्ज द्वारा गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे लगाकर बंद करने का भय दिखाकर उक्त जाँच से उसके दोस्तो का नाम हटाये जाने के लिए 5 लाख रू० रिश्वत की माँग की जा रही है।
शिकायतकर्ता एवं उसके दोस्त रिश्वत नही देना चाहते है। तथा चौकी प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही चाहते है।
शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून द्वारा गोपनीय जाँच किये जाने पर प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया गया, टीम द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुए चौकी प्रभारी आईएसबीटी थाना पटेलनगर देहरादून उ0नि0 देवेश खुगशाल, को शिकायतकर्ता से 1,00,000/- रूपये (एक लाख रूपये) की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त से पूछताछ जारी है, उक्त प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा। निदेशक सतर्कता डॉ० वी० मुरूगेसन द्वारा ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गयी।