देहरादून, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान आगामी 12 सितम्बर को देहरादून में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत विद्या समीक्षा केन्द्र का लोकार्पण एवं प्रदेश के 142 पीएम-श्री स्कूल्स व 3 नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों का शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधवी छात्रवृत्ति योजना तथा उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का विधिवत शुभारम्भ करेंगे।
सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ-साथ बेहतर मॉनिटिरिंग एवं शिक्षा के कम्प्युटरीकरण को लेकर केन्द्र सरकार के सहयोग से विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की गई है। जिसका विधिवत शुभारम्भ आगामी 12 सितम्बर को विद्यालयी शिक्षा महानिदेशालय के परिसर में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा किया जायेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री प्रदेश को प्रथम चरण में स्वीकृत 142 पीएम-श्री स्कूल्स एवं तीन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों की सौगात देंगे। जिनके निर्माण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा इसी वित्तीय वर्ष में रूपये 7291 लाख की स्वीकृति देते हुये प्रथम किस्त रूपये 1823 लाख जारी कर दी गई हैं। जबकि द्वितीय चरण के पीएम-श्री स्कूल्स की स्वीकृति शीघ्र मिलने की उम्मीद है। इसी क्रम में 6 से 12 आयु वर्ग के गरीब एवं असहाय छात्र-छात्राओं के लिये तीन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों का शिलान्यास भी करेंगे, जो कि श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल), ऊधमसिंह नगर एवं चम्पावत में खोले जायेंगे। जबकि इससे पूर्व प्रदेश के 11 जनपदों में आवासीय छात्रावास पूर्व से ही चल रहे हैं जिसमें लगभग तीन हजार छात्र-छात्राएं रह रहे हैं। इन नये तीन आवासीय छात्रावासों के तैयार होने के उपरांत राज्य में कुल 13 आवासीय छात्रावास बन जायेंगे, जिनमें से तीन छात्राओं व 10 छात्रों के लिये अनुमन्य हैं। डॉ. रावत ने बताया कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य में शुरू की गई मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ती योजना एवं मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का भी श्रीगणेश करेंगे। इसके अतिरिक्त एनडीए, आईएमए कैडेट पुरस्कार योजना के तहत सूबे से इस वर्ष चयनित कुल 77 कैडेट्स को रूपये 50 हजार की प्रोत्साहन राशि का चैक भी वितरित करेंगे।
सार्थक पहल : जनपद के दूरस्थ क्षेत्र जौरासी में शंकर सिंह भाटिया ने खोला पुस्तकालय
पिथौरागढ़, जनपद के दूरस्थ क्षेत्र जौरासी में वरिष्ठ पत्रकार शंकर सिंह भाटिया के प्रयासों से पुस्तकालय की शुरुआत की गई। गौर हो कि भाटिया पत्रकारिता के साथ-साथ कई किताबें भी लिख चुके हैं। वर्तमान में देहरादून निवास कर रहे भाटिया ने अपने गृह क्षेत्र जौरासी में रहकर समाज के लिए काम का निर्णय किया। उन्होंने इसकी शुरुआत पुस्तकालय अभियान से की।
इस अवसर पर शंकर सिंह भाटिया ने बताया कि फिलहाल पुस्तकालय में एक हजार पुस्तकें रखी गई हैं। इस पुस्तकालय की स्थापना के लिए उन्होंने शिक्षक और प्रतिष्ठित कवि महेश पुनेठा को प्रेरणास्रोत बताया और कहा कि यह पुस्तकालय बच्चों और बड़ों के लिए रचनात्मक गतिविधियों का केन्द्र बनेगा। पुनेठा ने कहा कि पुस्तकालय को आगे बढ़ाने की दिशा में हमारा सहयोग रहेगा। बता दें कि पुस्तकालय डा0 होशियार सिंह बोरा के भवन में स्थापित किया गया है।
इस दौरान पुस्तकालय अभियान व दीवार पत्रिका के सूत्रधार एवं कई पुस्तकों व कविताओं पर लेखक महेश पुनेठा ने दीप जलाकर पुस्तकालय की शुरुआत की। कार्यक्रम का संचालन डा0 होशियार सिंह बोरा ने किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मनरेगा लोकपाल जगदीश कलौनी, सैन्य अधिकारी योगेंद्र चंद, जीआईसी जौरासी के प्रधानाचार्य आरके सिंह, धीरज सिंह खड़ायत, हरीश बोरा, डा0 होशियार सिंह बोरा, डा0 बीना बोरा, रविंद्र भाटिया, किशन सिंह भाटिया, जगत सिंह भाटिया, मदन सिंह महर, प्रधान कुंदन सिंह भाटिया, महेंद्र सिंह भाटिया, कुंदन सिंह भाटिया, नारायण सिंह भाटिया समेत तमाम गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
ग्रामीणों के संघर्ष की जीत का परिणाम है हिनामोटर मार्ग का शिलान्यास : विधायक सुरेश चौहान
(डा. रामचन्द्र उनियाल)
उत्तरकाशी, वन भूमि और इको सेंसेटिव जोन के कारण विगत कुछ वर्षों से हाईकोर्ट में लंबित हिना मोटर मार्ग का निस्तारण होने के बाद आज विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान शिलान्यास कर दिया | करीब डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाले इस मोटर मार्ग की शिलान्यास समारोह में विधायक सुरेश चौहान ने कहा कि हिना गांव की सड़क के लिए गंगोत्री क्षेत्र के पूर्व विधायक स्वर्गीय गोपाल रावत ने राज्य सरकार से निर्माण की स्वीकृति दिलाई थी लेकिन सड़क निर्माण का मामला हाईकोर्ट में जाने के कारण सड़क निर्माण का कार्य लटक गया, उन्होंने कहा कि हिना गांव की सड़क के लिए विधानसभा में भी मेरे द्वारा प्रश्न उठाए गए जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने संज्ञान लिया और अधिवक्ताओं से वार्ता की और अब हाईकोर्ट से मामले का निस्तारण होने पर आज मुझे अत्यंत खुशी हुई है और आज हिना गांव की इस डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाली 3 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो गया है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा, जिससे ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा | उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण हेतु संघर्षरत स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं विशेष रूप से विजय पाल मखलोगे का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस सड़क के निर्माण हेतु काफी संघर्ष किया, जिसके परिणाम स्वरुप इस सड़क का शिलान्यास हो पाया है यह ग्राम प्रधान सहित सभी ग्रामीणों के संघर्ष की जीत का परिणाम है |
इस अवसर पर पूर्व ब्लाक प्रमुख चंदन सिंह पवार जिला पंचायत सदस्य मनोज मिलान प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रताप रावत घनश्याम चौहान अमित सेमवाल पूर्व प्रधान गजेंद्र मखलोगा मुरारी लाल भट्ट चंदन सिंह राणा आदि उपस्थित रहे l
भारतीय संविधान में डा. अम्बेडकर के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख एवं सम्बन्धित विविध पक्षों पर विचार गोष्ठी का आयोजन
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से रविवार को संविधान और अंबेडकर मिथक, आख्यान, वास्तविकताएं और उससे जुड़े प्रमुख मुद्दों पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम पुस्तकालय के सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व न्यायधीश सी. एल. भारती ने की। इस विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने अम्बेडकर द्वारा भारतीय संविधान में उनके द्वारा दिये गये महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए संविधान से सम्बन्धित विविध पक्षों पर सम्यक प्रकाश डालते हुए कई जानकारियां प्रदान कीं।
गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता पूर्व प्रोफेसर व सामाजिक चिंतक डाॅ. करनैल सिंह रंधावा ने बताया कि संविधान सभा में बहुत से सदस्य थे परंतु डाॅ. अंबेडकर ने ड्राॅफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में प्राप्त हजारों प्रस्तावों में से स्क्रुटनी करके संविधान सभा के सामने बहस के लिए प्रस्तुत किया। यह एक श्रमसाध्य और महति जिम्मेदारी युक्त कार्य था जिसे डाॅ. अंबेडकर ने बहुत सतर्कता एवं कुशलता से कर दिखाया। इसीलिए संविधान निर्माता का महत्वपूर्ण श्रेय डाॅ. अंबेडकर को दिया जाता है। विशिष्ट अतिथि सामाजिक विचारक संजय कुमार ने कहा कि भारत का संविधान डाॅ. अंबेडकर के अथक प्रयासों का ही परिणाम है, जिसमें डाॅ. अंबेडकर ने समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर संविधान में कानूनों को समाहित किया। उन्होंने महिलाओं, मजदूरों एवं अल्प संख्यक तथा पिछड़े वर्गो के लिए विशेष प्राविधान रखवाए। अध्यक्षता करते हुए पूर्व न्यायधीश ने कहा कि संविधान को छद्म रूप से खत्म करने के प्रयास भी चल रहे हैं।लोकतंत्र की रक्षा के लिए इसे हर कीमत पर बचा कर रखना होगा। एक स्वस्थ लोकतंत्र ही न्यायपूर्ण और समता मूलक समाज के लिए जरूरी होता है। आज के इस विचार गोष्ठी का सफल संचालन लेखक व शिक्षाविद व लेखक प्रोफेसर राजेश पाल ने किया।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने उपस्थित अतिथियों व लोगों का स्वागत किया और निकोलस हाॅफलैण्ड ने कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त किया।
सभागार में उपस्थित कई जिज्ञासु लोगों ने इस विषय पर अनेक सवाल जबाब भी किये। इस अवसर पर बिजू नेगी, जितेंद्र भारती, डॉ.धीरेन्द्रनाथ तिवारी, सुंदर सिंह बिष्ट,डॉ.विद्या सिंह, कल्पना बहुगुणा, समदर्शी बड़थ्वाल व रामशरण नुयाल सहित सभागार में कई सामाजिक चिंतक, शिक्षाविद, बुद्विजीवी, साहित्यकार, संस्कृति, कला व साहित्य प्रेमी, पुस्तकालय के सदस्य तथा युवा पाठक उपस्थित रहे।
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