पिथौरागढ़, जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया मुनस्यारी तथा धारचूला क्षेत्र की उपेक्षा तथा जिला पंचायत सदन की अवमानना के खिलाफ 3 अगस्त को जिला पंचायत सदन में धरना प्रदर्शन करने के लिए अपने फैसले पर अडिग है।
मर्तोलिया ने आज जिला पंचायत के अन्य सम्मानित सदस्यों से सहयोग हेतु संपर्क किया। उन्होंने कहा कि जिले के जिन छह विभागों ने क्षेत्र की समस्याओं तथा शिकायत के मामलों को 3 सालों से दबा के रखा है, उनके खिलाफ आंदोलन की गूंज देहरादून मुख्यमंत्री कार्यालय तक जाएगी। जिला पंचायत सदस्य जगत में जनपद के कुछ नौकरशाहों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाया है।
उन्होंने कहा कि सदन की अवमानना होते-होते जब सिर से पानी ऊपर निकल गया है तब जाकर आंदोलन का सहारा लिया गया है।
उन्होंने कहा कि जनपद में मुख्य शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला खाद्य आपूर्ति विभाग, वन विभाग, उत्तराखंड जल निगम, पर्यटन विभाग अलग-अलग मामलों में 3 साल से शिकायत एवं समस्याओं से के निराकरण की मांग की जा रही है। जिला पंचायत सदन में अधिकारी झूठ बोलकर सदन को गुमराह कर रहे है।
उन्होंने कहा कि आम जनता के सवालों को एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के द्वारा उठाए जाने के बाद भी समस्याओं का समाधान हो रहा है और ना ही शिकायतों पर अंतिम निर्णय लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद के नौकरशाह बेलगाम होकर कार्य कर रहे है।
इन पर विधायी व्यवस्था का कोई अंकुश नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदन की अवमानना की जा रही है, पंचायत को प्राप्त अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने सदन के सदन के सभी सदस्यों से व्यक्तिगत संपर्क कर सहयोग एवं समर्थन देने की अपील की।
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत पंचायती राज व्यवस्था में उच्च सदन है, इसका मान सम्मान रखना सदस्य होने के नाते सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सजन में धरना प्रदर्शन करने के बाद भी जिला पंचायत की अवमानना जारी रही तो वह देहरादून जाकर मुख्यमंत्री कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन करेंगे।
जिला पंचायत सदस्य द्वारा 6 विभागों के खिलाफ मोर्चा खोला गया है। उनसे संबंधित मांगे इस प्रकार है :
1- वन पंचायत सरमोली जैती में अवैध खड़ंजा, भवन तथा बिना अनुमति के गैर सीजन में हुए मेसर वन कौथिक के दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर।
2- निर्माणाधीन मुनस्यारी पेयजल योजना की जांच के बाद अंतरिम कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डालने पर।
3- वर्ष 2020 -21 के बूर्फू गल्ला गोदाम के ठेकेदार पर डीएम के आदेश के बाद भी अंतरिम कार्रवाई नहीं होने पर।
4- मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा तीन विकास खंडों के छात्र संख्या तथा तैनात शिक्षकों का डाटा उपलब्ध नहीं कराए जाने पर।
5- मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा एक वर्ष के भीतर डॉक्टर, स्टाफ नर्स, एएनएम की नव नियुक्ति का डाटा उपलब्ध नहीं कराने पर।
6- मदकोट तथा सेरा स्थित गंधक के जल स्रोत पर गौरीकुंड की तर्ज पर कुंड नहीं बनाए जाने पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर।
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