देहरादून, राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद क्षैतिज आरक्षण पर जल्द फैसला लेने और आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया को दोबारा से शुरू करने की मांग को लेकर आज सोमवार को राज्य आंदोलनकारियों ने सीएम आवास कूच किया। लगातार हो रही बारिश के कारण बहल चौक के निकट से जुलूस आरंभ किया गया। पुलिस ने केंट रोड़ पर ही जलूस को रोक दिया। इस दौरान सड़क पर ही सभा का आयोजन किया गया।
वहीं उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी आरक्षण सहित कई मांगों को लेकर पांच जून से देहरादून में शहीद स्मारक स्थल पर धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि बार बार आश्वासन के बावजूद उनकी प्रमुख मांग दस फीसद क्षैतिज आरक्षण को लेकर सरकार टालमटोल कर रही है। इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं, राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण को दोबारा से शुरू करने की मांग पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है |
चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने आज के संघर्ष को “संघर्ष पर्व” बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के बाद सरकार की कुंभकरणी नींद खुलेगी और जल्द से जल्द अध्यादेश के जरिये या विधानसभा के मॉनसून सत्र में प्रस्ताव पारित करके आंदोलनकारियों के सपने को पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि तब भी प्रस्ताव पारित नहीं हुआ तो वह आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इस मौके पर आप पार्टी के केंद्रीय समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने आंदोलनकारियों की मांगों का समर्थन किया और 10 फ़ीसदी आरक्षण पर राज्य सरकार की हिलाहवाली को लेकर निशाना साधा।
इस मौके पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र कुमार, संयुक्त आंदोलनकारी मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती, सह संयोजक अंबुज शर्मा, उत्तराखंड के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, रामलाल खंडूरी, प्रदीप कुकरेती, वीरेंद्र बजेगा, शांति, नवीन नैथानी, सत्या पोखरियाल, जबर सिंह पावेल, प्रमिला रावत आदि नेताओं ने भी विचार रखे |
माकपा एवं आरयूपी के नेता भी हुए शामिल :
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी ने भी सीएम आवास कूच में हिस्सेदारी निभाई। साथ ही आन्दोलनकारियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। इस अवसर पर माकपा के राज्य सचिव मण्डल के सदस्य सुरेन्द्र सिंह सजवात, देहरादून के सचिव अनन्त आकाश, हरिद्वार के सचिव महेंद्र जखमोला, जनवादी महिला समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, जिलाउपाध्यक्ष कुसुम नौडियाल, सयुंक्त सचिव अंजलि सेमवाल, सीटू के जिला महामंत्री लेखराज, राष्टीय उत्तराखण्ड पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवनीत गुसांई, उपाध्यक्ष वालेश वबानिया, विपुल नौटियाल, सुरेश कुमार रामपाल आदि शामिल रहे।
युवती से छेड़छाड़ व दहेज पीड़िता की खुदकुशी के मामले में महिला आयोग की अध्यक्षा ने जल्द कार्यवाही के दिए निर्देश
देहरादून के चक्कूवाला में एक मन्दिर में पुजारी द्वारा 14 वर्षीय युवती से छेड़छाड़ करने व डालनवाला क्षेत्र में एक युवती द्वारा दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा के चलते की गयी खुदकुशी के मामले में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने खबर मिलते ही स्वतः संज्ञान लिया है।
जानकारी के मुताबिक महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल को पता चला कि चक्कूवाला स्थित एक मन्दिर में किसी पुजारी द्वारा 14 वर्षीय युवती से छेड़छाड़ करते हुए उसके गाल पर काटा है और अभद्रता की है उन्होंने तत्काल इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए डीआईजी पी रेणुका से फोन पर वार्ता की और कहा कि यह बहुत ही संवेदनशील मामला है और अत्यंत शर्मनाक है उन्होंने कहा कि इस घटना में जांच होनी चाहिए तथा उस घटिया मानसिकता के व्यक्ति के विरुद्ध जल्द से जल्द कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। साथ ही राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने डालनवाला क्षेत्र में 2 दिन पूर्व एक पीड़िता द्वारा दहेज उत्पीड़न व घरेलू हिंसा से तंग आकर आत्महत्या के मामले में शीघ्रता से कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली कि आरोपी पक्ष स्वतंत्र घूम रहा है और मृतक पीड़िता का परिवार न्याय के लिए भटक रहा है ऐसे मामलों में तत्काल गिरफ्तारी और पूछताछ होनी चाहिए और आरोपी के विरुद्ध जांच करते हुए विभिन्न धाराओं में कड़ी कार्यवही की जानी चाहिए।
जिस पर डीआईजी पी रेणुका ने बताया कि मन्दिर में छेड़छाड़ करने वाले पुजारी पर पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है तथा डालनवाला क्षेत्र में आत्महत्या करने वाली पीड़िता के ससुराल पक्ष के आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा है कि किसी भी पीड़िता की आत्महत्या का कदम नही उठाना चाहिए यदि किसी महिला को इस प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा हो तो उसे उसकी शिकायत करनी चाहिए और उसके विरुद्ध कानूनी कदम उठाना चाहिए। राज्य की पुलिस ऐसी पीड़िताओं के लिए तत्काल उपलब्ध है, बशर्ते पीड़िता को 112 या आपातकाल के नंबरों में इन मामलों की सूचना अवश्य देनी चाहिए। और यदि इन मामलों में पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही की जाती तो उनकी शिकायत राज्य महिला आयोग में whatsapp (8126774374) और ईमेल ([email protected]) से भी कर सकती है। राज्य महिला आयोग प्रदेश की महिलाओं के हित में और पीड़िताओं के संरक्षण में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
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