मुंबई। कमजोर वैश्विक रुझान के बीच बीते सप्ताह के अंतिम दिन हुई मुनाफावसूली के दबाव में रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसलने के बावजूद आधे प्रतिशत से अधिक की तेजी पर रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम के साथ ही स्थानीय स्तर पर कंपनियों के पहली तिमाही के आने वाले नतीजे और जून की खुदरा और थोक महंगाई के आंकड़ों पर नजर रहेगी। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 561.89 अंक अर्थात 0.87 प्रतिशत की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 65280.45 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 142.75 अंक यानी 0.74 प्रतिशत उछलकर 19331.80 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों को तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी लिवाली का जोर रहा। इस सप्ताहांत पर मिडकैप 222.82 अंक की बढ़त लेकर 28999.02 अंक स्मॉलकैप 527.27 अंक मजबूत होकर 33129.44 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की आक्रामक लिवाली की बदौलत घरेलू शेयर बाजार बीते सप्ताह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा। हालांकि, कमजोर वैश्विक संकेतों, खासकर अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण सप्ताहांत पर मुनाफावसूली हुई। वैश्विक बाजार अमेरिका के 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड पर बारीकी से नजर रख रहा है, जो चार प्रतिशत के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया है। इस तेजी से पता चलता है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व निकट भविष्य में ब्याज दरों में और अधिक बढ़ोतरी कर सकता है। ऐसा होने से एफआईआई प्रवाह में नरमी आ सकती है, जिससे संभावित रूप से बाजार में मजबूती या सुधार हो सकता है।
अगले सप्ताह एचसीएल टेक, टीसीएस और विप्रो जैसी दिग्गज कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के परिणाम आने वाले हैं। इसके अलावा अगले सप्ताह जून का खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई तथा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े जारी होने वाले है और बाजार इस पर अपनी प्रतिक्रिया देगा। बाजार अमेरिकी आर्थिक संकेतक और कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव पर भी बारीकी से नजर रखेगा।
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