Sunday, November 24, 2024
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करोड़ों की सरकारी जमीन बेचने का मामला, चार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य बनते ही जमीन की खरीद फरोख्त में तेजी आयी है, लेकिन इस दौरान जमीन के इस खेल में भूमाफियाओं की सरकारी जमीनों पर गिद्द दृष्टि लगी रही जिसके कारण आये दिन जमीन खरीद फरोख्त की धोखा धड़ी के मामले समाचार पत्रों की सुर्खियां बन जाते हैं, ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां दून के जाखन में कोचर कालोनी से लगी करोड़ों की सरकारी जमीन बेचने के मामले में विजिलेंस ने होटल मधुबन के प्रबंध निदेशक सतपाल कोचर, उसकी पत्नी कृष्णा कोचर, सेवानिवृत्त लेखपाल तहसील सदर खुशाल सिंह राणा और सेवानिवृत्त लेखपाल एमडीडीए राजेंद्र डबराल के विरुद्ध आरोपपत्र विजिलेंस कोर्ट में दाखिल कर दिया है। कुछ दिन पूर्व विजिलेंस ने आरोपपत्र अभियोजन स्वीकृति के लिए शासन को भेजा था। अभियोजन स्वीकृति के बाद शनिवार को आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया गया। शासन के आदेश पर विजिलेंस ने आरोपित सतपाल कोचर और उनकी पत्नी कृष्णा कोचर सहित अज्ञात तत्कालीन राजस्व विभाग, नगर निगम, एमडीडीए में अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ 30 जून 2022 को मुकदमा दर्ज किया था।

विवेचना में सामने आया कि कोचर दंपती ने करीब 25 वर्ष पहले जाखन में काश्तकारों से करीब 30 बीघा जमीन खरीदी और प्लाटिंग कर कोचर कालोनी बनाई। दंपती ने प्लाट तो बेच दिए, लेकिन प्लाटिंग के वक्त जो रास्ता बनाया था, वह दंपती के नाम पर ही रहा। इसके बाद में कोचर दंपती ने रास्ते वाली जमीन को भी अलग-अलग व्यक्तियों को बेच दिया। इन व्यक्तियों को दंपती ने रास्ते की जमीन के बजाय आसपास की करीब साढ़े 11 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा दे दिया। इस भूमि पर 18 भवन बने हैं, जिनके भू-स्वामियों के पास बैनामे सतपाल कोचर व कृष्णा कोचर के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि से संबंधित पाए गए।

इस तरह आरोपितों ने तत्कालीन राजस्व, नगर निगम और एमडीडीए के कर्मियों के साथ साठगांठ कर सरकारी जमीन बेचकर करोड़ों रुपये कमाए। तत्कालीन लेखपाल खुशाल सिंह राणा और और राजेंद्र डबराल ने जमीन का दाखिल खारिज किया था। मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई जांच तो खुली परतें अवैध कब्जे का यह मामला करीब 25 साल पुराना बताया जा रहा है, लेकिन इसकी परतें तब खुली जब बीते दिनों यह मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डा. एसएस संधु के संज्ञान में आया। सरकार ने मामले की जांच जिला प्रशासन को दी। एसडीएम ने जांच की और जून में पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजी। इसमें होटल व्यवसायी सतपाल कोचर और उनकी पत्नी कृष्णा को सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर भूमि पर अवैध कब्जा कराने का आरोपित बताया गया |

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