Sunday, November 24, 2024
HomeTrending Nowत्रि-दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल का समापन, अंतिम दिन चार फिल्में की गयी...

त्रि-दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल का समापन, अंतिम दिन चार फिल्में की गयी प्रदर्शित

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में आयोजित त्रि-दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल के तीसरे दिन समापन हो गया, समापन के अंतिम दिन दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र और डॉ. द्विजेन सेन मेमोरियल कला केंद्र व सिनेमामार्ग फिल्म क्लब देहरादून की ओर से दर्शकों को चार फिल्में दिखाई गईं। सभागार में दर्शकों की अच्छी खासी उपस्थिति रही। दर्शकों ने इन फ़िल्मों को तन्मयता से देखा। फ़िल्म शुरू होने से पूर्व फ़िल्म निर्देशक यूसुफ सईद व सामाजिक विचारक बिजू नेगी ने फिल्मों का परिचय व कथानक की जानकारी दी। प्रारम्भ में स्वागत परिचय चंद्रशेखर तिवारी ने दिया |

अंतिम दिन प्रदर्शित हुई चार फिल्में :

माउंटेन फिल्म महोत्सव में आज सबसे पहले निर्देशक करिश्मा देव दूबे की फ़िल्म ‘बिट्टू’ (17 मिनट की अवधि) दिखाई गई, फ़िल्म की कहानी दो घनिष्ठ सहेलियों पर केंद्रित हैं। किसी स्कूल में विषाक्तता की एक दुर्घटना से उनकी दोस्ती पर ग्रहण लग जाता है। यह फिल्म ऑस्कर पुरुस्कार के लिए नामित हुई थी।
‘किनीबुडी’ शीर्षक से एक लघु फ़िल्म 14 मिनट की दिखाई गई। इसे डैनी कुक, फिलीपीन्स ने निर्देशित किया है। औद्योगिक खेती व हैयान तूफान की मार झेलते नारियल किसानों के जीवन संघर्ष की कहानी को बड़ी बेबाकी से फ़िल्म दिखाती है।
एक अन्य फ़िल्म एन ऑबजेक्ट एट् रेस्ट 6 मिनट की एनीमेशन फिल्म जो सेठ बॉयडेन, संयुक्त राज्य द्वारा निर्देशित है उसे दिखाया गया। यह फ़िल्म एक प्रतिद्वंदी मानव सभ्यता का सामना करती हुई दिखाई है।
अंत में निर्देशक सुव्रत कुमार साहू, की ‘हो गई है पीर पर्वत की’ जो कुल111 मिनट की थी उसे दिखाया गया। यह वृत चित्र सतलज घाटी पर केंद्रित है । जलविद्युत निर्माण विकास का गहन दुष्प्रभाव स्थानीय लोगों और वहां के पर्यावरण पर कितना गहन पड़ रहा है उसे यह वृतचित्र बखूबी से उजागर करता है।
इस फिल्म के प्रदर्शन के पर्यावरणविद डॉ.रवि चोपड़ा ने फ़िल्म निर्देशक सुब्रत कुमार साहू से बात भी की।
फ़िल्म प्रदर्शन के बाद फ़िल्म के कथानक व अन्य बिंदुओं पर दर्शकों द्वारा जबाब-सवाल भी किये। अंत में फ़िल्म क्लब के अभ्यर्थियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गए।
फ़िल्म प्रदर्शन के दौरान कर्नल दुग्गल डॉ. सविता मोहन,अनिल नौरिया, सुरेश उनियाल, प्रेम पंचोली, बिजू नेगी, चन्द्रशेखर तिवारी, अरुण असफल, मनीष ओली, सुंदर सिंह बिष्ट, रामलाल, जे बी गोयल साहित्यकार,लेखक व फ़िल्म प्रेमी और युवा पाठक उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments