देहरादून, तीन दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र और डॉ. द्विजेन सेन मेमोरियल कला केंद्र व सिनेमामार्ग फिल्म क्लब देहरादून की ओर से आज तीन फिल्में प्रदर्शित की गईं। खचाखच भरे सभागार में दर्शकों ने इन फ़िल्मों का खूब आनन्द उठाया। फ़िल्म शुरू होने से पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया। फ़िल्म निर्देशक यूसुफ सईद व सामाजिक विचारक बिजू नेगी ने फिल्मों का परिचय व कथानक की जानकारी दी |
पहली फ़िल्म पिंटी का साबुन दिखाई गई। ‘पिन्टी का साबुन‘, का साबुन इसी नाम के उपन्यास पर आधारित, उत्तराखंड के एक गाँव में रहने वाले एक 12 साल के लापरवाह लड़के ललित की कहानी है, जिसके मन में पिंकी के साबुन की खुश्बू मन के भीतर तक पैठ जाती है। 85 मिनट की अवधि की यह बेहतरीन फ़िल्म खुशबूदार साबुन के मोहपाश में बंधे ललित जैसे अनेक बच्चों के बाल मनोविज्ञान को भी बखूबी से दर्शाने का प्रयास करती है।
दूसरी फिल्म ‘सम थिंग‘,निर्देशक, ऐलेना वाॅल्फ (जर्मनी) 7 मिनट की प्रदर्शित की गई। दरसल यह एक एनिमेटेड लघु फिल्म है जो तीन विशाल बड़े पहाड़ों के बारे में है जहां तेल, सोना और आग के बीच एक छोटा सा पहाड़ है।
अंत में ‘स्प्रिंग,समर फाॅल, विन्टर एण्ड स्प्रिंग‘, निर्देशक, किम की-डुक (दक्षिण कोरिया) 102 मिनट की अवधि की यह फिल्म एक लड़के के बारे में है जो एक बौद्ध भिक्षु द्वारा एकान्त जगह में तैरते मंदिर में पला-बढ़ा है, जहां साल मौसम की तरह बीतते रहते हैं,।
फ़िल्म प्रदर्शन के बाद फ़िल्म के कथानक व अन्य बिंदुओं पर दर्शकों द्वारा जबाब-सवाल भी किये।
इस अवसर पर फ़िल्म अभिनेता मदन डुकलान, गोविंद कपतियाल, कमला पन्त, डॉ. सविता मोहन, सुरेश उनियाल, बिजू नेगी, तन्मय ममगाईं, अतुल शर्मा,चन्द्रशेखर तिवारी, सुरेंद्र सजवाण, मनमोहन चड्ढा, सुंदर बिष्ट, सुमन भारद्वाज, डॉ.धीरेन्द्रनाथ तिवारी, रामचन्द्र जुयाल, विनोद सकलानी सहित अनेक साहित्यकार,लेखक व फ़िल्म प्रेमी और युवा पाठक उपस्थित थे।
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