भाजपा के पास राज्य में जनता के हिसाब के लिए कोई जवाब नहीं इसलिए खेला जा रहा ध्रुवीकरण का खेल : सूर्यकांत धस्माना
‘मुख्यमंत्री बताएं कांग्रेस राज में बने भू कानून को किसने किया समाप्त’
‘डेमोग्राफी चेंज के लिए भाजपा ही सबसे बड़ी दोषी’
देहरादून, शुक्रवार को केदारनाथ दौरे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के डेमोग्राफी चेंज के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश की सामाजिक संरचना के परिवर्तन के लिए उल्टा भारतीय जनता पार्टी की त्रिवेंद्र सरकार को ही दोषी ठहरा दिया। साथ ही कहा कि अगर राज्य में किसी भी प्रकार का जेहाद हो रहा है तो सरकार की खुफिया एजेंसियां क्या घास काटने के लिए रक्खी हुई हैं वो कार्यवाही क्यों नहीं करती ? मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे राज्य में अमन शांति के लिए अपनी पार्टी के लोगों को संयमित भाषा में बयान देने के लिए प्रेरित करें और राज्य को मणिपुर न बनने दें।
अपने कैम्प कार्यलय में प्रेस से बातचीत करते हुए श्री धस्माना ने कहा कि तिवारी सरकार ने सख्त भू कानून बना कर राज्य से बाहर के लोगों पर भूमि खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था और नगरीय सीमा में केवल 250 गज भूमि की अनुमति थी किंतु 2017 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद जब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इन्वेस्टर मीट की तो निवेश का बहाना बना कर असीमित भूमि खरीद व उसके किसी भी प्रकार के भू उपयोग की छूट दे दी और उसके लिए अनुमति की अनिवार्यता समाप्त कर दी। श्री धस्माना ने कहा कि इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए धामी सरकार ने तो भू उपयोग के विपरीत किसी भी कार्य के लिए भूमि उपयोग की छूट कर दी जिसका परिणाम यह हुआ कि बाहरी राज्यों के धनपशुओं ने राज्य की अधिकांश कृषि भूमि औने पौने दामों में खरीद ली और पहाड़ों में अपने ऐशगाह और होटल रेसोर्ट बनाने के काम शुरू कर दिए और उनमें काम करने वाले भी बाहर से लाये जा रहे हैं जिसके कारण डेमोग्राफी परिवर्तित हो रही है।
श्री धस्माना ने कहा कि आज उत्तराखंड की सरकार को छह वर्ष से अधिक समय सत्ता में काबिज हुए बीत चुका है किंतु जनता से किये गए तमाम वादों के हिसाब का कोई जवाब भाजपा सरकार व भाजपा के पास नहीं है इसलिए अब उनके पास एक ही हथियार बचा है धार्मिक ध्रुवीकरण और इसीलिए प्रदेश में जानबूझ कर लैंड जिहाद और लव जिहाद जैसे बेमतलब के मुद्दे बनाये जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि केदारनाथ में मुख्यमंत्री द्वारा गया बयान भी उसी कड़ी का हिस्सा है।
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