देहरादून, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को सचिवालय में भारत सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के तहत दिए जाने वाले फंड की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल के माध्यम से योजनाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2022-23 के कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) शीघ्र जमा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उनकी प्रगति को लगातार पोर्टल पर अपलोड किया जाए।
मुख्य सचिव ने वर्ष 2023-24 के लिए भी शीघ्र प्रस्ताव, डीपीआर आदि समय पर जमा कराए जाने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने के लिए लगातार योजनाओं का अनुश्रवण किया जाए। कार्यों के विभिन्न चरणों के लिए समयसीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि जो कार्य हो चुके हैं, उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र अवश्य अपलोड किए जाएं।
इस अवसर पर सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम, श्री शैलेश बगोली, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी.पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं अपर सचिव नियोजन श्री रोहित मीणा एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में प्रयुक्त वाद्य यंत्रों पर दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में हुआ वीडियो व्याख्यान
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से संस्थान के सभागार में गुरूवार को पाश्चात्य एवं हिन्दुस्तानी संगीत के जानकार श्री निकोलस हाॅफलैण्ड द्वारा अपराह्न ‘‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में प्रयुक्त वाद्य यंत्रों के भाग-2 पर एक वीडियो व्याख्यान दिया गया।
अपने व्याख्यान में निकोलस ने बताया कि प्रस्तुत व्याख्यान के माध्यम से वह लोगों ख़ासकर किशोरवय और युवा वर्ग को हिन्दुस्तानी शास्त्रीय, पश्चिमी शास्त्रीय और अन्य संगीत रूपों का प्रारंभिक परिचय देने का प्रयास कर रहे हैं ताकि ये लोग हिन्दुस्तानी और विश्व संगीत के विभिन्न पक्षों का आनंद ले सकें। कुल मिलाकर इस वीडियो व्याख्यान से निकोलस ने सभागार में उपस्थित दर्शकों को हिंदुस्तानी, कर्नाटक, ध्रुपद, लोक और फिल्म संगीत में इस्तेमाल होने वाले वाद्य यंत्रों की विभिन्न श्रेणियों से रूबरू कराने की कोशिस की है।
उल्लेखनीय है कि निकोलस द्वारा इस तरह के विडियो व्याख्यान समय-समय पर विविध मंचो पर आयोजित किये जाते रहे हैं। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत, पुराने हिन्दी फिल्मी संगीत के विविध रंगों की शानदार झलक उनके व्याख्यानों में नज़र आती है।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. अतुल शर्मा, दीवान बोरा, सुंदर बिष्ट, रामचरण जुयाल, सहित संगीत और कला में रूचि रखने वाले प्रबुद्वजन, पुस्तकालय के युवा पाठक, साहित्यकार व अनेक लोग उपस्थित रहे।
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