ऋषिकेश, ऋषिकेश में हुए अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक महोत्सव मेॅ महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति रजनीश शुक्ला ने डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को विश्वविद्यालय की ओर से डी0लिट0 की उपाधि उत्तराखंड के राज्यपाल महामहिम ले.ज. सेवानिवृत्त गुरमीत सिंह, स्वामी चिदानंद मुनि जी के कर कमलों द्वारा प्रदान की साथ ही उनके द्वारा किए गए राष्ट्रहित साहित्य का भी विवरण प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है यह उपाधि डॉ निशंक को राष्ट्रपति और शिक्षा मंत्रालय के अनुमोदन पश्चात दी गई है। ज्ञातव्य है कि डॉ निशंक का रचना संसार की यात्रा पर निरंतर चल रही 108 रविवासरीय वेबीनार विचार गोष्ठी आयोजन पर बुक ऑफ़ रिकॉर्ड एवं हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा कीर्तिमान बनाने पर सम्मानित किया गया । विश्व में यह पहली बार हुआ है जब एक साहित्यकार की 108 पुस्तकों पर अनवरत रविवारीय वार्ता का इतना लम्बा निर्बाध क्रम चला हो.
सेवानिवृत्त ले.ज. गुरमीत सिंह, राज्यपाल, उत्तराखंड ने अपने उद्बोधन में डॉ निशंक की सृजन यात्रा एवं उनकी रचना संसार पर निरंतर चली आ रही व्याख्यान मालाओं के विश्व रिकॉर्ड बनने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनकी इस अमूल्य धरोहर भारतीय दर्शन साहित्य, संस्कृति व विभिन्न विषयों पर रचित साहित्य को आयोजित सम्मेलन के माध्यम से सभी नवयुवकों, शोधार्थियों को साहित्य सृजन के लिए महत्वपूर्ण बताया । महामहिम ने शब्द की महिमा, इसकी शक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान, विज्ञान, संस्कृति, राष्ट्रीय जीवन से जोड़ते हुए शब्द के महत्व पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए साहित्य सृजन व पर्यावरण पर कार्य करने के लिए देशवासियों का आवाहन किया।
इस अवसर पर कुलपति डॉ रजनीश शुक्ल ने यह घोषणा की आगामी वर्ष से प्रतिवर्ष लेखक गाँव के संयोजन से अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक सम्मलेन का आयोजन किया जायेगा।
डा निशंक ने डी.लिट् की उपाधि से सम्मानित किये जाने पर भारत के राष्ट्रपति, देश के शिक्षा मंत्रालय एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रति आभार प्रकट किया, विशिष्ट सम्मान को अत्यंत विनम्रता पूर्वक स्वीकार करते हुए, डॉ निशंक ने इसे अपने पाठकों को समर्पित किया।
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