देहरादून, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स- उत्तराखंड स्टेट चैप्टर के सदस्यों की आज हडको क्षेत्रीय कार्यालय, राजपुर रोड, देहरादून में बैठक हुई जिसमें देहरादून में विरासत संरक्षण(हेरिटेज कंजर्वेशन) (आर्किटेक्ट मौलश्री मिश्रा )एवं पहाड़ी क्षेत्र की बस्तियों से पलायन की चुनौती से निपटने की रणनीतियाँ- ‘अद्भुत उत्तराखंड’ शीर्षक पर जसकीरत सिंह द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया ।
एमडीडीए के जीआईएस आधारित देहरादून मास्टर प्लान- 2041 पर सार्वजनिक परामर्श पर खुला सत्र रखा गया ।इस चर्चा में ईकोग्रुप से आशीष गर्ग, एसडीजी फाउंडेशन से अनूप नौटियाल और इंजी. आनंद शंकर, सहायक अभियंता, मुख्यालय- नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग उत्तराखंड,
सदस्यों ने आने वाली पीढ़ियों के लिए देहरादून की ‘पहचान’ (प्राकृतिक और निर्मित विरासत) के संरक्षण के लिए नई रणनीतियों की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया।
आर्किटेक्ट्स को जीआईएस आधारित देहरादून मास्टर प्लान पर सार्वजनिक परामर्श में भाग लेने और शहर के निवासियों के लिए ‘जीवन की गुणवत्ता’ में समग्र सुधार के लिए सुझाव देने के लिए भी आमंत्रित किया गया था।
1917 में स्थापित, 105+ वर्षों के इतिहास के साथ, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स (IIA), 25000+ आर्किटेक्ट्स (PAN India) की सदस्यता के साथ, भारत में आर्किटेक्ट्स का सबसे पुराना प्रोफेशनल एसोसिएशन है। 2019 में गठित, IIA का उत्तराखंड स्टेट चैप्टर (UKC) इसका 23वां स्टेट चैप्टर है और इसमें उत्तराखंड के सभी 13 जिलों से 200+ सदस्य आर्किटेक्ट हैं। आईआईए यूकेसी उत्तराखंड आर्किटेक्ट्स को पैन-इंडिया स्तर पर बातचीत/सहयोग/नेटवर्क के लिए मंच प्रदान करता है।
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