देहरादून, उत्तराखंड की 1130 वीर नारियां और वीरता पुरस्कार पाने वाले 1727 सैनिक एवं पूर्व सैनिक उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में आज से मुफ्त सफर कर सकेंगे। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र कुमार चौधरी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, वीरता पुरस्कार पाने वाले भारतीय सैनिकों और उनकी वीरांगनाएं परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगी। इस पर जो खर्च आएगा
नियमानुसार उसका भुगतान एवं प्रतिपूर्ति सैनिक कल्याण विभाग की ओर से परिवहन निगम को किया जाएगा।
आदेश में कहा गया है कि बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा शासनादेश जारी होने की तिथि से दी जाएगी। निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग को दिए आदेश में कहा गया है कि सैनिक कल्याण विभाग के आय-व्यय में नई मांग के माध्यम से बजट व्यवस्था कराने के लिए समय से प्रस्ताव तैयार कर इसे शासन को उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश में सबसे अधिक 203 वीर नारियां (युद्ध विधवा) पिथौरागढ़ जिले में हैं।
इसमें 185 वीर नारियां देश के लिए शहीद हुए सैनिकों, 17 जेसीओ और एक शहीद सैन्य अधिकारी की पत्नी है। इसके अलावा अल्मोड़ा में 82, बागेश्वर में 97, चंपावत में 32, चमोली में 115, देहरादून में 143, हरिद्वार में 13, लैंसडाउन में 150, नैनीताल में 69, पौड़ी में 70, रुद्रप्रयाग में 43, टिहरी में 63, ऊधमसिंह नगर में 40, उत्तरकाशी में 10 वीर नारियां हैं। उत्तराखंड में देश की सुरक्षा के लिए अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले वीर जवानों की कमी नहीं है। राज्य में 1727 सैनिकों और पूर्व सैनिकों को महावीर चक्र, वीर चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, सेना मेडल आदि विभिन्न वीरता पुरस्कार मिले हैं।
ब्रैकिंग : गौला खनन संघर्ष समिति का 91वें दिनों बाद धरना समाप्त
(मुन्ना अंसारी)
लालकुआं, गौला खनन संघर्ष समिति का संघर्ष 91वें दिनों के बाद धरनॎ समाप्त हो गया, आखिरकार स्टोन क्रेशर स्वामियों और वाहन स्वामियों में रेट को लेकर बनी सहमति, तहसीलदार ने जूस पिलाकर धरना प्रदर्शन को समाप्त कराया ।
गौरतलब है कि पिछले 91वें दिनों से गौला संघर्ष समिति के बैनर तले वाहन स्वामियों ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रारंभ किया था जिसके बाद सरकार और प्रशासन के साथ हुई वार्ता के बाद कई मुद्दों पर संघर्ष समिति की मांगों को माना जा चुका है।
गौला खनन संघर्ष समिति की मुख्य मांग रॉयल्टी को लेकर थी उसमें भी सरकार ने रॉयल्टी की दर कम करते हुए वाहन स्वामियों की मांगों को मानते हुए रॉयल्टी की दर कम की, वहीं वाहनों के फिटनेस और अन्य मुद्दों को लेकर भी वार्ता कर समझौता हो गया | यही नहीं सही मामले में हाईकोर्ट की मदद से भी ओवरलोड के मुद्दे को सुलझा लिया गया था । परंतु स्टोन क्रेशर एसोसिएशन द्वारा दरों को लेकर मामला बढ़ता ही जा रहा था जिसके बाद प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार 91 दिनों के संघर्ष के बाद आज स्टोन क्रेशर संचालको और वाहन स्वामियों के बीच समझौता हो गया | जिसके बाद लालकुआँ तहसीलदार सचिन कुमार ने धरना स्थल पर पहुँचकर आंदोलनरत वाहन स्वामियों को जूस पिलाकर धरना समाप्त कराया ।
Recent Comments