ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में कार्यरत ठेका सुरक्षा कर्मियों को 28 फरवरी के बाद सेवा समाप्ति का नोटिस जारी होने पर हंगामा हो गया। आक्रोशित कर्मचारियों ने संस्थान परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और निदेशक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। हंगामा देख एम्स में अफसरों के हाथ-पैर फूल गए। आनन-फानन में पुलिस को बुलाना पड़ा। वहीं, मौके पर सामाजिक और छात्र संगठन से जुड़े नेताओं ने भी सुरक्षा कर्मियों के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। सोमवार को सेवा समाप्ति के नोटिस से भड़के ठेका सुरक्षा कर्मी एम्स गेट नंबर 2 पर एकत्रित हुए। यहां एम्स संस्थान और ठेका एजेंसी प्रिंसीपल सिक्योरिटी कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की। यहां से जुलूस की शक्ल में एम्स निदेशक कार्यालय के समक्ष पहुंचे और सेवा पूर्व की तरह सुचारु रखने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। आक्रोशित कर्मियों के हंगामे से एम्स प्रशासन में खलबली मच गई। लिहाजा सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा। ऋषिकेश कोतवाल केएस पांडेय और रानीपोखरी थाना प्रभारी शिशुपाल सिंह राणा अधीनस्थों के साथ मौके पर पहुंचे और धरने पर डटे ठेका सुरक्षा कर्मियों को शांत कराने का प्रयास किया। लेकिन ठेका कर्मी सेवा समाप्त नहीं करने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान पुलिस की एम्स प्रशासन से वार्ता हुई, लेकिन बेनतीजा रही। धरना प्रदर्शन में सोनू कुमार, राकेश कुमार, मुकेश मिश्रा, अरविंद, सोनू शर्मा, अंकित चौहान, राहुल पाल, सुंदर लाल भट्ट, राहुल शर्मा, लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, संदीप राणा, उदय सिंह, अजय कुमार, इंद्र बहादुर, लक्ष्मी कश्यप, रेखा ठाकुर आदि मौजूद रहे।
सरकार की सख्ती आहत बेरोजगार युवा : पहले लाठी खाई और अब धरना प्रदर्शन किया तो दर्ज हुआ मुकदमा
देहरादून, प्रदेश की राजधानी में बीते कुछ दिन पहले बेरोजगारों पर लाठीचार्ज के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों पर सख्ती शुरू कर दी है। सरकार के इस रूख से युवा आक्रोशित हैं, क्या अपने प्रदेश रोजगार पाने के लिये धरना प्रदर्शन करना गुनाह है, एक के बार एक पेपर लीक मामले सामने आने से बेरोजगारों के साथ उनके अभिभावक भी आहत हैं, इधर कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक पर धरने पर डटे उत्तराखंड बेरोजगार संघ से जुड़े युवाओं पर पुलिस और प्रशासन ने मुकदमा दर्ज किया है। इनपर बिना अनुमति धरने देने और धारा-144 के उल्लंघन का आरोप है।
पुलिस दरोगा विवेक कुमार राठी की तहरीर पर देहरादून कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक में धरने पर बैठे उत्तराखंड बेरोजगार संघ के सदस्य जसपाल ग्राम टयूटार त्यूणी, अंकित नेगी ग्राम डाबरा कालसी, अनिल सिह समोग थाना चकराता, सुरेश सिह ग्राम डोब हिंडोलाखाल, समेत अन्य 50-60 सदस्यों पर मुकदमा दर्ज किया है।
इसमें कहा गया कि देहरादून के समस्त शहरी क्षेत्र में धारा-144 लागू है। धारा 144 के अनुपालन में शहीद स्मारक कचहरी परिसर देहरादून में धरना पर बैठे करीब सभी प्रदर्शनकारीयों को बार-बार धारा 144 के लागू होने के संबंध में बताया गया, परंतु उक्त लोगों द्वारा इसका पालन नहीं किया गया। राज्य सरकार के विरोध में नारेबाजी की। बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थान पर एकत्र होकर विधि विरूद्व जमावकर राज्य सरकार के दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने को 188 भादवि के तहत अपराध बताया है।
वहीं पुलिस ने अंदर शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे युवाओं की रविवार को वीडियोग्राफी कराई। इस दौरान उनके नाम और पते भी दर्ज किए गए। दिनभर धरना स्थल पर भारी पुलिसफोर्स को लेकर यह चर्चा चलती रही कि पुलिस युवाओं को किसी भी वक्त उठा सकती है। हालांकि रात तक युवा शहीद स्मारक पर डटे हुए थे।
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