चमोली (जोशीमठ), भू-धंसाव से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद मीडिया से बातचीत में महाराज ने कहा कि भू-धंसाव से कई आवासीय भवनों में दरारें आने से असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 20 साल पहले जब मैं जोशीमठ आता था तो इस बात की चर्चा होती थी कि जोशीमठ धंस रहा है। बहुमंजिला भवन बनाए गए हैं। ये भवन किसकी अनुमति पर बने हैं, इसकी जांच की जाएगी।
महाराज ने कहा कि केंद्रीय गृह व रक्षा मंत्री को पत्र भेज कर जोशीमठ में सेना और आईटीबीपी के कैंप में सीवरेज सिस्टम बनाने का आग्रह किया जाएगा। आपदा से प्रभावित परिवारों को क्षति का आकलन के बाद भी सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार आपदा से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरा विश्वास दिलाया है कि वह प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करेंगे। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बृहस्पतिवार को जोशीमठ में राहत शिविरों का निरीक्षण किया और प्रभावितों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों की यहां जरूरत है सिर्फ वही जोशीमठ में रुकें। अनावश्यक कमरे न घेरें, जिससे प्रभावित परिवारों को कमरे मिल सकें।
सतपाल महाराज ने जोशीमठ की स्थिति का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन पर स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जोशीमठ की खबरें मीडिया में आने से अधिकांश पर्यटक उत्तराखंड के अन्य जगह की भी बुकिंग रद्द कर रहे हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि जोशीमठ को छोड़कर पूरा उत्तराखंड सुरक्षित है। सरकार औली में शीतकालीन खेलों को संपन्न कराने का भी प्रयास करेगी।
वहीं कैबिनेट मंत्री ने मनोहर बाग, गांधी नगर, नृसिंह मंदिर, जेपी कॉलोनी सहित अन्य जगह पर प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे और जल्द ही इस आपदा से उभरेंगे। मंत्री ने प्रभावितों से सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने ध्वस्त किए जा रहे होटलों और लोनिवि के गेस्ट हाउस का भी निरीक्षण किया। इस दौरान पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, देवाल के ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष गजेंद्र रावत के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।
प्रभावितों ने की शिकायत- एनटीपीसी परियोजना की सुरंग में हो रही ब्लास्टिंग
जोशीमठ भू-धंसाव के बाद सरकार ने एनटीपीसी की जलविद्युत परियोजना समेत सभी निर्माण कार्यों पर लगाई है। प्रभावितों की मानें तो परियोजना की सुरंग में ब्लास्टिंग की जा रही है। बृहस्पतिवार को जोशीमठ प्रभावितों क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंचे कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से प्रभावित लोगों ने ब्लास्टिंग करने की शिकायत की है।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने जोशीमठ शहर के सिंहधार, नृपसिंह मंदिर, गांधीनगर, जेपी कॉलोनी (मारवाड़ी) आदि स्थानों में भू-धंसाव की जद में आए मकानों का निरीक्षण किया। इसके बाद नगर पालिका और गुरुद्वारे में चल रहे राहत शिविरों की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान प्रभावित परिवारों ने महाराज को अवगत कराया कि एनटीपीसी परियोजना की सुरंग में आपदा के बाद भी काम चल रहा है। आज भी सुरंग के अंदर ब्लास्टिंग की जा रही है। इस पर महाराज ने मुख्यमंत्री से दूरभाष पर बात कर प्रभावितों की शिकायतों से अवगत कराया।
महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाए। साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी अनावश्यक रूप से जोशीमठ में कमरे न घेरे। जिन अफसरों की आवश्यकता है, वही रुकें। इससे प्रभावित परिवारों को अस्थायी विस्थापन के लिए कमरे उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रभावितों को 50-50 हजार रुपये की तत्काल सहायता दी गई है। क्षति का आंकलन करने के बाद सरकार पूरी मदद करेगी।
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