देहरादून, दिल्ली में अंकिता हत्याकांड़ और अपराधियों को कठोर सजा की मांग को लेकर सैकड़ों उत्तराखंडी सड़कों पर उतरे, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर आयोजित उत्तराखंड बंद को सफल बनाए जाने पर बधाई दी है । धीरेंद्र प्रताप आज दिल्ली के जंतर मंतर पर उत्तराखंड बंद के अवसर पर आयोजित काला दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे ।
धीरेंद्र प्रताप ने इस मौके पर साफ कहा “उत्तराखंडी मर जाएंगे मिट जाएंगे लेकिन उत्तराखंड को थाईलैंड नहीं बनने देंगे ।” उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की और मुजफ्फरनगर कांड के 28 साल बाद भी दोषियों को सजा ना मिलने के लिए राज्य के राजनीतिक दलों को दोषी ठहराया ।उन्होंने कहा राजनीतिक नेताओं की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण और देश की लचर कानून व्यवस्था के कारण 28 साल बाद भी मुजफ्फरनगर कांड के दोषी छुट्टा घूम रहे हैं ।उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार के कार्यकाल में नैतिकता के आधार पर संस्कृति विकसित ना किए जाने के स्थान पर “मसाज कल्चर ” को बढ़ावा दिए जाने का भाजपा पर आरोप लगाया ।
उन्होंने कहा उत्तराखंड देवभूमि रहा है लेकिन आज माताओं के साथ जो व्यवहार हो रहा है उसे यह “राक्षस भूमि” बनता जा रहा है ।उन्होंने उत्तराखंडियो का आह्वान किया अच्छे चरित्र वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं को आगे लाएं और टिकट खरीदकर जो लोग चुनाव लड़ते हैं। उनका बहिष्कार करें। जो लोग दो दो करोड रुपए लेकर टिकट खरीदते है वे कल ₹200000000 कमाने के लिए गंदे से गंदा गंदा काम करके अपना पैसा वसूलना चाहेंगे,इसमें क्या कोई शक है। उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड में लिप्त राजनेताओं का पर्दाफाश किए जाने की मांग की और उन्हें दंडित किए जाने की मांग की ।
राज्य आंदोलनकारी खुशहाल सिंह बिष्ट के संचालन में हुई जंतर मंतर की सभा को हरिपाल रावत, प्रताप शाही ,रामप्रसाद भदूला ,रोशनी चमोली, प्रेमा धोनी, दीपिका नयाल, बिट्टू उपरेती ,दाताराम चमोली प्रताप थलवाल, हरीश अवस्थी, मनमोहन शाह, सत्येंद्र रावत, कुशाल जीना, हीरो बिष्ट, नारायण सिंह गुसाईं, व्योमेश जुगरान, डॉक्टर एसएन बसलियाल, किशोर रावत, बृज मोहन सेमवाल दिनकर फर्त्याल समेत अनेक राज्य आंदोलनकारियों ने इस मौके पर भाजपा सरकार में हो रहे भर्ती घोटाला महंगाई बेरोजगारी और कानून व्यवस्था को निशाना बनाते हुए सरकार की विफलता का जिक्र किया और अंकिता अंकिता भंडारी की जघन्य हत्या के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिए जाने की मांग की उन्होंने मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को 28 साल बाद भी सजा ना मिलने पर रोष जताया और उत्तराखंड बंद को राज्य की एक करोड़ जनता की अभिव्यक्ति की आवाज बताया। उन्होंने इस मौके पर सरकार विरोधी नारे लगाए।
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