देहरादून, प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पेपर लीक मामले में बेरोजगारों के निशाने पर है, जिससे सरकार की किरकिरी हो रही है, सूत्रों की बात मानें, पार्टी हाईकमान की हामी के बाद सीएम धामी कुछ बड़ा एक्शन ले सकते हैं और कुछ कैबिनेट मंत्रियों की जगह नए चेहरे को मौका दे सकते हैं। उत्तराखंड में सत्ता के गलियारों में सियासी हलचल फिर बढ़ गई है। माना जा रहा है भाजपा हाईकमान, उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर सकता है। सीएम को सोमवार को कुमाऊं दौरे के बाद दून लौटना था पर वे दिल्ली रवाना हो गए। मंगलवार को वे दिल्ली में भाजपा मुख्यालय गए। यहां उन्होंने राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी से भेंट की। सीएम के पार्टी मुख्यालय में पहुंचने के साथ ही दून में कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। हालांकि पार्टी मुख्यालय में जब मुख्यमंत्री से कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछा गया तो वह इस प्रश्न को टाल गए। जबसे ये विवाद खड़े हुए हैं, तब से मंत्रियों के साथ ही भाजपा विधायकों व वरिष्ठ नेताओं के दिल्ली दौरे भी बढ़े हैं। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, धन सिंह रावत के साथ ही विधायक विनोद चमोली, खजान दास, दिलीप रावत आदि भी दिल्ली होकर आ चुके हैं। हालांकि, मंत्रियों के दिल्ली में पूर्व के प्रस्तावित कार्यक्रम थे। इस बीच, विधानसभा की विवादित भर्तियों को लेकर गठित एक्सपर्ट कमेटी विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को अंतरिम जांच रिपोर्ट सौंप चुकी है।
संभावना जताई जा रही है कि पितृ पक्ष के बाद नवरात्र पर्व के आसपास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल का विस्तार या उसमें फेरबदल कर सकते हैं। उनके मंत्रिमंडल में तीन मंत्री पद खाली हैं। इसके अलावा बैक डोर भर्ती मामले की जांच रिपोर्ट आनी है। जानकारों का मानना है कि यदि जांच समिति बैकडोर नियुक्तियों को रद्द करने की सिफारिश करती है तो तत्कालीन स्पीकर जो वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं, पर नैतिक दबाव बना सकते हैं |
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