देहरादून, वन अनुसंधान संस्थान ने बुधवार 7 सितंबर को किसान मेले का किया गया, कार्यक्रम का आयोजन विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान द्वारा किया गया, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान डॉ. रेणु सिंह आईएफएस ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ए.एस. रावत, आईएफएस महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद जिन्होंने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की और उद्घाटन भाषण दिया। कार्यक्रम का समापन सुश्री ऋचा मिश्रा, आईएफएस प्रमुख, विस्तार प्रभाग, एफआरआई के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उद्घाटन सत्र के बाद मुख्य अतिथि ने मेला सह प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन किया।
किसान मेले में संस्थान के विभिन्न प्रभागों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया। वन विभाग, रसायन विज्ञान एवं जैव-पूर्वेक्षण प्रभाग, राष्ट्रीय वन पुस्तकालय एवं सूचना केंद्र, आनुवंशिकी एवं वृक्ष सुधार प्रभाग, वन उत्पाद प्रभाग ने आयोजन स्थल पर स्टॉल लगाया था। इसके अलावा, वाटरशेड प्रबंधन, निदेशालय भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, के.वी.के. ढकरानी, औषधीय और सुगंधित पौध संस्थान, भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान, सरस्वती जन कल्याण एवं स्वरोजगार संस्थान देहरादून आदि ने भी मेले में स्टाल लगाए। छोटे उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और जैविक खेती आधारित समूहों के भी स्टॉल लगाए गए।
मेला मैदान के किसान गोष्ठी हॉल में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। स्टॉक उत्पादन रोपण के लिए नर्सरी तकनीक, उत्पादकता वृद्धि के लिए गुणवत्ता रोपण सामग्री, आय सृजन के लिए कृषि वानिकी, लकड़ी/एनडब्ल्यूएफपी के लिए मूल्य संवर्धन और कृषि वानिकी में कीट और रोग प्रबंधन पर सत्र आयोजित किए गए। दर्शकों के सामने पर्यावरण से संबंधित मुद्दों और संस्थान की विभिन्न तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक लघु नाटक भी दिखाया गया।
कार्यक्रम की संचालन सुश्री विजया रात्रे, आईएफएस ने की।
कार्यक्रम में धूलकोट, ढालवाला ऋषिकेश, रुड़की, उम्मेदपुर प्रेमनगर, देहरादून आदि से आए किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में एक संवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता निदेशक, एफआरआई ने की। विस्तार मंडल की पूरी टीम डॉ. चरण सिंह, डॉ. देवेंद्र कुमार, रामबीर सिंह, विजय कुमार, प्रीतपाल सिंह, पूनम पंत, रमेश, श्री अनिल कुमार, खीमा नंद, चंद्र मोहन ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया |
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