Sunday, November 24, 2024
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शैक्षिक संवाद कार्यक्रम में शिक्षकों ने रखे अपने-अपने सुझाव

देहरादून, सूबे में शैक्षिक नियोजन एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत आज राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2022 की परिषदीय परीक्षा में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के 8 छात्र-छात्राओं को प0 दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा परिषदीय परीक्षा में बेहत्तर प्रदर्शन करने वाले राज्यभर के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के तीन-तीन विद्यालयों को मुख्यमंत्री ट्रॉफी एवं पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने-अपने विद्यालयों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 105 शिक्षकों के साथ मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों ने शैक्षिक संवाद स्थापित किया, जिसमें शिक्षकों ने अपने-अपने कार्यां से अवगत कराते हुये सुझाव रखे।
विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आज राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर देहरादून में मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार एवं शिक्षक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि एवं विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की सराहना करते हुये उन्हें हर संभव सहायोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट) के सहयोग से राज्य स्तरीय विज्ञान महोत्सव आयोजित किया जायेगा। जिसमें प्रदेशभर के विज्ञान के छात्र-छात्राओं के अपने प्रोजेक्ट को प्रदर्शित करने का मौका तो मिलेगा ही साथ ही वैज्ञानिकों से सीखने का अवसर भी मिलेगा।

22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को मिलेंगे टैबलेटः डॉ0 धन सिंह रावत

विज्ञान के एक हजार शिक्षकों को दिया जायेगा विशेष प्रशिक्षण

देहरादून, राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित पुरस्कार एवं शैक्षिक संवाद कार्यक्रम में सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने शिक्षकों के लिये कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को डिजिटल माध्यम से जोड़ने के लिये शीघ्र ही 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों टैबलेट वितरित किये जायेगे। इसके अलावा सूबे के एक हजार विज्ञान शिक्षकों को राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरू में शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि विज्ञान के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को और बेहत्तर ढंग से शिक्षा दी जा सके।
शिक्षा मंत्री ने अपने-अपने क्षेत्रों में बेहत्तर कार्य करने वाले शिक्षकों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने प्रदेशभर के उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत तैयार किये जा रहे करिकुलम फ्रेमवर्क में अपने विषय से संबंधित सुझाव देने को कहा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में चुनाव कार्यों में लगे शिक्षकों को हटा कर उनके स्थान पर आशा कार्यकत्रियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बीएलओ का कार्य दिया जायेगा। शिक्षकों को केवल पठन-पाठन संबंधी कार्यों में ही लगाया जायेगा। शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिये छह माह के भीतर राज्य का विद्या समीक्षा केन्द्र बनकर तैयार हो जायेगा। ऐसा करने वाला उत्तराखंड गुजरात के बाद देश का दूसरा राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की कमी को देखते हुये 50 प्रतिशत पद प्रवक्ताओं की विभागीय परीक्षा की माध्यम से भरे जायेंगे। विभागीय मंत्री ने राज्य में शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों के अंतर्गत शिक्षकों को चार अन्य कार्य भी दिये। जिसके तहत अपने विद्यालयों एवं आस-पास के गांवों को नशामुक्त एवं तम्बाकू मूक्त अभियान चलाना, छात्र-छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान बनाना, अपने विद्यालयों को ग्रीन कैम्पस में तब्दील करना तथा आस-पास के गांवों में साक्षरता अभियान चलाने का अहवान किया।

कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक एस.पी. खाली, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून मुकुल सती, डॉ0 मोहन सिंह बिष्ट, मोना बाली सहित विभगीय अधिकारी एवं विभिन्न जनपदों से आये शिक्षक एवं उत्कृष्ट छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।

 

शिक्षक दिवस : पिछले 30 वर्षो से बच्चों के सर्वागीण विकास में लगे हैं शिक्षा के द्रोणाचार्य नत्थीलाल बंगवाल

(शैलेंद्र गोदियाल)

उत्तरकाशी, मानव जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय पारंपरिक शिक्षा का ज्ञान भी जरूरी है। जिससे हर विद्यार्थी को जीवन में कर्तव्यबोध, नैतिक मूल्यों की समझ और संस्कारवान बना सके।

ऐसी ही शिक्षा देने वाला गुरुकुल है सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कालेज शक्तिपुरम चिन्यालीसौड़। इस गुरुकुल के द्रोणाचार्य नत्थीलाल बंगवाल हैं। जो पिछले 30 वर्ष से विद्यालय में शिक्षा ही नहीं बल्कि सफलता रूपी विद्या का पाठ पढ़ा रहे हैं, इनके यज्ञ का प्रतिफल ये है कि इनके 8 विद्यार्थी पीसीएस परीक्षा में निकले हैं, जो विभिन्न विभागों में अधिकारी हैं। 10 विद्यार्थी चिकित्सक बन चुके हैं। 30 से अधिक विद्यार्थी इंजीनियर बन चुके हैं। शिक्षक, वनाधिकारी, बैंक अधिकारी व अन्य विभागों में अधिकारी बने विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक हैं।Teachers Day : इस द्रोणाचार्य के गुरुकुल में ज्ञान का भंडार, यहां से पढ़े  बच्‍चे आज बड़े पदों पर दे रहे सेवा - Teachers Day 2022 Uttarkashi Nathilal  Bangwal Student Are Giving

वर्ष 1994 से शिक्षा के कार्य में लगे हैं नत्थीलाल बंगवाल :

टिहरी देवप्रयाग सौडू गांव निवासी 53 वर्ष नत्थीलाल बंगवाल बताते हैं कि वह 1994 से शिक्षा के कार्य में लगे हैं।
आज भी वे बच्चों को हिंदी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, रसायन विज्ञान की अतिरिक्त कक्षाएं पढ़ाते हैं। वे कहते हैं जो कार्य करता हूं वह पूरी ईमानदारी से करता हूं।
जब शिक्षा के क्षेत्र में आया तब से कुछ और भी नहीं सोचा, बच्चों की शिक्षा कहीं प्रभावित न हो इसलिए अवकाश तक नहीं लिये, बल्कि स्कूल की छुट्टी के बाद भी निशुल्क रूप से बच्चों के अतिरिक्त कक्षाएं लगाई।
आज भी वे और उनके अन्य आचार्य हर रोज शाम चार बजे से लेकर छह बजे तक बच्चों को निशुल्क रूप से पढ़ाते हैं।
शिक्षा के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाता है।
खेलकूद से लेकर ज्ञान-विज्ञान की जिला, राज्य व विद्या भारती स्तर पर जितनी भी प्रतियोगिताएं होती हैं उन प्रतियोगिताओं में बच्चों का प्रतिभाग किया जाता है।
विभिन्न विषयों के विद्वानों को भी स्कूल में आमंत्रित किया जाता है। जिससे कहीं पर भी बच्चों के ज्ञान में रुकावट पैदा न हो।
प्रधानाचार्य नत्थीलाल बंगवाल बताते हैं कि वर्ष 2005 से 2022 तक उनके विद्यालय के विद्यार्थी इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में प्रदेश के टॉप 25 में अपना स्थान बनाने में कायम रहे हैं।
इस बार भी हाईस्कूल में 9 विद्यार्थियों तथा इंटरमीडिएट में 2 विद्यार्थी ने प्रदेश के टॉप 25 में अपना स्थान बनाया है।

 

प्रात: उठते ही शुरू होती संस्कार शिक्षा :

सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कालेज शक्तिपुरम चिन्यालीसौड़ के प्रधानाचार्य नत्थी लाल बंगवाल कहते हैं कि पाठ्यक्रम के विषय के अलावा योग, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, संगीत शिक्षा, नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा के विषय भी अनिवार्य हैं। उद्देश्य अंक व अक्षर ज्ञान के साथ संस्कारवान शिक्षा देने का है।
संस्कारवान शिक्षा विद्यार्थी के सुबह उठते ही शुरू होती है। प्रात: काल जब विद्यार्थी उठता है तो सबसे पहले धरती माता को प्रणाम करता है। फिर माता पिता, दादा दादी व अन्य वरिष्ठजनों को पांव छूकर प्रणाम करता है। फिर स्नान ध्यान करने के बाद स्कूल में नित्य इस बारे में विद्यार्थी से पूछा जाता है।

विद्यार्थी के अभिभावकों के लिए परिवार परिबोधन कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। जो विद्यार्थी विद्यालय से पास आउट हुए हैं उन्हें वर्ष में एक सम्मेलन में बुलाया जाता है तथा संस्कार शिक्षा को लेकर बात की जाती है(साभार जेएनएन)।

 

अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज गजा में हुआ शिक्षक दिवस का आयोजन, सेवानिवृत्त शिक्षकों को किया गया सम्मानित

टिहरी, नरेन्द्र नगर प्रखंड में अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज गजा में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर सेवानिवृत्त शिक्षकों बचनसिंह खडवाल तथा दिनेश प्रसाद उनियाल को सम्मानित किया गया, शिक्षक दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षकों को प्रधानाचार्य द्वारिका नाथ ने बैज अलंकरण व माल्यार्पण कर शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ महान शिक्षाविद पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ किया गया , महान शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर विद्यालय के सभी शिक्षक/ शिक्षिकाओं ने पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिक्षक अमर देव उनियाल ने कहा कि आज का दिन शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है, विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों को प्रधानाचार्य द्वारिका नाथ ने बैज अलंकरण करते हुए सम्मानित किया, विद्यालय के छात्रों व प्रबंध समिति तथा अतिथियों ने प्रधानाचार्य द्वारिका नाथ का माल्यार्पण कर स्वागत किया, अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षकों बचनसिंह खडवाल तथा दिनेश प्रसाद उनियाल ने कहा कि अनुशासन, लक्ष्य के प्रति समर्पण भाव, तथा संगति ही अच्छा नागरिक बना सकती है,शिक्षक की भूमिका एक गाइड की तरह है हर शिक्षक प्रसन्नता की अनुभूति तब करता है जब उसका पढ़ाया छात्र प्रगति करता है ,शिक्षक दिवस कार्यक्रम आयोजित करने पर प्रधानाचार्य सहित शिक्षकों को बधाई दी गई। छात्राओं ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया, प्रधानाचार्य द्वारिका नाथ ने सभी अतिथियों व शिक्षकों को इस कार्यक्रम के सफल आयोजन पर धन्यवाद दिया तथा कहा कि गुरु मां भी है तथा पिता भी है ,शिक्षक भी गुरु है , गुरु सम्मान का भाव भी है । छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अच्छे संस्कार ही आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं । विद्यालय के प्रबक्ता सुभाष चंद्र वैलवाल को भी शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया, शिक्षक दिवस कार्यक्रम में विनीत रतूड़ी, अमर देव उनियाल, बलराम आर्य, सुभाष बैलवाल,सहित सभी शिक्षक/शिक्षिकायें तथा शिक्षणोत्तर कर्मचारी,छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे ।

 

शिक्षक दिवस पर शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों को लेकर शिक्षकों को किया गया सम्मानित

कोटद्वार, शिक्षक दिवस के अवसर पर नगर निगम के सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षकों को उनके शिक्षा के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया, इस अवसर पर नगर निगम कोटद्वार के सभासद प्रवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गुरु शब्द का अर्थ है जो हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाये , पार्षद प्रवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि एक शिशु जब जन्म लेता है तो उसकी पहली शिक्षक उसकी मां होती है और फिर परिवार से वह सामाजिकता सीखता है लेकिन एक व्यक्ति के भविष्य का निर्माण में शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान होता है जो कि उसे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के योग्य बनाते हैं एक आदर्श नागरिक एक योग नेतृत्वकर्ता एक योग्य डाॅक्टर एक योग्य खिलाड़ी सब एक कुशल शिक्षक के मार्गदर्शन में ही निपुणता हासिल करते हैं और समाज को योग्य नागरिकों का निर्माण का दायित्व शिक्षकों द्वारा निभाया जाता है, आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम कोटद्वार के सभाषद तथा शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। आयोजित कार्यक्रम में यशवन्त सिंह बिष्ट, दीप चन्द्र बलूनी, नारायण सिंह नेगी, शंकर गौड़, बृजमोहन ममगांई, आराधना रावत, चन्द्र मोहन सिंह रावत, देवेन्द्र कुमार नैथानी, सोहन सिंह चौहान, आशा नेगी आदि शिक्षकों को सम्मानित किया गया । इस अवसर पर वक्ताओं ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत की महान विभूति बताया तथा कहा कि शिक्षक दिवस हमारे लिए एक अवसर होता है जब हम समाजहित में और व्यक्ति के चरित्र निर्माण और उसके सर्वांगीण विकास में योगदान देने वाले गुरूजनों/ शिक्षकों को सम्मानित करें । इस अवसर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि भी दी गई।

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