Sunday, November 24, 2024
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ॠषिकेश कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आखिरी टनल में किया विस्‍फोट, दबाया बटन

ऋषिकेश, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में लगातार नई उपलब्धियां हासिल हो रही हैं। तीन दिन पहले रुद्रप्रयाग के नरकोटा में परियोजना की पहली निकासी सुरंग के ब्रेक थ्रू के बाद अब शुक्रवार को ऋषिकेश के शिवपुरी में दूसरी एस्केप टनल का ब्रेक थ्रू हो गया।
ब्रेक थ्रू का अर्थ टनल की खोदाई पूरा होना होता है। अब इसके बाद टनल की फिनिशिंग की जाएगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस टनल में बटन दबाकर आखिरी विस्‍फोट किया, शिवपुरी से गूलर के बीच 6.470 किमी लंबी मुख्य रेल टनल बनाई जानी है, जिसके समानांतर यह एक एस्केप टनल भी होगी।
यह कार्य एलएंडटी को सौंपा गया है। मुख्य टनल के समानांतर बन रही निकासी सुरंग पर आठ स्थानों से टनलिंग का काम किया जा रहा है।
इसमें से एक ड्राइव में करीब ढाई किमी की निकासी सुरंग की बोरिंग का कार्य अंतिम पड़ाव पर है, जो एक ब्लास्ट यानी ब्रेक थ्रू के माध्यम से शुक्रवार को पूरा हो गया।
इस परियाजना में पैकेज सात-ए में 1.9 किमी लंबी निकासी सुरंग का ब्रेक थ्रू निर्माण कार्य विगत 23 अगस्‍त को पूरा हो गया था। नरकोटा से खांकरा के बीच परियोजना की इस टनल की खोदाई में 521 दिन का समय लगा।
यह परियोजना भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण रेल परियोजना है। 125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के तहत 105 किलोमीटर रेल लाइन सुरंगों से होकर गुजरेगी।
परियोजना पर कुल 17 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।
ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। जिसमें के कार्य में रोज नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।
इसके तहत रेल विकास निगम की कार्यदाई संस्थाओं ने विभिन्न फेस में पांच माह के भीतर 25 किलोमीटर टनलिंग का काम पूरा किया था।
परियोजना में अब तक 50 किलोमीटर से ज्‍यादा टनलिंग का काम पूर्ण किया जा चुका है।
देश की सबसे लंबी डबल ट्यूब रेल सुरंग
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में देश की सबसे लंबी डबल ट्यूब रेल सुरंग (14.08 किमी) का निर्माण किया जा रहा है।
इसके लिए दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) जर्मनी से पहुंचीं हैं। इन्हें निर्माण स्थल पर पहुंचाकर रि-असेंबल किया जाएगा। इस प्रक्रिया में करीब दो माह का समय लगेगा। जिसके बाद दिसंबर से यह मशीन टनलिंग का काम शुरू कर देंगी।

 

राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगोत्री धाम से 55 किलोमीटर उत्तरकाशी की ओर सुनगर व हेल्गू गाड़ के बीच भूस्खलन मार्ग अवरूद्धUttarkashi News: 25 घंटे बाद खुला गंगोत्री हाईवे, फंसे तीर्थयात्रियों ने ली  राहत की सांस, देखें तस्‍वीरों में - Uttarkashi News Gangotri National  Highway Open Pilgrims Get Relief

उत्तरकाशी, गुरुवार को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेल्गू गाड़ व सुनगर के बीच भारी भूस्खलन हो गया था। इस दौरान राजमार्ग को सुचारू करने में जुटे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मचारियों व श्रमिकों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचाई
गुरुवार देर शाम तक गंगोत्री राजमार्ग पर मलबा गिरने का क्रम जारी रहा। वहीं हाईवे बंद होने के कारण गंगोत्री धाम के दर्शन करने के बाद वापस लौट रहे दो हजार से अधिक यात्री सुनगर और गंगनानी में फंसे रहे। जबकि हेल्गू गाड़ की ओर फंसे तीर्थ यात्रियों को प्रशासन ने भटवाड़ी व मनेरी लौटा दिया गया।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगोत्री धाम से 55 किलोमीटर उत्तरकाशी की ओर सुनगर व हेल्गू गाड़ के बीच भूस्खलन के कारण बुधवार को राजमार्ग बाधित हुआ था।
गुरुवार सुबह दस बजे इसी स्‍थान पर फिर भूस्खलन हुआ। गुरुवार को बीआरओ की टीम राजमार्ग को खुलने में जुटी, लेकिन पहाड़ी से भारी मलबा, पत्थर गिरने का क्रम जारी रहने से मार्ग नहीं खोला जा सका।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला के अनुसार गंगोत्री राजमार्ग पर भूस्खलन जारी रहा। जिसके कारण राजमार्ग को सुचारू करने में समय लगा। भूस्खलन जोन के दोनों ओर जो तीर्थ यात्री हैं, उन्हें दोपहर में बता दिया था कि सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। तहसीलदार और बीआरओ की टीम मौके पर रहे। प्रशासन भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में निगरानी बनाए हुए है।

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