देहरादून, राज्य में भारी बारिश ने भयावह हालत पैदा कर दिये, राज्य के तीन जिलों में बादल फटने की घटना से देहरादून के मालदेलता में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकि जिला प्रशासन और एसडीआरएफ ने आपदा की इस घड़ी दिनरात एक कर लोगों की मदद की, आपदा जैसे हालात में एसडीआरएफ का सर्च ऑपरेशन एक दिन बाद भी जारी रहा। देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में भारी बारिश के चलते आई आपदा के बाद रविवार सुबह फिर से एसडीआरएफ की टीमों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यहां पर पांच लोग नदी में बह गए थे। इसके अलावा सरखेत से सटे ग्वाड़ में भी एसडीआरएफ की टीम ने अभियान चलाना शुरु कर दिया है। वही सोडा सरोली में जो लोग लापता हुए थे उनकी तलाश में भी जॉली ग्रांट पोस्ट से एसडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है। सहस्त्रधारा पोस्ट के इंचार्ज इंस्पेक्टर अनिरुद्ध भंडारी ने बताया कि अतिरिक्त जवानों को सर खेत और ग्वाड गांव के लिए बुलाया गया है।
यहां पर नदी में उतरकर जवान लोगों को तलाश रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों और पुलिस की भी मदद ली जा रही है। गोताखोरों को भी नदी में उतारा गया है। उधर डीजीपी अशोक कुमार भी आपदा क्षेत्र में पहुंच गए हैं। वह यहां पर नुकसान का जायजा ले रहे हैं और टीम को निर्देशित कर रहे हैं।
सरखेत में 25 मकान और प्राइमरी स्कूल क्षतिग्रस्त
देहरादून के मालदेवता, सौंग और बांदल घाटी क्षेत्र में बारिश ने भारी तबाही मचाई। इस कारण मालदेवता, सरखेत, तिमली, मानसिंहवाला, भैंसवाड़ा, सेरकी और छमरोली में नुकसान हुआ। सरखेत से तीन घायलों को एयरलिफ्ट किया गया। यहां पांच लोग लापता हैं। दो पुल बुरी तरह क्षतिगस्त हुए हैं। जबकि, सड़कें जगह-जगह बह गई हैं।
राहत और बचाव कार्यों में सेना की भी मदद ली जा रही है। डीएम देहरादून सोनिका के अनुसार, अतिवृष्टि की वजह से सरखेत में 25 मकान, प्राइमरी स्कूल और छह दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं। सरखेत में भैंसवाड़ के मुसनीवाला खाला के पास मलबा आने से तीन लोग घायल हुए, जिन्हें हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करते हुए मैक्स अस्पताल पहुंचाया गया, पांच लोग अभी भी लापता हैं। जबकि, 28 पशुओं की मौत हुई। डीएम सोनिका और एसएसपी दलीप कुंवर अफसरों के साथ सरखेत पहुंचे। डीएम सोनिका के अनुसार, जिलेभर में 1270.20 लाख के नुकसान का शुरुआती अनुमान है।
सरखेत के लापता पांच लोगों की तलाश जारी
सरखेत में राजेंद्र राणा (40) पुत्र रंजीत सिंह राणा, अनिता राणा (38) पत्नी राजेंद्र राणा और सुरेंद्र सिंह (45) तीनों निवासी जैत्वाड़ी टिहरी, जगमोहन पुत्र बचन सिंह (28) और विशाल (15) पुत्र रमेश सिंह कैंतुरा दोनों निवासी सरखेत तिमली मानसिंह मजला भैंसवाड़ा लापता हैं। दिनेश (39), सुनीता (36), सोनदेई (60) निवासी सरखेत तिमली मानसिंह भैंसवाड़ा को एयरलिफ्ट किया गया।
भारी बारिश में सात लापता, 11 घायल
देहरादून में अतिवृष्टि के कारण उफनाई सौंग नदी ने जमकर कहर बरपाया। रायपुर-थानो रोड पर पुल का करीब 50 मीटर हिस्सा टूट गया। तड़के अंधेरे के चलते दो कार, एक बाइक और एक स्कूटर नदी में जा गिरे। इस कारण 11 लोग नदी में बह गए, जिनमें से नौ लोगों को बचा लिया गया, जबकि दो लोग अभी भी लापता हैं। थानो रोड पर क्रिकेट स्टेडियम और सौड़ा सरौली के बीच सौंग नदी पर पुल बना है।
लेकिन, तड़के नदी में पानी के तेज बहाव के कारण सौड़ी सरौली की तरफ पुल का एक हिस्सा टूटकर बह गया। इस बीच, अंधेरे में यहां से गुजरते वक्त चार वाहन नदी में जा गिरे। इसके बाद रानीपोखरी एसओ शिशुपाल राणा, रायपुर एसओ मनमोहन नेगी एवं मुख्य आरक्षी अनूप रमोला की अगुवाई में टीमों ने रेस्क्यू शुरू किया। तीन सौ मीटर दूर बहे लोगों को देखा गया। वे झाड़ियों में अटके हुए थे। स्थानीय लोगों की मदद से एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने नौ लोगों को रेस्क्यू किया, जिन्हें जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कई गांवों का टूटा संपर्क :
आपदा के कारण देहरादून और टिहरी जिले के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया। कुमाल्डा लालपुल होकर टिहरी के कद्दूखाल जाने वाली रोड क्षतिग्रस्त होने से खेतू, घोलगिरी, दुगड़ा, पट्टी गांवों का आवागमन ठप हो गया। दोपहिया तो निकल सकते हैं, पर चौपहिया वाहन नहीं निकल पाएंगे। मसूरी-ऋषिकेश होकर जाना होगा: कद्दूखाल जाने के लिए लोगों को मसूरी या ऋषिकेश होकर जाना होगा। धनचूला निवासी सुरेश, भगत सिंह, सोबन सिंह, श्याम सिंह ने सड़क की जल्द मरम्मत करवाने की मांग उठाई है। दूसरी ओर, सौंग नदी को जोड़ने वाले पुल के पास सड़क क्षतिग्रस्त होने से द्वारा, अपवांणी, बेलंग, अमोली, बिंजोली, मालूबण गांव भी अलग-थलग पड़ गए हैं। परवल में नदी में फंसे युवक को बचाया: देहरादून। भारी बारिश के चलते प्रेमनगर के पास परवल में नदी का जलस्तर बढ़ गया। शुक्रवार रात युवक फंस गया, जिसे एसडीआरएफ जवान सुशील कुमार की अगुवाई में टीम ने अंधेरे में ही रेस्क्यू किया। तब नदी में ज्यादा पानी था, इस कारण रेस्क्यू में परेशानी हुई। उसे सकुशल बाहर निकाल लिया गया। उसने अपना नाम शिव प्रसाद बताया। उसने बताया कि वह दैनिक मजदूरी करता है।
एक ही परिवार के पांच लोगों का रेस्क्यू किया
रायपुर एसओ मनमोहन नेगी के अनुसार, दून के एक परिवार के पांच लोग रुद्रप्रयाग जा रहे थे। उनकी कार पुल टूटा होने के चलते नदी में जा गिरी। इस कार में सवार पंकज (49) पुत्र एमएस बुटोला निवासी नेहरूग्राम, देवेंद्र (58 वर्ष) पुत्र टीएस बुटोला निवासी लेन-5बी बंजारावाला, सतेंद्र (42 वर्ष) पुत्र गोविंद सिंह निवासी बंगाली कोठी बंजारावाला, सतेंद्र की पत्नी सुषमा (37 वर्ष) और बेटा सार्थक (10 वर्ष) को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया, रायपुर एसओ के अनुसार, एक कार में प्रभात जोशी निवासी सौड़ा सरौली पिता गीताराम संग जा रहे थे। वे भी टूटे हुए पुल पर अंधेरे में कार समेत नदी में जा गिरे। प्रभात को बचा लिया गया, लेकिन उनके पिता लापता हैं। प्रभात टापू पर फंसा हुआ था। दूसरी ओर, स्कूटर समेत नदी में गिरे तीन युवक कुणाल (18 वर्ष) पुत्र मनोज, सुमित (19 वर्ष) पुत्र राजू और विकास (22 वर्ष) पुत्र विश्वनाथ तीनों निवासी गोविंदघाट को रेस्क्यू किया गया। एक बाइक में जा रहा दीपक रावत निवासी सौड़ा सरौली पुल से नीचे गिरकर लापता हो गया।
एसडीआरएफ के जवान फरिश्तें बनकर फंसे लोगों को पहुँचा रहे मदद :
मालदेवता के सरखेत में बादल फटने से आई आपदा में एसडीआरएफ के जवान फरिश्तें बनकर फंसे लोगों तक पहुंचे। रात में पौने तीन बजे घनघोर अंधेरा था और पानी आने से रास्ते बंद हो गए थे। टीम ने साहस का परिचय देकर करीब 12 किलोमीटर पैदल चलकर सौ से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाई। खौफ के साए में मदद का इंतजार कर रहे लोग एसडीआरएफ की टीम को देखकर भावुक होकर रो पड़े। पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों ने टीम की दिल से सराहना की। टीम ने सुबह तीन बजे से शाम चार बजे तक 13 घंटे अभियान चलाया। उधर, एसडीआरएफ के सेनानायक मणिकांत मिश्रा खुद आपदा क्षेत्र में पहुंचे और रस्सियों के सहारे लोगों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पूरे दिन टीम का नेतृत्व करते रहे।
प्रेमनगर में नदी फंसे युवक को बचाकर एसडीआरएफ की सहस्त्रधारा पोस्ट की टीम रात को करीब एक बजे वापस लौटी थी। टीम के जवान अभी कपड़े बदलकर खाना खाकर सोने की तैयारी ही कर रहे थे कि मालदेवता के सरखेत में बादल फटने और सैकड़ों लोगों के फंसने की सूचना मिली। टीम पोस्ट इंचार्ज इंस्पेक्टर अनिरुद्ध भंडारी की अगुवाई में टीम बचाव उपकरण लेकर बिना देर किए रवाना हो गई। इंस्पेक्टर भंडारी ने बताया कि उनके साथ सुशील कुमार, योगेश रावत, मुकेश रावत, प्रवीण चौहान, विमल, टिंकु, संजय चौहान, दीपक पंत आदि जवान थे। सहस्त्रधारा से ब्रहमपुरी पहुंचने पर रास्ता बंद मिला, दूसरी तरफ जौल पहुंचे तो वह रास्ता भी बंद मिला। टीम ने तय किया कि पैदल ही निकला जाए। फोर्ट बेनियन रिसॉर्ट्स से करीब 35 लोगों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित जगह पर पुलिस एवं ग्रामीणों की मदद से भिजवाया। वहीं डिफेंस स्कूल में फंसे बच्चों एवं स्टाफ को भी सुरक्षित रहने को अलर्ट कर आगे बढ़ गए। सरखेत के पास गदेरा जंगल रिसोर्ट में भी करीब 40 लोगों को रेस्क्यू किया। मुख्यालय से परविंद्र धस्माना की टीम भी मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान चलाया।
एसडीआरएफ की टीम ने
संभाला मोर्चा :
सरखेत में जब एसडीआरएफ की सबसे पहले पहुंची तो यहां पर मलबे में कई लोग दबे थे। ग्रामीणों में चीखपुकार मची थी। यहां पर रेस्क्यू अभियान शुरू किया और पांच लोगों को सकुशल निकाला और प्राथमिक उपचार दिलाया। वहीं तीन लोगों को अस्पताल भिजवाया। इसके अलावा पांच लोगों के बह जाने की सूचना है। एसडीआरएफ के नायक मनिकांत मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला और टीम की पीठ थपथपाई, सोडा सरोली में पुल टूटने परएसडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। यहां पर मुख्य आरक्षी अनूप रमोला की अगुवाई में घंटों तक अभियान चलाकर नौ लोगों को रेस्क्यू किया गया। जवान यशवंत सिंह, राकेश राणा, नवीन प्रसाद, दिग्पाल, सुरेश मलासी आदि उनकी टीम में शामिल थे।
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