Saturday, November 16, 2024
HomeStatesUttarakhandउत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामला, गिरोह का सरगना पकड़...

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामला, गिरोह का सरगना पकड़ में आने के बाद उठ सकता है राज से पर्दा

देहरादून, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार सभी छह आरोपियों को एसटीएफ ने सोमवार को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय के आदेश पर सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, अभी इस पेड़ की कुछ शाखाएं ही कटी हैं। पेड़ को खाद पानी कौन दे रहा था, इसकी तलाश अभी बाकी है। ऐसे में आरोपियों के बैकग्राउंड की जांच की जा रही है। हो सकता है कि इनमें से किसी ने अपने किसी रिश्तेदार या किसी परिचित को लाभ पहुंचाया हो। पकड़े गए लोगों में आयोग का एक पूर्व कर्मचारी है।

केवल आउटसोर्स कंपनी का कंप्यूटर प्रोग्रामर और चंद लोग जिम्मेदार हैं, यह बात एसटीएफ अधिकारियों के गले नहीं उतर रही है। माना जा रहा है कि बिना घर के भेदी के इतना बड़ा काम हो ही नहीं सकता। ऐसे में आयोग से भी कोई कर्मचारी या अधिकारी इस कांड का राजदार जरूर है। एसटीएफ अब इस मामले में शह देने वाले, किसके इशारों पर काम हुआ और किसे इसका असल फायदा पहुंचा, इन सबकी तलाश में जुटी है। वहीं, जिस हिसाब से पेपर लीक का मामला उठ रहा है, यह माना जा रहा है कि इसमें करोड़ों रुपये का खेल हुआ है। यह भी माना जा रहा है कि नकल माफिया ने बड़े पैमाने पर युवाओं से पैसा ऐंठा हुआ है। गिरोह का सरगना पकड़ में आने के बाद इस राज से पर्दा उठ सकता है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जल्द ही एसटीएफ इस मामले का भी खुलासा कर सकती है।

एसटीएफ के रडार पर पास हुए अभ्यर्थी भी हैं। इनके और आरोपियों के मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है। सभी अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है। इससे साफ हो जाएगा कि यदि आरोपी ही पेपर लीक कराने के जिम्मेदार हैं तो कुछ पास हुए अभ्यर्थी भी इनके संपर्क में होंगे। हालांकि, अभी तक पैसे के लेनदेन के बारे में भी कुछ पता नहीं चला है। बताया जा रहा है कि पैसे का लेनदेन केवल नकद में हुआ था। यदि अकाउंट के माध्यम से होता तो ट्रेस करने में आसानी होती।

एसटीएफ की अभ्यर्थियों से अपील, अपना पक्ष रखें
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने सभी अभ्यर्थियों से अपील की है कि यदि किसी ने परीक्षा में अनुचित संसाधन का प्रयोग किया है तो अपना पक्ष खुद जांच अधिकारियों के सामने रख दें। इससे उन्हें विधि सम्मत मदद मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। यदि जांच में अभ्यर्थियों के नाम सामने आए तो उनके साथ भी आरोपियों जैसी प्रक्रिया ही अमल में लाई जाएगी। मदद भी कानून के हिसाब से ही की जाएगी।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के दावे के मुताबिक फुलप्रूफ मानी जाने वाली स्नातक स्तरीय परीक्षा में सेंध लगाने वाले हरियाणा या राजस्थान के बड़े गिरोह हो सकते हैं। आयोग खुद इस बात का स्वीकार कर रहा है कि ऐसे संकेत मिले हैं। हालांकि, पुलिस की जांच में ही इससे पर्दा उठ सकेगा। स्नातक स्तरीय परीक्षा में एसटीएफ ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अभी इसकी जांच चल रही है। इससे पहले आयोग ने पुलिस की मदद से अपने स्तर से एक जांच कराई थी। सूत्रों के मुताबिक, इस जांच में ऐसे संकेत मिले थे कि इस पेपर लीक में बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है। शक की सुई राजस्थान में रीट जैसे पेपर लीक कराने वाले गिरोह या हरियाणा में भर्ती परीक्षाओं में सेंध लगाने वाले गिरोह की ओर है। हालांकि, यह पुलिस की जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा कि पेपर लीक का प्रकरण स्थानीय स्तर का है या दूसरे राज्यों के गिरोह इसमें शामिल हैं। आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि पेपर लीक में कुछ भी हो सकता है। पुलिस की जांच के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा।

 

खाने की खराब गुणवत्ता पर भड़के आईटीआई के छात्र, संस्थान परिसर में की नारेबाजी

देहरादून में खाने की खराब गुणवत्ता पर भड़के आइटीआइ के छात्र, संस्थान परिसर  में नारेबाजी कर दिया धरना - ITI Niranjanpur hostel students protest in  campus

देहरादून, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के हास्टल में रहने वाले छात्र भोजन की घटिया गुणवत्ता और शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने पर भड़क गए। करीब 30 से अधिक छात्रों ने संस्थान परिसर में नारेबाजी करते हुए धरना दिया।

छात्रों ने प्राचार्य मनमोहन कुड़ियाल को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि हास्टल के घटिया खाने की जब वार्डन व मैस इंचार्ज से शिकायत की गई तो उन्होंने छात्रों की शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे कई छात्र हास्टल मैस का खाना खाकर बीमार पड़े हैं। छात्रों को उल्टी, पेट खराब होने और बुखार की शिकायत है। परेशान छात्र अब हास्टल में खाना नहीं खा रहे हैं। छात्रों की शिकायत पर संस्थान के प्राचार्य मनमोहन कुड़ियाल ने स्टाफ टीचर्स और कैंटीन संचालक को तलब किया और नाराजगी जताई। उन्होंने दोबारा नए सिरे से कैंटीन का आवंटन करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि संस्थान के एक शिक्षक व दो छात्रों की समिति मामले की जांच कर उन्हें रिपोर्ट देगी। साथ ही समिति रोजाना खाने की गुणवत्ता की भी जांच करेगी।
प्राचार्य के आदेश के बाद छात्रों का गुस्सा शांत हुआ। इस मौके पर आइटीआइ के छात्र नवीन कुकरेती, संजय चौहान, शुभम राठौर के साथ डीएवी कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कमलेश भट्ट व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पारस गोयल आदि उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments