विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मंकी पॉक्स को लेकर इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है.
देश के चार राज्यों में इसके संक्रमित मिलने के बाद अब बिहार स्वास्थ्य विभाग ने भी इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्कता बरतने का कहा और साथ ही राज्य के सभी जिलों को एक विस्तृत गाइडलाइन भी भेज दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा है की राज्य के किसी भी हिस्से में कोई मामला सामने आता है तो तुरंत ही इसकी सूचना स्वास्थ्य मुख्यालय को भेजी जाए.
विदेश यात्रा से लौटने वालों पर खास नजर
बिहार के सर्विलांस अफसर डा. रणजीत कुमार ने बताया कि अभी तक राज्य में मंकी पाक्स के संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. इसके बावजूद देश में फैलते संक्रमण को देखते हुए सभी जिलों को इससे संबंधित विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है. इस निर्देश में कहा गया है की विदेश यात्रा कर लौटने वाले लोगों पर नजर रखी जाए. मुख्य तौर पर ऐसे लोगों पर नजर रखी जाए जो पिछले 21 दिनों में विदेश से लौटे हों.
मंकीपॉक्स के लक्षण
सभी जिलों को मंकीपॉक्स के लक्षणों के बारे में भी जानकारी दी गई है. ताकि किसी तरह का संक्रमण दिखने पर वह स्वास्थ्य मुखयालय को इसकी जानकारी दे पाए.
सिरदर्द होना
बुखार आना
लिंफ नोड्स में सूजन होना
शरीर में दर्द और कमर दर्द होना
ठंड लगना
थकान महसूस होना
चेहरे और मुंह के अंदर छाले होना
हाथ-पैर में रैशेज होना
मरीजों को आइसोलेशन में रखने का निर्देश
राज्य के सभी जिलों से कहा गया है यदि मंकीपॉक्स का कोई भी संक्रमित मिलता है तो तुरंत उसकी संपर्क सूची तैयार की जाए और लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाए. जिलों को ऐसे रोगियों के सैंपल संग्रह करने के निर्देश भी दिया गया है. सैंपल संग्रह करने के बाद सैंपल को जांच के लिए एपेक्स लैब चेन्नई भेजा जाएगा.
मंकीपॉक्स से बचने के उपाय
मंकीपॉक्स का लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है.
मंकीपॉक्स के लक्षण जैसे स्कीन में रैशेज हो तो, दूसरे के संपर्क में आने से बचना चाहिए.
जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिख रहे हैं, उनकी चादर, तौलिया या कपड़ों जैसी पर्सनल चीजों का इंस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
बार-बार अपने हाथों को साबुन या फिर सैनिटाइजर से साफ करते रहें.
मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते ही घर के एक कमरे में अकेले रहें.
अपने पालतू जानवरों से भी दूरी बनाकर रखने की जरूरत है.
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