लखनऊ में कुत्ते के हमले में उसकी मालकिन रिटायर्ड टीचर की मौत जैसी दर्दनाक घटना कानपुर के रतनलाल नगर में भी हो चुकी है। यहां भी पिटबुल प्रजाति के दो कुत्तों ने कारोबारी के रिश्तेदार को मार डाला था। इसके बाद भी यहां ऐसे खूंखार कुत्तों की फौज है। यहां लखनऊ से भी ज्यादा 247 पिटबुल और 336 रॉट विलर हैं। अगर आपने पिटबुल और रॉट विलर जैसे खूंखार कुत्ते पाले हैं तो सावधान रहें। पिटबुल सबसे खूंखार कुत्तों में गिना जाता है। यही वजह है कि 41देशों में इसे पालने पर प्रतिबंध है। अगर अपने देश की बात करें तो डॉग शो में पिटबुल को लाने की इजाजत नहीं है। कनाइन क्लब ऑफ इंडिया ही डॉग शो आयोजित करता है मगर इसमें पिटबुल को शामिल नहीं करता। पंजाब ऐसा राज्य है जहां डॉग शो में पिटबुल भी जाते हैं मगर वो शो केसीआई के अधीन नहीं बल्कि निजी तौर पर किए जाते हैं। अमेरिकन बुली भी प्रतिबंधित हैं। दिल्ली के कैंट इलाके में भी पिटबुल लने पर प्रतिबंध है। वहां भी लखनऊ की तरह की ही घटना हो चुकी है। हरियाणा के रोपड़ में भी पिटबुल एक जान ले चुका है। झांसी में रॉट विलर ने एक बच्चे को तब फाड़ दिया था जब वह एक कैंपस में गई गेंद को उठाने के लिए गया हुआ था।source-hindustan
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