श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की झील में एक 24 वर्षीय युवती ने छलांग मार दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस, एसडीआरएफ की टीम ने युवती को लाइफ जैकेट की मदद से रेस्क्यू करने में सफलता हासिल की। जिससे उसकी जान बच गई। युवती को बेस अस्पताल में भर्ती कराकर उसे प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। कोतवाली निरीक्षक हरिओम राज चौहान ने बताया कि सोमवार को प्रात: आठ बजे के करीब उन्हें सूचना मिली कि एक महिला ने जीवीके डैम के पास नदी में छलांग लगा दी। सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी श्रीकोट एसआई ओमप्रकाश मय पुलिस फोर्स, जल पुलिस, एसडीआरएफ, 40 पीएसी कंपनी गार्ड जीवीके डैम मौके पर पहुंचे। जल पुलिस में तैनात गोताखोर कांस्टेबल महेंद्र के अहम योगदान के साथ ही विपिन, विनोद, उत्तम भंडारी, संदीप कुमार द्वारा अथक प्रयास करने पर बांध की झील से युवती को लाइफ जैकेट की मदद से रेस्क्यू कर बचा लिया गया और उसे तत्काल 108 सेवा की मदद से बेस अस्पताल श्रीकोट भर्ती कराया गया। यहां पर युवती को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि युवती से बातचीत करने पर उसने बताया कि उसका किसी युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा है। किसी बात को लेकर दोनों आपस में रूठ गए थे। जिसकी वजह से वह डिप्रेस होकर नदी में कूद गई थी। युवती मूल रूप से अल्मोड़ा की रहने वाली है।
खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस बनाना और रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य : डीएम
चमोली। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी खाद्य सामग्री से जुड़े कारोबारियों को दुकान, प्रतिष्ठान, होटल का लाइसेंस बनाना और रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने यह निर्देश सुरक्षित भोजन एवं स्वस्थ आहार को लेकर आहूत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में दिए। बैठक में बताया गया कि जिले में 159 एक्टिव लाइसेंस और 1655 एक्टिव रजिस्ट्रेशन हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे खाद्य कारोबारी जिनका लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हुआ है उनका जल्द से जल्द लाइसेंस नवीनीकरण किया जाय। सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य सामग्री के बारे में व्यापारियों और आम लोगों को जागरूक किया जाए। जानकारी के अभाव में जो खाद्य कारोबारी और व्यवसायी गलत सामग्री क्रय-विक्रय करते हैं, उनको सुरक्षित खाद्य सामग्री मानकों के संबंध में जानकारी दी जाए। खाद्य कारोबारियों को ऑफलाइन प्रशिक्षण भी दें। मुख्य शिक्षा अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालयों में सुरक्षित एवं स्वस्थ मिड डे मील के संबंध में जानकारी दी जाए। गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों से दी जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता का भी नियमित परीक्षण करना सुनिश्चित करें। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमिताभ जोशी खाद्य सुरक्षा अधिनियम के निर्धारित मानकों के संबंध में जानकारी दी। बताया कि 12 लाख से कम टर्न ओवर वाले खाद्य कारोबारियों (लघु उत्पादन कर्ता/लघु फुटकर विक्रेता) को फूड पंजीकरण करवाना आवश्यक है। इसके अलावा 12 लाख से 20 करोड़ टर्न ओवर वाले खाद्य कारोबारियों को राज्य फूड लाइसेंस तथा 20 करोड़ से अधिक हेतु केन्द्रीय फूड लाइसेंस लेना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य कारोबारियों के लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन किया जाता है। सभी श्रेणी के खाद्य सामग्री विक्रेता, थोक, फुटकर, वितरक, सप्लायर, रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा, कैटरर और अन्य श्रेणियों वाले सभी खाद्य सामग्री विक्रेताओं के लिए निर्धारित अवधि तक लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन लेना जरूरी है। मिड डे मील उपलब्ध कराने वाली स्वयंसेवी और सरकारी संस्थाएं स्कूल, कैंटीन, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा के साथ ही पोषण आहार उपलब्ध कराने वाली स्वयंसेवी और सरकारी संस्थाओं को इस दायरे में लाया गया है। नगर पालिका, नगर पंचायत के क्षेत्राधिकार में संचालित खाद्य कारोबारियों एवं व्यवसायियों को भी लाइसेंस का पंजीकरण करना जरूरी है।
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