देहरादून, वर्ष 2017 के एक दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने सजा सुनाई, मामला दून की युवती के अपहरण से जुड़ा था जिसमें उसके साथ सात दिन तक सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में तीन दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज अश्विनी गौड़ ने 20-20 साल कारावास की सजा सुनाई है साथ ही तीनों पर 40-40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि 23 नवंबर 2017 को पटेलनगर क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अपनी 21 वर्षीय पुत्री की पटेलनगर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया कि उनकी पुत्री एक दिन पहले घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं आई।
मामले में पुलिस ने शिकायत दर्ज कर युवती की तलाश शुरू की। 30 नवंबर 2017 को उनकी पुत्री को कलियर स्थित बस अड्डे से तैय्यब नाम के युवक के पास से बरामद किया गया।
पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर आरोपित युवक के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया। युवती ने कोर्ट में बयान दिए कि तैय्यब उसके फूफा की दुकान पर काम करता था।
वह काफी समय से उससे बातचीत कर रहा था और अकेले मिलने का दबाव बना रहा था। आरोप है कि तैय्यब ने युवती को धमकी दी कि यदि वह उससे मिलने नहीं आई तो वह उसके परिवार को जान से मार देगा।
22 नवंबर 2017 को उसने युवती को काली मंदिर के पास बुलाया और उसे कलियर के एक होटल में ले गया। जहां उसने अपने दो अन्य साथियों मुस्तकीम और अल्ताफ को भी बुला लिया। इसके बाद तीनों ने युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। युवती ने बताया कि तीन दिन तक उसे होटल में कैद रखा गया।
इसके बाद आरोपितों ने कलियर में ही एक कमरा किराये पर लिया और युवती को वहां लेजाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपितों ने विरोध करने पर युवती को बुरी तरह पीटा। पुलिस ने तीनों आरोपितों को तभी गिरफ्तार कर लिया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से इस मुकदमे में नौ गवाह पेश किए गए। जिस पर अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर दोषियों को 20-20 साल जेल की सजा सुनाई। तैय्यब को अपहरण के दोष में भी पांच साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई।
तैय्यब, मुस्तकीम और अल्ताफ तीनों गजरौला अमरोहा उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। साथ ही अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है।
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