देहरादून, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सीड डिवीजन द्वारा प्रायोजित परियोजना ’अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रोधोगिकी परिषद में प्रकोष्ठ की स्थापना’ का संचालन यूकाॅस्ट द्वारा किया जा रहा है। इसके अंतर्गत दिनांक 18 मई २०२२ को यूकाॅस्ट के सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गढ़वाल मंडल के विभन्न जनपदों के जिला अधिकारियों के द्वारा नामित विभिन्न रेखीय विभागों के अधिकारियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री एन एस नपलच्याल, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा की गई। इस अवसर पर उन्होने कहा उत्तराखंड में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदायों के सामने आने वाले विभिन्न कठिनाइयों पर प्रकाश डाला गया, जिन्हें यूकाॅस्ट द्वारा परियोजना के माध्यम से कवर किया जा सकता है। डॉ. राजेंद्र डोभाल, महानिदेशक यूकाॅस्ट, द्वारा विशेषज्ञों का स्वागत किया गया। उन्होने इस अवसर पर जानकारी दी कि इस प्रकोष्ठ के माध्यम से उत्तराखंड की अनुसूचित जाति / जनजाति समुदाय के लिए विभिन्न वैज्ञानिक अनुप्रयोगो के माध्यम से उनकी आजीविका में सुधार किया जायेगा। श्री एस एस पांगती, पूर्व आई ए एस द्वारा आॅनलाइन माध्यम से जुडकर अनुसूचित जाती /जनजाती समुदायों के उत्थान के लिए उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी साज्ञा की गयी। डॉ. विनोद भट्ट ने स्वदेषी एंवम पंारपरिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण और उसके सत्यापन पर ध्यान कंेन्द्रित किया । डॉ. डी पी उनियाल, सयुंक्त निदेशक यूकाॅस्ट द्वारा परियोजना की जानकारी देते हुवे कहा कि उत्तराखंड के सभी १३ जनपदों में अनुसूचित जाती/अनुसूचित जन जाती हेतु प्रकोष्ठ की स्थापना की जानी है, जिसमें जनपद स्तरीय समिति का गठन किया जाना है। डॉ एम् एस रावत, वैज्ञानिक अधिकारी, यूकाॅस्ट ने परियोजना के उद्द्येश्य, गतिविधयों एवं कार्ययोजना की जानकारी प्रतुस्तीकरण के माध्यम से दी, तथा रेखीय विभागों से आये हुवे प्रतिनिधियों से उनके सुझाव मांगे तथा अनुसूचित जाती / जनजाति वर्गों में हो रहे विभिन्न सरकारी कार्यां/योजनाओ की जानकारी साझा की गई।
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