देहरादून। खाद्य विभाग की ‘अपात्र को ना-पात्र का हां’ अभियान के तहत अब तक तीन हजार से ज्यादा लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। ये वो लोग हैं जो सरकार की विभिन्न सस्ता राशन योजनाओं के लिए पात्र नहीं रह गए हैं। मंगलवार को खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने बनबसा से वर्चुअल माध्यम से खाद्य विभाग की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राशन की दुकान के बाहर लाभार्थियों के नाम की लिस्ट भी लगाई जाए। साथ ही वहां सभी योजनाओं के मानक, हेल्पलाइन नंबर-1967 भी लिखना होगा। आर्य ने कहा कि जिस भी ग्राम सभा से अपात्र व्यक्ति का राशन कार्ड सरेंडर होगा, उसी ग्राम सभा के पात्र व्यक्ति का राशन कार्ड बनेगा या जोड़ा जाएगा। जो लोग 15 हजार रुपये मासिक आमदनी से ऊपर आ चुके हैं, वे अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लिए पात्र नहीं हैं। ये लोग 31 मई तक स्वयं अपने कार्ड सरेंडर करा सकते हैं। एक जून से विभागीय स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसमें अपात्र पाए जाने वाले व्यक्ति पर एफआईआर भी की जाएगी और उससे रिकवरी भी की जाएगी।
आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए के लिए अभियान के प्रति राशन कार्ड धारकों को जागरूक करने के लिए नगरपालिका की कूड़ा उठाने की गाड़ियों, घरेलू गैस वितरण के वाहन और पंचायत सचिवों के जरिए जनजागरण भी चलाया जाए। बैठक में खाद्य सचिव एवं आयुक्त सचिन कुर्वे, अपर सचिव व आयुक्त प्रताप शाह, अपर आयुक्त- मुख्यालय पीएस पांगती, दून के डीएसओ जसवंत सिंह कंडारी आदि मौजूद रहे।
एक जून से अपात्र राशन कार्ड धारकों को चिह्नित करने के लिए व्यापाक अभियान चलाया जाएगा। जिन जिन क्षेत्रों में राशन कार्ड निरस्त होंगे, वहां के पात्र परिवारों को जल्द से जल्द रियायती योजनाओं में शामिल किया जाएगा। जो लोग अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र नहीं रह गए हैं, वो लोग राज्य खाद्य सुरक्षा योजना में आने के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन मानक का कड़ाई से पालन करना होगा।
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