मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प और प्रेरणा से उत्तर प्रदेश का नवनिर्माण हो रहा है और यह नए भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की नई रफ्तार पकड़ रहा है और इसकी झलक बीते कुछ महीनों में ना केवल प्रदेशवासी बल्कि देशवासियों ने भी देखी।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश अब एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में पहचाना जाने लगा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जनता को समर्पित हो चुका है और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होने वाला है। वहीं प्रधानमंत्री ने प्रयागराज से मेरठ तक बनने वाले प्रदेश के सबसे बड़े 594 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास हो गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर वाहनों ने फर्राटा भरना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का औपचारिक लोकार्पण किया। लखनऊ से आजमगढ़ और मऊ होते हुए गाजीपुर तक 340.824 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों के फर्राटा भरने से जहां समय के लिहाज से पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच की दूरी कम हो गई है, वहीं व्यापार और वाणिज्य को पंख लगेंगे।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश के 9 जिले लखनऊ, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, बाराबंकी, अमेठी, मऊ और गाजीपुर सीधे तौर पर जुड़े हैं। इन पूर्वांचल के जिलों के साथ सड़क मार्ग से बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए भी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे काफी सहायक होगा। मौजूदा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक विशाल औद्योगिक गलियारा बन जाएगा। ये पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी सीमा से जोड़ देगा, जिसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश का समग्र विकास होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर से लिंक रोड से भी जोड़ा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में बिछाए जा रहे एक्सप्रेस-वे की शृंखला में चाहे वह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हो, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे या फिर गंगा एक्सप्रेस वे, ये सभी उत्तर प्रदेश में सड़क संपर्क बढ़ाने के साथ ही रोजगार के अनेक अवसर भी पैदा करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे जल्द ही इंडस्ट्रियल हब बनाया जाएगा। इंडस्ट्रियल हब बनने से पूर्वांचल के लोगों को रोजगार के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। लोगों को पूर्वांचल में ही बेहतर रोजगार मिल सकेगा। पूर्वांचल देश का विकास मॉडल बनकर उभर सकेगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
चित्रकूट से इटावा तक बन कुल 296 किमी के बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य योगी सरकार करा रही है। अगले साल अप्रैल तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। एक्सप्रेस-वे परियोजना का अब तक 67.29 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यमुना, बेतवा और केन नदी पर पुलों का निर्माण भी चल रहा है। चार लेन चौड़े इस एक्सप्रेस-वे को भविष्य में छह लेन का भी किया जा सकता है। साल के आखिर या जनवरी-फरवरी के बीच इस एक्सप्रेस-वे का एक साइड यातायात के लिए खोलने की तैयारी है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
उत्तर प्रदेश के सुदूर हिस्से वाले बुंदेलखंड को देश की राजधानी दिल्ली से सीधे जोड़ने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे अब नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुंदेलखंड को विकास की सौगात देने का जो सपना संजोया था वह अब लगभग पूरा होने को है, करोड़ों के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का 75 फीसदी से ज्यादा का कार्य अब तक पूरा हो चुका है। कोशिश है कि किसी तरह शेष कार्य भी जल्द से जल्द पूरा कर इसे शुरू कर दिया जाए। इस 296 किमी लम्बे फोर लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग पंद्रह हजार करोड़ रुपये लागत से हो रहा है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट जिले के भरतकूप के पास से शुरू होकर बांदा, हमीरपुर, महोबा और औरैया होते हुए इटावा जिले के कुदरैल गांव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे में जाकर मिल जाएगा। जहां से आगे का सफर लखनऊ-आगरा और यमुना एक्सप्रेस-वे होते हुए नोएडा और दिल्ली तक किया जा सकेगा। देश की राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ जाने के बाद यह मार्ग बुंदेलखंड आने जाने वालों लोगों के समय और संसाधनों के खर्च में भी काफी बचत करेगा। क्षेत्र में रोजगार और उद्योग धंधों के अवसर बढ़ेंगे, डिफेंस कॉरिडोर को फायदा मिलेगा, दूरी घटने से वाहनों में डीजल-पेट्रोल की खपत भी कम होगी।
गंगा एक्सप्रेस-वे
मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी का गंगा एक्सप्रेसवे-वे जब बनकर तैयार होगा तब यह यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। इससे राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार की नई राह खुलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी सरकार के इस मेगा प्रोजेक्ट की आधारशिला 18 दिसंबर को शाहजहांपुर में रखी। इसी जिले में एक्सप्रेसवे पर एयरस्ट्रिप बनेगी। प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस वे प्रयागराज से मेरठ होते हुए कई राज्यों को एक सूत्र में पिरोने वाला है।
इसका लाभ एनसीआर, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों के लोगों को भी मिलने वाला है। गंगा एक्सप्रेस वे आधे से ज्यादा पश्चिमी यूपी के मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं और शाहजहांपुर जिले से गुजरेगा। हापुड़ और बुलन्दशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा। शाहजहांपुर के आगे यह एक्सप्रेस-वे हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ व प्रयागराज तक जाएगा।
शाहजहांपुर जिले में बनाई जाएगी हवाई पट्टी
एक्सप्रेस-वे पर आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर जिले में 3.5 किमी की एक हवाई पट्टी भी बनेगी। एक्सप्रेस-वे साथ औद्योगिक काॅरीडोर बनेगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के बाद अब उत्तरी पूर्वांचल यानि गोरखपुर वाले हिस्से के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। गोरखपुर से करीब 90 किलोमीटर लंबी एक लिंक एक्सप्रेसवे निकल रही है, जो आजमगढ में जाकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलेगी। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे दिसंबर 2022 में तैयार हो जायेगा। इसके बाद इस सड़क से लोग और आसानी से लखनऊ और दिल्ली का सफर तय कर पायेंगे।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जैतपुर गांव के पास एनएच 27 से शुरू होगा और आजमगढ़ के सालारपुर गांव के पास जाकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिल जायेगा। एक्सप्रेसवे की लंबाई 91.35 किमी है। लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ से होकर गुजरेगा। इसकी चौड़ाई फोरलेन होगी, लेकिन इसकी संरचना सिक्स लेन की होगी। इसके एक तरफ 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जा रही है. इससे एक्सप्रेसवे के किनारे रहने वाले ग्रामीण आसानी से आ जा सकेंगे।
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