‘आयुक्त गढवाल मण्डल ने ली अधिकारियों की बैठक, शीघ्र कार्यवाही करने के दिये दिशा-निर्देश’
देहरादून, उत्तराखंड़ उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में आज आयुक्त गढवाल मण्डल सुशील कुमार ने सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर शीघ्र कार्यवाही हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए साथ ही देहरादून में अभियान के तहत अवैध अतिक्रमण पर की गई कार्यवाही की अद्यतन जानकारी लेते हुए गढवाल आयुक्त ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि रेखीय विभाग अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में तेजी लाना सुनिश्चित करेंगे तथा भूमि पर मजबूत दीवार एवं फैसिंग बाड़ लगाना सुनिश्चित करें इस हेतु पर्याप्त मात्रा में बजट की उपलब्धता रहेगी साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमण से मुक्त की गई भूमि को सामुदायिक विकास के कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाए। अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि का नक्शे के माध्यम से अवलोकन कराया जाय ।
बैठक में आयुक्त गढवाल मण्डल ने गत बैठक में दिए गए निर्देश के अनुपालन मेें की गई कार्यप्रगति की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण के सम्बन्ध में दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध प्रशासनिक दण्डात्मक कार्यवाही कर आख्या प्रस्तुत करने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन अधिकारियों के कारण बताओ नोटिस के जवाब आ गए हैं उन पर कार्यवाही की जानी है अथवा नहीं की जानी है का विनिश्चय कर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। 22 कर्मचारी जिनके कारण बताओ नोटिस के उत्तर प्राप्त नहीं हुए हैं ऐसे कार्मिकों पर तत्काल विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ करने हेतु सम्बन्धित विभागाध्यक्ष/नियुक्त अधिकारी को पत्रावली प्रेेषित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून को 05 कार्मिकों पर कार्यवाही हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारी को पत्रावली प्रेषित करने के निर्देश दिए साथ ही 20 अप्रैल तक कार्यवाही की सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मनमोहन लखेड़ा बनाम राज्य व आदि में उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल द्वारा पारित आदेशों के परिपालन में कार्यवाही तेजी लाने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया, मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम अभिषेक रूहेला, अपर नगर आयुक्त जगदीश लाल, मुख्य अभियन्ता सी.एम पाण्डेय, एस.ई (एनएच) लो.नि.वि हरीश पांगती, नगर निगम से अनुपम भटनागर, वेद प्रकाश बधानी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
बिस्सू पर्व की धूम : खुशहाली की मन्नतें मांगी, देवता को अर्पित किये बुरांस के फूल
विकासनगर, जौनसार बावर में 67 साल बाद खत मझियारना के समाल्टा में बिस्सू का फुलियात पर्व मनाया गया। पर्व पर चालदा महाराज मंदिर समाल्टा में हर गांव से ग्रामीण ढोल-दमाऊ रणसिंगे की गूंज के साथ ग्रामीण पहुंचे। जिन्होंने देवदर्शन कर खुशहाली की मन्नतें मांगी और देवता को बुरांस के फूल अर्पित किए।
स्थानीय ग्रामीणों ने लोक संस्कृति के प्रतीक ठोड़ा नृत्य की प्रस्तुति से युद्व कला का प्रदर्शन किया। बिस्सू देखने बाहर से आए पर्यटकों के लिए ठोड़ा नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
बैसाखी की संक्राति से एक दिन पहले मंगलवार को रायगी गांव स्थित शेडकुडिया महाराज और चालदा महासू मंदिर कोटी-बावर में मने बिस्सू मेले के साथ जौनसार-बावर में बिस्सू पर्व का आगाज हो गया था। जिसके बाद अन्य स्थानों पर बिस्सू पर्व की शुरूआत हुई, फुलियात पर्व मनाने बड़ी संख्या में जुटे स्थानीय ग्रामीणों व महिलाओं ने देवता के दरबार में मत्था टेकने के बाद ढोल-दमोऊ व रणसिंघे की थाप पर हारुल के साथ तांदी नृत्य की प्रस्तुति से समा बांधा।
देवघार खत के रायगी गांव में शेडकुडिया महाराज का प्राचीन मंदिर है। देव परंपरा के अनुसार यहां प्रतिवर्ष बैसाखी की संक्राति से एक दिन पहले बिस्सू मेला मनाने का रिवाज है। इसके बाद जौनसार-बावर के अन्य इलाकों में पूरे एक माह तक बिस्सू का जश्न परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा।
क्षेत्र में बिस्सू मेले की शुरुआत रायगी मंदिर से होती है। लोकपरंपरा के अनुसार बिस्सू के दिन रायगी मंदिर के गर्भगृह से शेडकुडिया महाराज की देव पालकी गाजे-बाजे के साथ श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ बाहर निकली। देवता के दर्शन को बड़ी संख्या में जुटे श्रद्वालुओं ने देव पालकी को कंधा लगाकर पुण्य कमाया।
जौनसार-बावर में हर साल अप्रैल से मई माह के बीच मनाए जाने वाले बिस्सू मेले का विशेष एवं परंपरागत महत्व है। ढोल-बाजे के साथ आए ग्रामीणों ने जौनसारी जनजाति समाज की लोक संस्कृति के प्रतीक माने जाने वाले ठोड़ा नृत्य की शानदार प्रस्तुति से अपनी युद्व कला का प्रदर्शन कर समाज की नई पीढ़ी को विरासतन संस्कृति को बचाने के साथ जडों से जुड़े रहने की सीख दी।
लोक संस्कृति के जानकारों ने ठोड़ा नृत्य के समय तीर-कमान से एक दूसरे पर निशाना साधा। सटीक निशान लगाने पर युद्व कला के माहिर देवघार-बावर के ग्रामीणों ने युवाओं के साथ बिस्सू का जश्न मनाया।
प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी, नाराज उक्रांदने डीएम कार्यालय में किया प्रदर्शन
देहरादून, प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी से नाराज उक्रांद के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय में प्रदर्शन किया और अपर सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भेजा। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि प्राइवेट स्कूलों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि प्राइवेट स्कूल हर वर्ष फीस वृद्धि कर मनमानी करने लगे हैं। बेलगाम स्कूलों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। यही नहीं, प्राइवेट स्कूलों और प्रकाशकों की मिलीभगत से किताबों के दामों में भी वर्षवार वृद्धि की जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सख्त निर्देश हैं कि भारत के किसी भी राज्य में कोई भी निजी स्कूल तीन वर्ष में अधिकतम 10 फीसदी ही फीस वृद्धि कर सकता है। हर स्कूल वेबसाइट पर फीस का ढांचा देगा। जिलेवार कमेटी बनाने के भी निर्देश हैं जिसके चेयरमैन डीएम होेंगे और यह कमेटी आयोग की गाइडलाइन का पालन करवाएगी लेकिन उत्तराखंड में आयोग की गाइडलाइन का कहीं पालन नहीं हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं सरकार प्राइवेट स्कूलों को संरक्षण दे रही है।
आरोप लगाया कि कोरोनाकाल के बाद सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में फीस कम करने की जगह मनमानी करने की छूट का आदेश दे दिया है। इसके तहत प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य चार्ज भी पहले की तरह ले सकते हैं। अपर सिटी मजिस्ट्रेट मायाराम जोशी को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नियमावली अविलंब लागू करने, जिलेवार फीस नियंत्रण कमेटी का गठन कर आयोग की गाइडलाइन लागू करवाने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में केंद्रीय महामंत्री सुनील ध्यानी, जय प्रकाश उपाध्याय, लताफत हुसैन, विजय बौड़ाई, विपिन रावत, अनिल डोभाल, किरन रावत, सुलोचना ईष्टवाल, देवेंद्र रावत, पंकज उनियाल, टीकम राठौर, मनोज मिश्रा, जितेंद्र, संजीव शर्मा, मनोज कांबोज शामिल थे।
ईपीएफओ दफ्तरों पर सीबीआई की टीमों ने मारे ताबड़तोड़ छापे, मचा हड़कंप
देहरादून, हल्द्वानी और देहरादून में ईपीएफओ के दफ्तरों में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर सीबीआई की टीमों ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। सीबीआई की पांच-पांच सदस्यीय टीम ईपीएफओ दफ्तरों में पहुंची और एक-एक अभिलेख की गहनता से जांच की। इस दौरान ईपीएफओ दफ्तर के अफसर और कर्मचारियों में हड़कंप और खलबली मची रही। सीबीआइ की टीम सुबह से ही दस्तावेजों की जांच कर रही है।
सीबीआई सूत्रों की मानें तो ईपीएफओ देहरादून और हल्द्वानी में लगातार गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी। बुधवार को सीबीआई देहरादून ने 5-5 सदस्यीय दो टीम बनाकर देहरादून जीएमएस रोड और हल्द्वानी स्थित दफ्तर भेजी। आज दोनों टीमें दफ्तर खुलते ही अंदर छापेमारी में जुट गई। आज बुधवार को सीबीआई की एक टीम ने हल्द्वानी में कर्मचारी भविष्य निधि के ऑफिस में 2021-22 वित्तीय वर्ष के अभिलेखों को जांचा। टीम के पहुंचने के बाद से कर्मचारियों में खलबली मच गई। दोनों दफ्तर में पड़ताल की फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद जो भी खामियां सामने आएंगी, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। भविष्य निधि एक ऐसा संस्थान है जो हर दूसरे व्यक्ति चाहे वह निजी हो या सरकारी सेवा में हो, संबंध जरूर रहता है। कई लोग अपने पीएफ का पैसा निकालने से लेकर नया खाता बनाने और अन्य संबंधित मामलों में हेराफेरी की अक्सर शिकायत करते रहे हैं |
अध्यापकों की नियुक्ति एवं पदोन्नति से सम्बन्धित प्रकरणों के लिए स्पष्ट रोड मैप तैयार किया जाय : विद्यालयी शिक्षा मंत्री
देहरादून, विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने आज शिक्षा विभाग की विभागीय समीक्षा की गयी। समीक्षा बैठक राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, उत्तराखण्ड के सभाागार कक्ष में आयोजित की गयी। बैठक में सचिव, विद्यालयी शिक्षा श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम एवं महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। बैठक के प्रारम्भ में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा माननीय मंत्री जी, विद्यालयी शिक्षा का अभिवादन किया गया तथा उनकी अनुमति के साथ डॉ. मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक से सम्बन्धित बिन्दुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। मंत्री जी द्वारा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, एस0सी0ई0आर0टी0, समग्र शिक्षा एवं मध्याह्न भोजन योजना की अलग-अलग समीक्षा की गयी तथा तद्नुसार निम्नवत् दिशा-निर्देश दिये गये-
– प्रत्येक स्तर पर अध्यापकों की नियुक्ति एवं पदोन्नति से सम्बन्धित प्रकरणों के लिए स्पष्ट रोड मैप तैयार किया जाये तथा निर्धारित समयान्तर्गत कार्य पूरा भी किया जाये। इसी क्रम में उनके द्वारा प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति से सम्बन्धित कार्य को 15 मई, 2022 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गये। अधिकारियों के डी.पी.सी. के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि शासन को यथावश्यक प्रस्ताव उपलब्ध कराये जायं तथा शासन स्तर पर यथावश्यक समन्वयन भी किया जाय। मिनिस्ट्रियल स्टाफ के रिक्त पदों को पदोन्नति में भी तेजी लायी जाय तथा निर्धारित समयसीमा का पालन किया जाय। सुविधा जनक स्थानों से पदोन्नति पर न जाने वाले कार्मिकों के द्वारा बार-बार पदोन्नति को स्थगित रखने पर उन्हें अगली पदोन्नति में सम्मिलित न किये जाने के लिए यदि नियमावली में परिवर्तन किये जाने की आवश्यकता हो तो विभागीय स्तर से तदनुसार प्रस्ताव तैयार किया जाने के निर्देश दिये गये।
– राज्य में विद्यालयी शिक्षा से वंचित बच्चों की वास्तविक संख्या की जानकारी प्राप्त करने एवं सभी बच्चों को विद्यालयी शिक्षा से जोड़े जाने हेतु सर्वेक्षण किये जाने के निर्देश दिये गये तथा इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा के लिए नोडल अधिकारी भी नामित करने के निर्देश दिये गये। सचिव विद्यालयी शिक्षा द्वारा इस सन्दर्भ में निर्देश दिये गये कि विभागीय स्तर से श्रम विभाग से समन्वयन स्थापित करते हुए बाल श्रम में लगे बच्चों की सूचना प्राप्त कर ली जाय।
– बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल में सुधार हो सके, इसके लिए माननीय मंत्री जी द्वारा प्रत्येक वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित किये जाने निर्देश दिये गये तथा अगले वर्ष हेतु लक्ष्य 90 प्रतिशत रखा जाय।
– विद्यालयों में भौतिक संसाधनों के अभाव को देखते हुए माननीय मंत्री जी द्वारा प्रकरण की विस्तरित समीक्षा की गयी। उनके द्वारा प्रत्येक स्तर पर भौतिक संसाधनों के गैप का विश्लेषण करने तथा गैप को दूर किये जाने के लिए सभी सम्भावित स्रोतों यथा- राज्य सेक्टर, जिला योजना, नाबार्ड, एम0पी0/एम0एल0ए0 फण्ड, विशेष सहायतित योजना, समग्र शिक्षा, औद्योगिक घराने, सी0एस0आर0 के अन्य स्रोत आदि का संज्ञान लेते हुए आगामी तीन वर्षों में विद्यालयों में सभी भौतिक संसाधनों को उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। इसी क्रम में उनके द्वारा राज्य सरकार के स्तर से की जाने वाली माँग से सम्बन्धित बजट प्रस्ताव से अवगत कराये जाने के निर्देश दिये गये। इस वित्तीय वर्ष में उनके द्वारा शत्-प्रतिशत विद्यालयों में शत् प्रतिशत बच्चों को फर्नीचर उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए विभागीय योजना बनाने के निर्देश दिये गये।
– विद्यालयों के उच्चीकरण के संदर्भ में उनके द्वारा निर्देश दिये गये कि माननीय विधायकों द्वारा उच्चीकरण हेतु उपलब्ध कराये जाने वाले प्रस्तावों का तत्काल संज्ञान लेते हुए निर्धारित मानकों के अनुरूप उनकी मैपिंग की जाये।
– राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पृथक से चर्चा करने के निर्देश के साथ ही उनके द्वारा निर्देश दिये गये कि राज्य में बाल वाटिका संचालित किये जाने हेतु सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वयन बैठक आयोजित की जाये तथा बाल वाटिका के संदर्भ मंे जनसमुदाय से ऑनलाइन सुझाव भी लिये जाने की कार्यवाही की जाये।
– राज्य के कमजोर वर्गों के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को मेडिकल एवं इंजिनियरिंग की तैयारी के लिए अवसर उपलब्ध कराये जाने के लिए सुपर-100 कार्यक्रम के लिए ठोस रणनीति बनाई जाये तथा इन्हें आवासीय कोचिंग दी जाये, जिसमें बच्चों एवं कोचिंग देने वाले शिक्षकों का चयन पारदर्शिता के आधार पर किया जाये।
– माननीय मंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये कि विभागीय स्तर पर जो नियमावली बननी है यथा डायट, राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय, सीमैट आदि उनके लिए विभागीय स्तर पर अधिकारी नियुक्त किये जायें तथा तत्काल नियमावली तैयार कर सक्षम स्तर पर अनुमोदन हेतु उपलब्ध करायी जाये।
– निजी विद्यालयों में अध्ययनरत् बच्चों के शुल्क के सम्बन्ध मंे समय-समय पर अभिभावकों की शिकायत न रहे इसके लिए फीस अधिनियम बनाये जाने हेतु तत्काल कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये।
– विद्यालयों एवं शिक्षकों को समय-समय पर प्रोत्साहित किये जाने के दृष्टिगत निर्देश दिये गये कि प्रत्येक पाँच अच्छे विद्यालयों तथा उनके शिक्षकों को चिह्नित किये जाने के निर्देश दिये गये तथा उन्हें प्रत्येक वर्ष पुरस्कार दिये जाने हेतु कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। शैलेश मटयानी पुरस्कार के अन्तर्गत राज्य सरकार सीधे पाँच श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कृत कर सके इसके लिए शैलेश मटयानी पुरस्कार की नियमावली में आवश्यक संशोधन किये जाने हेतु कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये।
– माननीय मंत्री जी द्वारा शिक्षा व्यवस्था एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अन्य राज्यों में किये जा रहे उत्कृष्ट प्रयासों का संज्ञान लेते हुए उनमें से राज्य हित में अच्छे प्रयासों का क्रियान्वयन किये जाने के लिए आवश्यक योजना तैयार करने के भी निर्देश दिये गये।
– शिक्षकों के स्थानान्तरण के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाये जाने के लिए अन्य राज्यों एवं केन्द्र की स्थानान्तरण नीति का अध्ययन कर लिया जाये तथा तद्नुसार जनहित में राज्य के लिए स्थानान्तरण अधिनियम में यथावश्यक संशोधन किये जाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाये।
– सचिव विद्यालयी शिक्षा द्वारा प्रत्येक कक्षा के लर्निंग आउटकम को प्राप्त करने हेतु किये जा रहे प्रयासों के साथ ही बच्चों में तर्क शक्ति के विकास आदि के लिए भी कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। उनके द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत निर्धारित टॉस्क को समय सीमा के अन्तर्गत प्राप्त किये जाने हेतु ठोस रणनीति बनाये जाने एवं उसे क्रियान्वित किये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में श्री आर0के0 कुँवर, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, श्रीमती बन्दना गर्ब्याल, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा, श्री आर0के0 उनियाल, अपर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, डॉ0 आर0डी0 शर्मा, अपर निदेशक, एस0सी0ई0आर0टी0, मो0 गुलफाम अहमद, वित्त नियंत्रक आदि उपस्थित रहे।
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