नई दिल्ली: कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की लोकसभा में मांग की।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के सांसद तापिर गाव ने सड़क निर्माण के लिये सरकार की सराहना करते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी देश में सड़कों का जाल बिछाने वाले ‘स्पाइडरमैन’ बताया।
लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के लिए नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर गत बुधवार को आरंभ हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए वाईएसआर कांगेस पार्टी के एम भारत ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में अमरावती और हैदराबाद के बीच सड़क संपर्क को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि इसमें क्या प्रगति हुई है। कांग्रेस के एमके विष्णु प्रसाद ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने सड़क निर्माण में जो काम किया था, उस कारण आज सड़कों के मामले में भारत दुनिया में नंबर दो पर है।
उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता में जर्मनी नंबर एक है, लेकिन भारत का 44वां स्थान है। सरकार सड़कों की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान नहीं दे रही है। प्रसाद ने कहा कि सड़क सुरक्षा पर आवंटित बजट का करीब दो प्रतिशत ही खर्च हो रहा है, जबकि अमेरिका में बजट का छह फीसदी खर्च होता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि सड़क सुरक्षा पर उसे गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के तापिर गाव ने कहा कि मैंने नितिन गडकरी का नाम ‘स्पाइडरमैन’ रख दिया है क्योंकि जैसे मकड़ा जाल बिछा देता है उसी तरह उन्होंने सड़कों का जाल बिछा दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आने के बाद चीन से लगी सीमा के निकट सड़कों का निर्माण का काम तेजी से चल रहा है।
अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्य ने अपने राज्य में कई सड़कों के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी है तो मुमकिन है, गडकरी है तो मुमकिन है। गाव ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि ‘स्पाइडरमैन’ जिस गति से सड़कें बना रहे हैं, उसे आगे बढ़ाते रहेंगे। देश और पूर्वोत्तर इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा।
समाजवादी पार्टी के एसटी हसन ने मुरादाबाद से गुजरने वाले कुछ राजमार्गों के अधूर पड़े कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय को इस पर ध्यान देना चाहिए। चर्चा में हिस्सा लेते हुए जनता दल (यूनाइटेड) के चंद्रेश्वर प्रसाद ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होनी वाली मौतों से देश को तीन फीसदी जीडीपी का नुकसान होता है। मंत्रालय को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ज्यादा कारगर कदम उठाने चाहिए।
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