देहरादून: कहते हैं रात कितनी ही लम्बी क्यो न हो सवेरा तो होता ही है ये कहावत डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी पर सटीक बैठती हैं विगत तीस सालों से पर्यावरण संरक्षण, संवर्द्धन व वृहद पौधारोपण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने व पौधे उपहार में देने तथा जन्मदिन पर पौधों को लगाने के प्रेरणास्रोत पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी को राठ महोत्सव में समलौंण संस्था ने स्मृति चिन्ह व शॉल ओढ़ाकर 2022 समलौंण सम्मान से सम्मानित किया। बताते चलें कि डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी मूलतः जनपद चमोली के दूरस्थ विकासखंड देवाल ग्राम पूर्णा के रहने वाले है उनकी एक से बारहवीं तक की शिक्षा देवाल में और उच्च शिक्षा पीजी कालेज गोपेश्वर व बिरला परिसर श्रीनगर से हुई हैं। वर्तमान में वे राजकीय इण्टर कालेज मरोड़ा (सकलाना) में प्रवक्ता भूगोल के पद पर कार्यरत हैं। सम्मानित होने पर वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी संस्था का अभिवादन करते हुए कहते हैं छात्रों के उत्तम भविष्य बनाने के साथ पर्यावरण संरक्षण की ये दो जिम्मेदारी प्रकृति ने मुझे दी हैं जबतक जीवन हैं उसे मैं निभाता रहूंगा। संस्थापक समलौंण वीरेंद्र दत्त गोदियाल ने कहा विगत कई सालों की सक्रियता वृक्षमित्र डॉ सोनी की समाज को एक प्रेरणा दे रही है इस प्रकृति से वे कितना लगाव रखते हैं वह उनके पहनावे से ही दिख जाता हैं संरक्षक भुवन नौटियाल कहते है समलौंण संस्था ऐसे लोगो को आगे लाती हैं जो इस धरा के लिए कार्य कर रहे हैं ताकि ये प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो सके वही अध्यक्ष समलौंण मनोज रौथाण कहते है डॉ सोनी इस धरा के लिए एक मानव नही बल्कि उपहार है जो सततरुप से पर्यावरण के लिए कार्य कर रहे है उन्हें सम्मानित करके हमारी समलौंण संस्था अपने आप को गौरवान्वित कर रही हैं उन्होंने देववृक्ष रुद्राक्ष व फाइक्स के पौधे उपहार में भेंट भी किये। कार्यक्रम में सुरेंद्र सिंह नेगी, मातबर सिंह वर्त्वाल, मुख्य अतिथि विजय मोहन पैनुली, रमेश चंद्र बोडाई, दिनेश चंद्र खंकरियाल, पं0 महावीर प्रसाद नौडियाल, सावित्री मंमगाई, सुनीता भंडारी, भारती, आशा देवी, नरेंद्र सिंह नेगी प्रधानाचार्य, धनसिंह घरिया, सतेंद्र भंडारी, महेश पोखरियाल, डॉ देवकृष्ण थपलियाल, रेखा गुंसाई, सतेश्वरी पैलार, सुनीता पैठाणी आदि थे।
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