पिथौरागढ़, हिमाचल में गुरुवार को हुए दमन का सीमांत के पंचायत प्रतिनिधियों ने विरोध किया। कहा कि हिमाचल में भाजपा सरकार की अब इस घटना के बाद उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने गुरुवार को हिमाचल में पुरानी पेंशन बाली की मांग को लेकर विधानसभा घेराव कर रहे कर्मचारियों पर किए गए लाठीचार्ज की कठोर शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दमन कर कर्मचारियों की आवाज को दबा नहीं सकती है।
मर्तोलिया ने हिमाचल की आंदोलित कर्मचारियों के साथ अपनी एकजुटता दर्शाते हुए कहा कि अटल सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को बंद कर नई। लागू स्कीम के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले पेंशन राशि पर और सहमति जताते हुए पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरे देश में उठाई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में भाजपा की सरकार 3 मार्च को हुई रैली में कर्मचारियों का जिस प्रकार से दमन कर रही है, वह लोकतंत्र तथा संविधान की भावनाओं के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के ऊपर घोड़े दौड़ गए है।लाठीचार्ज तथा पानी की बौछार से हजारों कर्मचारी घायल हो गए है।
उन्होंने कहा कि मोदी के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा को आम कर्मचारियों के इस प्रमुख मांगो से कोई लेना देना नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जनप्रतिनिधि हिमाचल के कर्मचारियों के साथ खड़े होकर सरकारों की धनात्मक नीति का पुरजोर विरोध करते है।
कहा कि सरकार सत्ता के मद में चूर होकर मोदी के नाम का भरोसा मन में रखकर जिस तरह से पुलिस द्वारा दमन करवा रही है।इसका पूरे देश में विरोध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार को वहां के कर्मचारियों से माफी मांगते हुए तत्काल राजस्थान सरकार की तरह पेंशन बहाली के लिए आगे आना चाहिए।
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