देहरादून, उत्तराखंड़ सचिवालय में तैनात समीक्षा अफसर को विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सचिवालय में कामकाज पर रिश्वत लेने वर्तमान भ्रष्टाचार की तमाम चर्चाएं पहले से चलती रही है लेकिन आचार संहिता अवधि में हुई गिरफ्तारी कई बड़े सवाल भी खड़े कर रही है। सिंचाई विभाग में तैनात समीक्षा अधिकारी कमलेश थपलियाल को ₹75000 रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। कमलेश ने सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त एक अभियंता के रुके भुगतान कराने की एवज में बतौर रिश्वत यह रकम देने को कहा था। कमलेश ने सेवानिवृत्त अभियंता को आज सचिवालय में पैसे लेकर आने को कहा था।
विजिलेंस की टीम सचिवालय में तैनात इस अधिकारी से पूछताछ कर रही है | विजिलेंस से मिली जानकारी के मुताबिक महेश चन्द्र अग्रवाल ने शिकायत दी थी कि वह 30 अप्रैल 2008 को सिंचाई विभाग से कनिष्ठ अभियंता के पद से रिटायर हुये और वर्ष 2013 में सिंचाई विभाग द्वारा ग्रेज्युटि में से कुछ धनराशि कटौती की गयी थी, जिस पर उन्होंने न्यायालय में केस दायर किया, उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में 22 फरवरी 2022 को उत्तराखण्ड़ शासन के सिंचाई विभाग में नियुक्त अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित ने फोन कर उन्हें बुलाया | हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दाखिल न करने और देय भुगतान कराने के लिये उनसे एक लाख रिश्वत की मांग की गयी, परनतु सौदा 75 हजार में तय हुआ और अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित ने समीक्षा अधिकारी के पी थपलियाल को रिश्वत की रकम लेने सचिवालय गेट के बाहर भेजा, जहां विजिलेंस की टीम ने समीक्षा अधिकारी को रिश्वत की 75 हजार रकम लेते पकड़ लिया, निदेशक सर्तकता ने ट्रेप टीम को पारितोषिक देने की भी घोषणा की |
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