नई दिल्ली, कोरोना वायरस के मामले धीरे धीरे कम हो रहे हैं। जिसके साथ ही तीसरी लहर लगभग खात्मे की ओर है। लेकिन ऐसा नहीं कि कोरोना का खतरा टल गया हो। इस बारे में IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी दी है कि कोरोना की चौथी लहर, जून के मध्य या आखिर तक आ सकती है। ये चेतावनी IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद दी है। शोध में एक सांख्यिकीय मॉडल का इस्तेमाल किया गया और उसके नतीजों से पता चलता है कि अगली लहर लगभग चार महीने तक रहेगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक जो डेटा निकलकर सामने आया है, वो इस तरफ इशारा करता है कि भारत में कोविड-19 की चौथी लहर, शुरुआती डेटा की उपलब्ध तारीख से 936 दिनों के बाद आएगी. और यह तारीख थी 30 जनवरी, 2020। भारत में कोविड की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है और अगस्त के मध्य या अंत तक चरम पर पहुंच सकती है। हालांकि, भारत में इस लहर की गंभीरता वायरस के वैरिएंट की प्रकृति और कोविड वैक्सीनेशन की स्थिति पर निर्भर करेगी।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने आयोजित की गोष्ठी और प्रदर्शनी, दून के पांच स्कूलों के छात्रों ने लिया भाग
देहरादून, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भारतीय सर्वेक्षण विभाग के मानचित्र प्रकाशन निदेशालय और मानचित्र अभिलेख एवं प्रसार केंद्र की ओर से विभाग के हाथीबड़कला स्थित परिसर में एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण विषय पर गोष्ठी व प्रदर्शनी आयोजित की गई।जिसमें दून के पांच स्कूलों के 500 से अधिक छात्रों ने विशेषज्ञों द्वारा जीआईएस, नमामि गंगे एवं स्वामित्व योजनाओं के बारे में जानकारी ली। क्विज और वाद- विवाद प्रतियोगिता में छात्रों ने उत्साह दिखाया। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत किया गया।
हाथीबड़कला स्थित विभाग के कार्यालय परिसर में सोमवार को मानचित्र प्रकाशन निदेशालय के निदेशक कर्नल अरविंद जदली ने कहा कि एक समय था जब किसी भी स्थान के सर्वे में काफी दिन लगते थे साथ ही अधिक संख्या में लोग की जरूरत होती थी। कार्य भी लंबे समय के बाद पूरा होता था, लेकिन आज जीआईएस के माध्यम से इसे आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि छात्रों को भी इस दिशा में रुचि दिखानी चाहिए। जिससे उन्हें बदलते हुए कार्यों के बारे में जानकारी मिल सके। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने आधुनिक डिजिटल प्रिंटिंग मशीन, ड्रोन उपकरण, स्वामित्व योजना के तहत डिजिटाइजेशन सम्बंधी कार्यों के बारे में जाना। विभाग की ओर से परिसर में दमकल केंद्र ने मॉक ड्रिल के ज़रिए छात्रों को आपदा के समय बचाव के प्रति जागरूक किया।
राज्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की असीम संभावनाएं : दास
यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आइआरडीई) के निदेशक डा. बीके दास ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में विज्ञान प्रौद्योगिकी विकास की असीम संभावनाएं हैं। यहां प्राकृतिक संसाधन के रूप में जल, जंगल और जमीन हैं। जिस राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की अधिकता और जैव विविधता पाई जाती है, वहां अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलता है।
दून के झाझरा स्थिति यूकास्ट के विज्ञान धाम में आयोजित विज्ञान महोत्सव में डा. बीके दास बतौर मुख्यअतिथि शामिल हुए। महोत्सव में आगामी 25 वर्षों के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की संभावनाएं विषय के अंतर्गत विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किए गए। इस दौरान दास ने विभिन्न मिसाइल और सेटेलाइट कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के कण-कण में विज्ञान छिपा है, आवश्यकता है इसे समझने की। उन्होंने छात्रों से कहा कि इसी प्रकृति से ही आपको सारे जवाब मिलेंगे। समारोह में विशिष्ट अतिथि वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलाजी के पूर्व निदेशक डा. बीआर अरोड़ा ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने भूकंप के प्रकार, भूकंप के कारण और भूविज्ञान की शब्दावली से अवगत कराया। कार्यक्रम में यूकास्ट के निदेशक डा.डीपी उनियाल, डा. बीपी पुरोहित, डा. आशुतोष मिश्रा, इंजीनियर जितेंद्र, अमित पोखरियाल, डा. अपर्णा शर्मा, यूकास्ट का समस्त स्टाफ, बायोटेक काउंसिल का स्टाफ और ग्राफिक एरा विवि विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लिया।
चारधाम यात्रा : जनपदों में स्थापित होंगे कंट्रोल रूम, आयुक्त गढ़वाल मंडल ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की ली बैठक
ऋषिकेश, इस साल होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार ने पुलिस प्रशासन सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में चार धाम यात्रा संचालन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। सोमवार को हुई बैठक में कहा गया कि 15 अप्रैल से पहले ही यात्रा पर जाने वाली परिवहन कंपनियों की बसों की संख्या और संयुक्त रोटेशन का गठन सुनिश्चित कर लिया जाएगा। 21 मार्च तक उन्होंने सभी विभागों को तैयारियों को पूरा करने के निर्देश दिए।
नगर निगम सभागार में आयोजित बैठक में आयुक्त ने सभी विभागों की सिलसिलेवार तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की असुविधा से संबंधित लिखित या फिर सोशल साइट पर मिलने वाली शिकायतों का तत्काल निस्तारण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग संयुक्त रोटेशन की स्थापना और बसों की संख्या का निर्धारण करेगा। रोटेशन समिति प्रतिदिन बसों और यात्रियों की संख्या संबंधित सूचना परिवहन विभाग और यात्रा प्रशासन को देगा। बसों की कमी होने पर 20 दिन पूर्व ही परिवहन विभाग को सूचित करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड परिवहन निगम भी यात्रा सीजन में यात्रियों की संख्या वृद्धि को देखते हुए बसों का संचालन धाम के अनुसार करेगा। निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर अस्थाई चिकित्सा केंद्र समय पर बन जाने चाहिये। इनमें चिकित्सकों की तैनाती और उपयोगी दवाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में कार्डियोलाजिस्ट विशेषज्ञ की तैनाती होगी। यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य निरीक्षकों को भी तैनात किया जाएगा।
आयुक्त ने कहा कि जिलाधिकारियों के स्तर पर अपने यहां एयर एंबुलेंस की व्यवस्था शासन से करवाई जाएगी। यात्रा बस टर्मिनल ऋषिकेश में यात्री चिकित्सा केंद्र स्थापित होगा। 15 अप्रैल तक यात्रा मार्गों के सभी कस्बों और गांव के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था स्थानीय निकाय की ओर से पूरी कर ली जाएगी। जरूरत के अनुसार यात्रा मार्ग पर शौचालय और कूड़ा दान की व्यवस्था होगी। चार धाम यात्रा क्षेत्र में पॉलिथीन और प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से वर्जित रहेगा। इस पर दंडात्मक कार्रवाई भी होगी। आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार ने यात्रा मार्ग से जुड़े सभी तहसील क्षेत्र में उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह मुख्य मार्गों से अतिक्रमण हटाकर यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने का काम करें। इसमें पुलिस प्रशासन पूरा सहयोग करेगा।
बैठक में अपर आयुक्त गढ़वाल नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, डीआइजी परिक्षेत्र करण सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे, एसएसपी हरिद्वार वाईएस रावत, जिलाधिकारी चमोली विजय शंकर जोगदंडे, एसपी चमोली श्वेता चौबे, एसपी उत्तरकाशी प्रदीप राय, अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी मनीषा जोशी, आरटीओ प्रशासन दिनेश पठौई, आरटीओ यातायात सुनील शर्मा, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. उमाशंकर कंडवाल, सीएमओ टिहरी संजय जैन, नगर आयुक्त ऋषिकेश गिरीश चंद्र गुणवंत, सीएमओ पौड़ी डा. प्रवीण कुमार, आरएफसी गढ़वाल बीएल राणा, मुख्य अभियंता ऊर्जा निगम रजनीश अग्रवाल, सीइओ बदरी केदार मंदिर समिति बीडी सिंह, एजीएम पर्यटन जीएमवीएन एसपीएस रावत, अपर जिलाधिकारी देहरादून रामजी शरण शर्मा, अपर जिलाधिकारी उत्तरकाशी टीपी सिंह, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश अपूर्वा पांडे, एआरटीओ ऋषिकेश अरविंद कुमार पांडे, एआरएम रोडवेज ऋषिकेश पीके भारती, तहसीलदार अमृता शर्मा, सीओ ऋषिकेश डीसी ढौंडियाल आदि अधिकारी मौजूद रहे |
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