Thursday, November 28, 2024
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खास खबर : केंद्रीय विद्यालयों में नए सत्र 2022-23 के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 28 फरवरी से शुरू, वेबसाइट पर भर सकते हैं एप्लीकेशन फॉर्म

देहरादून, केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले को लेकर केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। जिसके अनुसार कक्षा एक के साथ अन्य कक्षाओं में भी सीटें खाली रहने पर नामांकन किया जा सकता है।

कक्षा एक में नामांकन की प्रक्रिया में संगठन ने महत्वपूर्ण बदलाव किया है। कक्षा एक में नामांकन के लिए आयु सीमा पहले पांच साल निर्धारित थी। अब इसमें एक साल का विस्तार दिया गया है। अब कक्षा एक में छह साल की उम्र में दाखिला लिया जा सकेगा। कक्षा एक में नामांकन को पंजीकरण 28 फरवरी से आनलाइन प्रांरभ हो रहा है। पंजीकरण केंद्रीय विद्यालय संगठन की वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर किए जा सकेंगे।

इस बार मोबाइल एप से भी आनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी गई है। कक्षा एक में नामांकन की पहली मेरिट लिस्ट 25 मार्च को जारी की जाएगी। इसके बाद दूसरी और तीसरी लिस्ट क्रमश: एक अप्रैल और आठ अप्रैल को जारी की जाएगी।

दाखिला शेड्यूल :
कक्षा एक : आनलाइन रजिस्ट्रेशन -28 फरवरी से 21 मार्च तक
पहली से तीसरी चयन सूची – 25 मार्च से आठ अप्रैल के बीच

कक्षा दो के लिए रजिस्ट्रेशन : आठ से 16 अप्रैल तक
कक्षा दो से आगे की कक्षाओं के लिए सूची जारी- 21 से 28 अप्रैल
कक्षा नौ तक प्रवेश की अंतिम तिथि -30 जून

कक्षा एक में इन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत :

बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की स्कैन कॉपी, बच्चे की पासपोर्ट साइट फोटो या स्कैन की गई फोटो।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के तहत आवेदन कर रहे हैं तो सरकारी प्रमाण पत्र।
पैरेंट्स या गार्जियन की ट्रांसफर डिटेल्स जो एप्लीकेशन क्रेडेंशियल में इस्तेमाल हुई हैं।

केवीएस की आरिक्षत सीटें :

योग्य छात्रों का प्रवेश केवल सेवा प्राथमिकता श्रेणी से राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के अनुसार होगा। दोनों कैटेगरीज में प्रवेश के बाद आरक्षण कोटा वाले छात्रों को मौका मिलेगा। नए एडमिशन के लिए उपलब्ध सीटों में से 25 प्रतिशत शिक्षा का अधिकार के लिए, 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिए, 7.5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लिए और 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी।

 

प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन को बहाल न करके कर्मचारियों की जनभावनाओं को किया नजर अंदाज : पैन्यूली

देहरादून, पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया है। शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रांतीय अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन को बहाल न करके कर्मचारियों की जनभावनाओं को नजरअंदाज किया है। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताया कि अगर सरकार ने जल्द पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो कर्मचारी जनांदोलन के लिए बाध्य होंगे। इसके अलावा उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल का स्वागत करते हुए उनका धन्यवाद भी जताया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के सभी दस महासंघ इस आंदोलन के साथ हैं। अगर नई सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो कर्मचारियों को आंदोलन के लिए बाध्य होना होगा।
राजस्थान सरकार की ओर से लाखों कार्मिकों के हित में पुरानी पेंशन बहाली के निर्णय का राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने स्वागत किया है। साथ ही अन्य राज्यों में भी यह मांग उठाई है। इसके लिए 27 फरवरी को इंटरनेट मीडिया पर अभियान भी चलाया जाएगा। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि अन्य राज्यों के नई पेंशन योजना आच्छादित कार्मिकों को उम्मीद है कि जल्द पुरानी पेंशन बहाल होगी। मोर्चा के नेतृत्व में देश के तमाम कार्मिक सड़क से सदन तक पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं। देश के कोने-कोने से पुरानी पेंशन बहाली की आवाज उठ रही है। अब मोर्चा ने निर्णय लिया है कि 27 फरवरी को ट्विटर महा अभियान के जरिये #RestoreOPS_likeRajasthan लिखकर आवाज उठाई जाएगी।

अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संगठन ने पुरानी पेंशन बहाली के निर्णय का स्वागत करते हुए राजस्थान सरकार का आभार जताया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश त्यागी ने कहा कि देश के सभी राज्यों में शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए।

पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन ने उत्तराखंड में राजनीतिक दलों से पुरानी पेंशन बहाल करने की आस जताई है। आंदोलन के प्रांतीय महामंत्री मुकेश रतूड़ी ने कहा कि राजस्थान में पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई है। उत्तराखंड में चुनाव पूर्व कुछ राजनीतिक दलों ने भी इस संबंध में आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि वह सत्ता में आकर पुरानी पेंशन बहाल करेंगे।

 

यूक्रेन में फंसे कुमाऊं के 60 छात्र, जिलाधिकारियों ने शासन को भेजी सूची

हल्द्वानी, यूक्रेन पर रूस के हमले से सहमे भारतीयों को निकालने की भारत सरकार ने कौशिश तेज कर दी है। सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर और जिलाधिकारियों द्वारा मांगी गई सूची के आधार पर अभी तक कुमाऊं में 60 लोग सूचीबद्ध किए गए हैैं। बागेश्वर जिले से कोई भी यूक्रेन में नहीं फंसा है। बाकी जिलों जिलाधिकारियों ने सूची शासन को भेज दी हैै। देर रात तक सूची अपडेट की गई। वहीं ऊधमसिंह नगर में दो छात्राओं की जानकारी सुबह पता चली, जिसे अपडेट किया जा रहा है।

यूक्रेन पर रूस की बमबारी का परिणाम जो भी होगा, लेकिन उत्तराखंड में अधिकांश लोगों की धड़कने लगातार बढ़ती जा रही हैैं। शुक्रवार शाम तक प्रशासन को आपातकालीन नंबरों पर मिली रिपोर्ट के मुताबिक कुमाऊं के ही करीब 60 लोग यूक्रेन में हैं। इसमें सर्वाधिक संख्या 34 ऊधमसिंह नगर जिले से है। उसके बाद नैनीताल जिले से 19, पिथौरागढ़ जिले से दो, चम्पावत जिले से पांच तथा अल्मोड़ा जिले से एक व्यक्ति के यूक्रेन में होने की सूचना है | बागेश्वर जिला प्रशासन को एक भी सूचना जिलेभर से प्राप्त नहीं हुई है। प्रशासन प्राप्त नामों की सूची शासन में इसके लिए नामित किए गए दो नोडल अधिकारियों को उपलब्ध करा रहा है। ताकि भारत सरकार के स्तर से इन लोगों को वहां से सुरक्षित भारत लाने की कार्यवाही की जा सके।

 

कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश ने वर्तमान समय में यूक्रेन में मौजूद हल्द्वानी के बच्चों और नागरिकों के परिजनों से फोन पर की वार्ता

(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूक्रेन में उत्पन्न महासंकट के समय यूक्रेन में मौजूद हल्द्वानी के बच्चों की सलामती को लेकर चिंतित कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश ने की भगवान से की प्रार्थना और सकुशल घर वापसी के लिए मा.मुख्यमंत्री (उत्तराखंड) से की अविलंब उचित कार्यवाही की मांग।

कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश ने वर्तमान समय में यूक्रेन में मौजूद हल्द्वानी के बच्चो और नागरिकों के परिजनों से फोन पर वार्ता कर मौजूदा हालातो पर चर्चा की और भरोसा दिया कि सभी बच्चो की सकुशल घर वापसी के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।
इसी क्रम में सुमित हृदयेश ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से फ़ोन पर बात कर यूक्रेन में मौजूद उत्तराखंडवासियों को हर हाल में सकुशल घर वापसी कराये जाने को लेकर अविलंब उचित कार्यवाही किये जाने की बात कही।
सुमित हृदयेश ने बताया कि वैसे तो यूक्रेन के विभिन्न शहरों में हल्द्वानी सहित उत्तराखंड के सैकड़ो लोग फसे है और यहाँ उनके परिजन परेशान है। सभी के साथ मेरी व्यक्तिगत भावनाएं जुड़ी है।
यूक्रेन की राजधानी कीव में भी हल्द्वानी के दो बच्चें अभी मौजूद है, जिनकी कुशलता के लिए और सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र भारत वापसी के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं।
उम्मीद करता हु की जल्द ही हमारे सारे बच्चे जल्द हमारे बीच होंगे।

 

 

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